इस्तीफे के बाद परेशान थे, लेकिन अब ठीक हैं... अभय चौटाला ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की हेल्थ का दिया अपडेट
Jagdeep Dhankhar News: हाल ही में अभय चौटाला ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की हेल्थ को लेकर जानकारी दी है. चौटाला ने खुलासा किया है कि जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से काफी परेशान थेले किन अब वह ठीक हैं. उन्होंने कहा, धनखड़ साहब हमारे परिवार के सदस्य जैसे हैं.

Jagdeep Dhankhar News: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका कहना था कि यह फैसला उन्होंने हेल्थ की वजह से लिया है. हालांकि इस खबर के बाद अटकलें शुरू हो गई थी कि धनखड़ के भाजपा के साथ मनमुटाव चल रहा है.
जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद कई दिग्गजों ने उनसे मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने सबसे दूरी बनाए रखी. विपक्ष ने भी उनके हेल्थ को लेकर मुद्दा उठाया. अब अभय चौटाला ने उनकी हेल्थ को लेकर जानकारी दी है. आगे हम उनको इसके बारे में बताएंगे.
कैसी है जगदीप धनखड़ की तबियत?
जगदीप धनखड़ अपने सरकारी आवास को खाली करने के बाद दिल्ली में अभय चौटाला के फॉर्म हाउस में रह रहे हैं. नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला धनखड़ के करीबी माने जाते हैं. वह इस्तीफे के बाद 12 सितंबर को नजर आए. वह नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
अभय चौटाला ने खुलासा किया है कि जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से काफी परेशान थेले किन अब वह ठीक हैं. हाल ही में अभय सिंह चौटाला ने एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में बताया कि इस्तीफे के बाद धनखड़ ने सरकारी आवास में घुटन महसूस की थी, जिसके कारण उन्होंने चत्तारपुर स्थित अपने फार्महाउस में अस्थायी निवास लिया. उन्होंने कहा, धनखड़ साहब हमारे परिवार के सदस्य जैसे हैं. मैंने उन्हें बताया कि यह उनका अपना घर है और वह यहां जितना चाहें रह सकते हैं.
जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा?
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिसका औपचारिक कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने इस्तीफे में लिखा, स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह पर मैं उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं.
हालांकि इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में इस कदम के पीछे अन्य कारणों की भी चर्चा हुई. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि धनखड़ ने विपक्षी दलों के न्यायिक महकमे के खिलाफ प्रस्ताव को स्वीकार कर सरकार की योजना के खिलाफ काम किया, जिससे सरकार के साथ उनके संबंधों में तनाव पैदा हुआ.