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4 दिन से हो रहा जहरीली गैस का रिसाव, 2 महिलाओं की मौत के बाद अधिकारियों की खुली नींद! स्थानीय लोगों ने लगाए आरोप

धनबाद कोयला खदान इलाके से जहरीली गैस के रिसाव के कारण दो दिनों के भीतर दो महिलाओं की मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. प्रभावित क्षेत्र भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के अंतर्गत आता है और कंपनी ने निवासियों से इलाके को खाली करने की अपील की है.

4 दिन से हो रहा जहरीली गैस का रिसाव, 2 महिलाओं की मौत के बाद अधिकारियों की खुली नींद! स्थानीय लोगों ने लगाए आरोप
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( Image Source:  X/@Medhareports )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 5 Dec 2025 11:59 AM

धनबाद के केंदुआडीह क्षेत्र में बंद पड़े कोयला खदान इलाके से जहरीली गैस के रिसाव के कारण दो दिनों के भीतर दो महिलाओं की मौत हो गई. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस खतरनाक स्थिति के संकेत लंबे समय से दिख रहे थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

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घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. प्रभावित क्षेत्र भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के अंतर्गत आता है और कंपनी ने निवासियों से इलाके को खाली करने की अपील की है. वहीं, जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है.

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चार दिन से निकल रही थी जहरीली गैस

केंदुआडीह राजपूत बस्ती की निवासी ललिता देवी (58) और प्रियंका देवी (44) की मौत उस वक्त हुई जब वे सोते समय बेहोश हो गईं. ठंड के कारण दोनों महिलाओं ने अपने-अपने घरों की खिड़कियां बंद कर रखी थीं. स्थानीय निवासी दीनानाथ सिंह ने बताया कि इलाके के भू-आशान क्षेत्र में पिछले चार दिनों से गैस निकल रही थी. उनका कहना है कि गैस जमीन की दरारों से घरों में घुसी और महिलाओं को होश तक नहीं रहा. बुधवार शाम और गुरुवार सुबह के बीच, अस्पताल ले जाते समय दोनों ने दम तोड़ दिया.

कई और लोग अस्पताल में भर्ती

रिसाव स्थल से लगभग 300-400 मीटर की दूरी पर स्थित घरों में रहने वाले कुछ अन्य लोग भी गैस के चलते बेहोश हुए थे. उनमें से सात–आठ लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र खतरनाक है, लेकिन वर्षों से किसी स्थायी समाधान की ओर कदम नहीं बढ़ाए गए.

15 साल से खदान बंद, फिर भी कार्रवाई नहीं

स्थानीय निवासी और प्रदर्शनकारी एस.सी. बोस ने खंडहर पड़े खदान क्षेत्र की ओर इशारा करते हुए कहा "सब जानते हैं कि यह एक भूमिगत आग वाला क्षेत्र है. यहां बार-बार गैस रिसाव होता है, लेकिन कभी कोई स्थायी कार्रवाई नहीं की गई." उन्होंने आगे कहा "अधिकारी अब हमें खाली करने को कह रहे हैं क्योंकि यह खतरनाक है. इतने सालों में पुनर्वास क्यों नहीं हुआ? और कितनी मौतें होंगी?"

पुनर्वास, मुआवजा और एलटीएच कार्ड की मांग

दोनों मृतक महिलाओं के परिवार सहित पूरी राजपूत बस्ती के लोग अपने घरों के बाहर अस्थायी आश्रयों में बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे बिना लिखित आश्वासन के कहीं नहीं जाएंगे. उनकी मांग है कि मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए, सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षित पुनर्वास मिले और एलटीएच (कानूनी शीर्षक धारक) कार्डधारकों को मान्यता प्रदान की जाए. निवासियों के अनुसार गुरुवार शाम तक घटना को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।

बीसीसीएल और जिला प्रशासन की टीम का दौरा

गुरुवार को जिला प्रशासन और बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे. उन्होंने गैस के खतरे को देखते हुए परिवारों को तत्काल घर खाली करने की सलाह दी. धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने बताया "केंदुआडीह में स्थिति अब सामान्य है और जिला प्रशासन ने उस जगह को भरना शुरू कर दिया है जहां से जहरीली गैस निकल रही थी. सहायता के लिए एक मेडिकल टीम तैनात की गई है और प्रभावित परिवारों के रहने की अस्थायी व्यवस्था की जा रही है." उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जा रही है.

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