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अभय चौटाला के बयान पर मचा बवाल, 6 दिन बाद भी PGI में रखी है लाश; IPS वाई पूरन कुमार की मौत मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

हरियाणा IPS अधिकारी वाई पूरण कुमार की मौत मामले में इनेलो नेता अभय चौटाला का बयान “मर गया तो क्या करें?” विवादों में घिर गया है. सोशल मीडिया पर इस बयान को संवेदनहीन और शर्मनाक बताया जा रहा है. चौटाला ने सफाई दी कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जबकि पार्टी नेताओं ने कहा कि ऐसी टिप्पणी इंसानियत के खिलाफ है. इस बीच, IPS पूरण कुमार केस की SIT जांच जारी है और सरकार परिवार को समझाने में लगी है.

अभय चौटाला के बयान पर मचा बवाल, 6 दिन बाद भी PGI में रखी है लाश; IPS वाई पूरन कुमार की मौत मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
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( Image Source:  statemirrornews )

हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की रहस्यमयी मौत के मामले में जांच ने रफ्तार पकड़ ली है. स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) 11 अक्टूबर से रोहतक में डेरा डाले हुए है और मामले की गहराई से जांच कर रही है. चंडीगढ़ पुलिस ने जानकारी दी कि जांच के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने को लेकर हरियाणा सरकार को पत्र भेजे गए हैं. साथ ही, शिकायतकर्ता को भी चिट्ठी भेजकर शव की पहचान करने और पोस्टमॉर्टम एग्ज़ामिनेशन (PME) जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके.

वहीं, इनेलो नेता अभय चौटाला का एक वीडियो बयान से बवाल पैदा हो गया है.. वीडियो में चौटाला ने कहा था, “मर गया तो क्या करें?” उनके इस बयान पर प्रदेश भर में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. लोगों ने इसे असंवेदनशील, शर्मनाक और जनप्रतिनिधि के लिए अनुपयुक्त करार दिया है. हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनका बयान कांग्रेस द्वारा तोड़ा-मरोड़ा गया है.


इनेलो पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है: अभय चौटाला

अभय चौटाला ने कहा कि उन्होंने मृतक अधिकारी या उनके परिजनों के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की, बल्कि केवल कहा था कि तथ्य सामने आने तक निष्कर्ष नहीं निकाले जाएं. इनेलो पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. इनेलो के वरिष्ठ नेताओं ने भी अभय के बयान की निंदा की है. अजय चौटाला ने कहा कि ऐसे बयान 'इंसानियत के खिलाफ' हैं. उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.


जो भी दोषी हो, सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए: दीपेंद्र सिंह हुड्डा

इस बीच, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इस मामले में न्याय अवश्य होना चाहिए और जांच पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए. जो भी दोषी हो, सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. यदि सरकार वास्तव में सिस्टम में जनता का विश्वास कायम रखना चाहती है, तो उसे पीड़ित परिवार को जल्द न्याय दिलाना होगा.”


सबूतों और दस्तावेजों की जांच कर रही है SIT

दूसरी तरफ, SIT फिलहाल सबूतों और दस्तावेजों की जांच कर रही है और पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव की पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद जांच की दिशा और स्पष्ट हो सकेगी.


IPS अधिकारी का 6 दिन बाद भी PGI में रखी है लाश, परिवार गिरफ्तारी पर अड़ा

IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत के छह दिन बीत जाने के बाद भी उनका शव चंडीगढ़ के PGIMER (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) के शवगृह में रखा हुआ है. अधिकारी की मौत 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर आत्महत्या के रूप में दर्ज की गई थी मामले ने अब प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों के भीतर तीखी हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि परिवार ने अब तक पोस्टमॉर्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.


परिवार की मांग- DGP और SP की गिरफ्तारी के बाद ही पोस्टमॉर्टम

रिपोर्ट के मुताबिक, पूरन कुमार के परिवार ने स्पष्ट कहा है कि जब तक हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और अब स्थानांतरित किए जा चुके रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमॉर्टम नहीं कराया जाएगा. कुमार ने कथित रूप से आत्महत्या से पहले जो 'फाइनल नोट' छोड़ा था, उसमें दोनों अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है. इसी आधार पर उनकी पत्नी, वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।


सरकार ने परिवार को मनाने की कोशिशें तेज कीं

हरियाणा सरकार लगातार परिवार को पोस्टमॉर्टम के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रही है. शनिवार को कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी, दोनों अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले नेता, अमनीत कुमार के आवास पर पहुंचे. इसके अलावा, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी मृतक अधिकारी की पत्नी से मुलाकात की. हालांकि, बैठक में क्या चर्चा हुई, इस पर दोनों पक्षों ने चुप्पी साध रखी है.

सरकार ने परिवार को बड़ी पेशकशें कीं

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने परिवार को बड़ी पेशकशें भी कीं, जिसमें मृतक की बड़ी बेटी को DSP पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव, DGP को 10 दिन की छुट्टी पर भेजने और अंतरिम DGP नियुक्त करने की बात शामिल थी. लेकिन परिवार ने यह सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए. एक सूत्र ने बताया, “सरकार द्वारा DSP पद की पेशकश नई बात नहीं है. यह हरियाणा सरकार की मुआवजा नीति के तहत किया जाता है, और ऐसे कई उदाहरण पहले भी हैं जहां शहीद या मृत अधिकारियों के परिवार को सरकारी नौकरी दी गई है.”


पत्नी की आपत्ति के बाद बदली गई FIR की धाराएं

इस बीच, मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने FIR में लगाए गए कमज़ोर सेक्शन पर आपत्ति जताई थी. 10 अक्टूबर को दर्ज की गई एफआईआर में किए गए बदलावों के बाद पुलिस ने मामले को संशोधित किया है. अमनीत ने चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर कहा कि एफआईआर में 'अपूर्ण जानकारी' है और यह जरूरी है कि इसमें सभी आरोपियों के नाम और सही धाराएं शामिल की जाएं.

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