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'भीड़ हिंसा पर भी सवाल उठाइए...' ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट डालना पड़ा महंगा, अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को दिल्ली से किया गया गिरफ्तार

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर पर की गई फेसबुक पोस्ट के चलते गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने सेना की कार्रवाई की सराहना करते हुए युद्धोन्माद और भीड़ हिंसा पर सवाल उठाए थे, जिसे कुछ लोगों ने अपमानजनक माना. हरियाणा महिला आयोग ने उनके खिलाफ समन जारी किया और भाजपा युवा मोर्चा नेता ने शिकायत दर्ज कराई. हालांकि, प्रोफेसर ने सफाई दी कि उनके विचारों को गलत समझा गया है. उनका मकसद शांति और मानवाधिकारों की बात करना था.

भीड़ हिंसा पर भी सवाल उठाइए... ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट डालना पड़ा महंगा, अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को दिल्ली से किया गया गिरफ्तार
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( Image Source:  X )

Ashoka University Professor Ali Khan Mahmudabad controversy: हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उनकी गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर पर की गई सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हुई, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा की गई प्रेस ब्रीफिंग को 'दृश्य प्रदर्शन' (Optics) बताया था. यह कार्रवाई भाजपा युवा मोर्चा के नेता योगेश जथेरी की शिकायत के आधार पर की गई.

सोनीपत के डीसीपी (क्राइम) नरेंद्र कादयान ने जानकारी दी है कि जठेड़ी की सरपंच द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में BNS की धारा 196, 197, 152 और 299 शामिल हैं. वहीं, महिला आयोग पंचकूला की चेयरपर्सन रेनू भाटिया द्वारा दर्ज एफआईआर में धारा 353, 79, 152 और 169(1) BNS लगाई गई हैं. पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करेगी और पांच दिन की रिमांड की मांग करेगी.

प्रोफेसर महमूदाबाद ने अपनी पोस्ट में क्या कहा?

प्रोफेसर महमूदाबाद ने अपने पोस्ट में भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना के साथ-साथ यह भी कहा कि जो लोग कर्नल सोफिया की प्रशंसा कर रहे हैं, उन्हें देश में हो रही भीड़ हिंसा और मनमाने ढंग से घरों के विध्वंस के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए. हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी टिप्पणियां महिला अधिकारियों का अपमान करती हैं. यह साम्प्रदायिक असंतोष फैला सकती हैं.

प्रोफेसर ने अपने बयान पर दी सफाई

प्रोफेसर महमूदाबाद ने अपने बयान में कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत तरीके से समझा गया है. उनका उद्देश्य युद्धोन्माद के खिलाफ चेतावनी देना और सभी भारतीय नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करना था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भारतीय सेना की संयमित प्रतिक्रिया की सराहना की है और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के उपयोग की निंदा की है.

अशोका यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?

अशोका यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि उन्हें प्रोफेसर की गिरफ्तारी की जानकारी मिली है. वे मामले की जांच कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके फैकल्टी सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट्स पर की गई टिप्पणियां उनके व्यक्तिगत विचार हैं. यह यूनिवर्सिटी की आधिकारिक राय नहीं दर्शातीं.

असदुद्दीन ओवैसी ने की गिरफ्तारी की निंदा

प्रोफेसर की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया और अकादमिक जगत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहस छेड़ दी है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला' बताया. कई शिक्षाविदों और नागरिक संगठनों ने भी इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है.

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी ने भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अकादमिक स्वतंत्रता और सोशल मीडिया पर व्यक्त विचारों की सीमाओं को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं. यह मामला दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत टिप्पणियां सार्वजनिक विवाद का कारण बन सकती हैं और उनके कानूनी परिणाम हो सकते हैं.

हरियाणा न्‍यूजऑपरेशन सिंदूर
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