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सीसीटीवी फुटेज से झारखंड में मचा सियासी बवाल, कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच प्रदीप यादव का बड़ा बयान; बोले- मुझे रोकने और बदनाम करने की...

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता प्रदीप यादव और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी की मुलाकात से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद नया सियासी विवाद खड़ा हो गया है. प्रदीप यादव ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे साजिश करार दिया है.

सीसीटीवी फुटेज से झारखंड में मचा सियासी बवाल, कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच प्रदीप यादव का बड़ा बयान; बोले- मुझे रोकने और बदनाम करने की...
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( Image Source:  X/ @ians_india )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 14 Dec 2025 2:20 PM

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता प्रदीप यादव और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी की मुलाकात से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद नया सियासी विवाद खड़ा हो गया है. इस फुटेज के सामने आने के साथ ही कांग्रेस के भीतर गहराते आंतरिक मतभेद और भाजपा को कथित मदद के आरोपों ने जोर पकड़ लिया है.

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हालांकि, प्रदीप यादव ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि भाजपा की मदद करने या विधायक दल की बैठक से जुड़ी किसी भी ऑडियो रिकॉर्डिंग को साझा करने का आरोप पूरी तरह निराधार है और इसका मकसद उन्हें बदनाम करना है.

पेन ड्राइव विवाद से जुड़ा पूरा मामला

यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया, जब विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को एक पेन ड्राइव सौंपी थी. मरांडी का दावा था कि इस पेन ड्राइव में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें पार्टी के एक विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के बीच नर्सिंग कॉलेज के एक मालिक को लाइसेंस देने को लेकर असहमति की बातचीत दर्ज है.बताया गया कि यह बातचीत सत्र से पहले हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान की है, जहां कुछ विधायकों और एक मंत्री के बीच तीखी बहस हुई थी.

सीसीटीवी फुटेज से बढ़ा संदेह

शुक्रवार को प्रदीप यादव और बाबूलाल मरांडी की मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे कि क्या यादव ने विधायक दल की बैठक की ऑडियो रिकॉर्डिंग मरांडी को पेन ड्राइव में दी थी. इसी कड़ी में उन पर भाजपा की सहायता करने के आरोप भी लगाए गए. हालांकि, प्रदीप यादव ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और इसे कांग्रेस के भीतर चल रही सियासी खींचतान का नतीजा बताया है.

प्रदीप यादव ने साजिश का लगाया आरोप

प्रदीप यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा “यह पूरा मामला एक सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करता है. सच्चाई यह है कि जब से मैंने कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ हूं, एक खास गुट लगातार मुझे रोकने और बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. यही गुट बिरसा कांग्रेस बनाने की कोशिश कर चुका है. कांग्रेस विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर चुका है और पिछले विधानसभा कार्यकाल के दौरान हमारे विलय को रोकने में भी भूमिका निभा चुका है.”

उन्होंने आगे लिखा “खैर, उन्हें अपनी साजिश जारी रखने दीजिए. जहां तक जनहित से जुड़े सवाल उठाने की बात है, अगर इससे किसी को असुविधा होती है, तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब तक मैं जीवित हूं, मैं जनता की आवाज बनकर मजबूती से खड़ा रहूंगा.”

कांग्रेस के भीतर बढ़ती कलह

इस पूरे घटनाक्रम ने झारखंड कांग्रेस में अंदरूनी कलह को एक बार फिर उजागर कर दिया है. सीसीटीवी फुटेज, पेन ड्राइव और ऑडियो रिकॉर्डिंग से जुड़े आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व क्या रुख अपनाता है और क्या यह मामला आगे किसी जांच या राजनीतिक कार्रवाई तक पहुंचता है.

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