इंसाफ नहीं तो अंतिम संस्कार नहीं, IPS पूरन कुमार की मौत को हो गए पांच दिन, पत्नी ने पोस्टमार्टम से किया इनकार- पढ़ें Top Update
हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी Y. Puran Kumar की आत्महत्या को पांच दिन हो गए हैं, लेकिन उनके अंतिम संस्कार को रोका गया है. उनकी पत्नी, IAS अधिकारी Amneet Puran Kumar, ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है और न्याय की मांग कर रही हैं. वह चाहती हैं कि FIR में सभी दोषियों के नाम सही तरीके से शामिल किए जाएं और SC/ST एक्ट के प्रावधान स्पष्ट हों. परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी Y. Puran Kumar की आत्महत्या ने राज्य में पुलिस और प्रशासनिक तंत्र में गहरे जातीय और सामाजिक विभाजन को उजागर कर दिया है. उनके आत्महत्या नोट में 16 वरिष्ठ अधिकारियों का नाम लिया गया, जिन पर आरोप थे कि उन्होंने उन्हें मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और जातिवादी भेदभाव झेलने के लिए मजबूर किया. इस मामले ने सरकार और पुलिस प्रशासन में पैठी सामाजिक खामियों को सामने ला दिया.
कुमार के निधन के बाद राज्य सरकार ने Rohtak SP नरेंद्र बिजारनिया को स्थानांतरित किया, जिनके खिलाफ कुमार की पत्नी ने कथित रूप से उनके आत्महत्या में उकसाने का मामला दर्ज कराने का प्रयास किया था. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे उसकी पदस्थापना कितनी भी उच्च क्यों न हो.
Y. Puran Kumar मामले के 10 बड़े खुलासे
- अक्टूबर 7, 2025 को हुआ निधन- चंडीगढ़ में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर कुमार ने आत्महत्या की.
- आत्महत्या नोट में 16 अधिकारियों के नाम- इसमें हरियाणा DGP Shatrujeet Kapoor और Rohtak SP Narendra Bijarniya समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों का नाम लिया गया.
- आरोप- वर्षों का मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान, जातिवाद आधारित भेदभाव
- पिछली शिकायतें- मई 2021 में कुमार ने Manoj Yadava के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज करने का प्रयास किया. अगस्त 2020 में ट्रैफिक पुलिस स्टेशन परिसर में मंदिर जाने के कारण सिर्फ कुमार को नोटिस मिला.
- गोपनीयता का उल्लंघन- कुमार ने आरोप लगाया कि उनके मोबाइल और व्हाट्सएप कॉल और चैट लॉग्स को कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अवैध रूप से एक्सेस किया।
- परिवार की मांगें- आत्महत्या नोट में नामित सभी अधिकारियों की तत्काल निलंबन और गिरफ्तारी, FIR में स्पष्ट और सही प्रावधान जोड़ने की मांग. पोस्टमार्टम की सहमति तब तक रोकी जब तक मांगें पूरी न हों
- जांच की स्थिति- 6 सदस्यीय SIT, UT IGP Pushpendra Kumar के नेतृत्व में जांच कर रही है. FIR में आत्महत्या में उकसाने और SC/ST एक्ट के तहत प्रावधान शामिल।
- राज्य सरकार की प्रतिक्रिया- Rohtak SP नरेंद्र बिजारनिया का ट्रांसफर, दोषी पाए जाने पर किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं- सोनिया गांधी- “शक्ति में बैठे लोगों की पक्षपाती सोच से वरिष्ठ अधिकारी भी सामाजिक न्याय से वंचित हैं. भगवंत मान ने कहा कि, “कानून से ऊपर कोई नहीं, न्याय हो. A. Revanth Reddy: “जातिवाद के नाम पर जब ADGP स्तर के अधिकारी भी उत्पीड़न झेलते हैं, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।”
- परिवार की सुरक्षा और न्याय की मांग- कुमार की पत्नी, IAS अधिकारी Amneet Puran Kumar, ने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने और FIR में सभी सही प्रावधान जोड़ने की जोरदार मांग की है.