स्टूडेंट से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स तक, प्रोफेसर अली खान को कौन-कौन कर रहा सपोर्ट? OS के खिलाफ की थी टिप्पणी
Professor Ali Khan: अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग पर सवाल उठाए थे. उसे झूठा और ड्रामा बताया था. अब उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. प्रोफेसर के खिलाफ अलग-अलग दो FIR दर्ज है. सोशल मीडिया पर उनके पद से हटाने की मांग भी उठ रही है.

Professor Ali Khan: पहलगाम आतंकी हमले के बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया. अब देश के कुछ लोग अपनी ही सेना और सरकार के खिलाफ विवादित बयान दे रहे हैं और पोस्ट कर रहे हैं. इनमें एक नाम हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान भी शामिल हैं.
पुलिस ने रविवार (18 मई) को डॉ. अली खान महमूदाबाद को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार किया है. अब उन्हें सोनीपत कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस ने 5 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने 2 दिन की ही रिमांड दी. प्रोफेसर के खिलाफ अलग-अलग दो FIR दर्ज है. एक जठेड़ी गांव के सरपंच और दूसरी बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्य ने करवाई है.
कौन हैं प्रोफेयर अली खान?
अली खान का जन्म 1982 में एक राजनीतिक और शाही परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान हैं, जिन्हें महमूदाबाद के राजा साहब के नाम से जाना जाता है. अली ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लऊनभ के ला मार्टिनियर से की और बाद में आगे की पढ़ाई के लिए यूके में किंग्स कॉलेज स्कूल और विनचेस्टर से कॉलेज किया. उन्होंने सीरिया में अरबी सीखी.
क्या है मामला?
प्रोफेसर अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर के प्रेस ब्रीफिंग पर सवाल उठाए थे, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हमले की जानकारी दी थी. खान ने प्रेस ब्रीफिंग को दिखावा औऱ ढोंग बताया था. इसी बयान के आधार पर उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की गई. अपनी सफाई में अली ने कहा, मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से दिखाया गया. महिला आयोग ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी.
इस पूरे मामले पर अशोका यूनिवर्सिटी ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट में अली पर भारतीय न्याय संहिता के तहत विद्रोह भड़काने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और धार्मिक भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है.
सोशल मीडिया पर बवाल
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हिंसा के खिलाफ बोलने वाले एक 'विचारशील' पोस्ट के लिए अली को गिरफ्तार किया जाना और सशस्त्र बलों को 'अपमानित' करने के लिए भाजपा मंत्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं करना नरेंद्र मोदी सरकार के 'दोहरे मानदंडों' को सामने लाता है.
एक वकार खान नाम के यूजर ने लिखा, प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद उन सबसे समझदार और जमीनी लोगों में से एक हैं जिनसे मैं कभी मिला हूं. चाहे इतिहास हो, राजनीति हो या वैश्विक मुद्दे, उनका ज्ञान बहुत गहरा है, लेकिन उनकी शांत उपस्थिति और विनम्रता ही है जो आपके साथ बनी रहती है.