Delhi Rain: पहली बारिश में सरकारी दावे बहते देख पसीने से तर-ब-तर हुई हुकूमत, CM रेखा-PWD मंत्री प्रवेश ने टॉप-अफसर तलब किए
दिल्ली में हुई भारी बारिश ने सरकार के तमाम दावों की पोल खोल दी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा के वादों के बावजूद राजधानी की कई सड़कों पर जलभराव की गंभीर स्थिति देखने को मिली. सरकार ने बरसात से पहले जलभराव मुक्त दिल्ली का वादा किया था, लेकिन पहली ही बारिश में हालात बिगड़ गए. इसके बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों की आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को फटकार लगाई.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल हों या फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी... या अब मौजूदा भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, या फिर दिल्ली के वर्तमान लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा. शहर की झमाझम बारिश के बाद बदले-सुहावने हुए मौसम ने जहां दिल्ली की जनता को ‘मन-भावन’ मौसम का दीदार कराया है, वहीं दिल्ली की हुकूमत को इस खुशगवार मौसम में भी ‘पसीना’ आ रहा है, क्योंकि दिल्ली के तमाम नाले और जल-भराव वाले स्थान किसी भी कीमत पर इस बारिश में भी सुधरने को राजी ही नजर नहीं आ रहे हैं.
बरसात शुरू होने से पहले किए गए अपने ऊंचे-ऊंचे वायदों को दिल्ली की हुकूमत ने मंगलवार-बुधवार की रात (9 व 10 जुलाई 2025 की रात) हुई जबरदस्त बारिश में जब ‘बहते-धुलते’ देखा तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से लेकर दिल्ली लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा तक को पसीना आ गया. शहर में हुई एक रात ही की बारिश से बेहाल हुकूमत ने दिन निकलते ही यानी बुधवार दिन के वक्त तलब कर डाले वे सब सरकारी महकमे, जिनके जिम्मे है बरसात के मौसम में, दिल्ली की सड़कों-नालों को “ओवर-फ्लो” होने से रोकने का काम....
जितना 'ढिंढोरा' पीटा उतना ज्यादा 'ढोल फूटा'
हालांकि, मौजूदा हुकूमत की इस तमाम 'बैठकबाजी' के बीच जिक्र इस बात का भी करना जरूरी है कि दिल्ली में बरसात शुरू होने से एक दो महीने पहले ही, मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री ने मीडिया को ले जाकर, छपवाना और गाना बजाना शुरू कर दिया था कि इस बार दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. कहीं भी किसी भी सड़क नाले पर पानी का भराव देखने को नहीं मिलने दिया जाएगा. दावों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party AAP) की पूर्व सरकारों पर भी तंज कसे गए थे कि आप पार्टी वालों ने दिल्ली (Delhi) वालों को 'सुविधाओं' के नाम पर सिर्फ ठगा था. दिल्ली की जनता को ‘जल-भराव’ से पूरी तरह मुक्त सड़कें तो अब बीजेपी की हुकूमत मुहैया कराके दिखाएगी.
जनता से पहले और ज्यादा तो हुक्मरान बेहाल
जनता भी उन लुभावने वायदों पर विश्वास करके खुश होने लगी थी. यह सोचकर कि पहले आम आदमी पार्टी की सरकार सच में निकम्मी रही होगी. जिस तरह से दिल्ली में हाल ही में आई भाजपा की नई-नई हुकूमत वायदे कर रही है. इन वायदों में जरूर सच्चाई मौजूद होगी. मगर जब सच सामने आया तो जनता की छोड़िए हुकूमत और हुक्मरानों के ही हाथ-पांव सबसे पहले फूल गए. अपने एक-दो महीने किए गए उन वायदों को बरसाती पानी के जल-भराव में डूबते-बहते उतराता हुआ देखकर, मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री ने किए थे.
पहली बारिश के जल-भराव ने आईना दिखाया
मंगलवार-बुधवार की रात हुई जबरदस्त बारिश ने दिल्ली की मौजूदा हुकूमत को जैसे ही बरसाती पानी से भरी सड़कों की तरफ उसका मुंह करके आईना दिखाया, तो मुख्यमंत्री से लेकर लोक निर्माण विभाग मंत्री तक को सांप सूंघ गया. क्योंकि वे तो वायदा किए बैठे थे कि पिछली सरकार ने दिल्ली को जल-भराव से मुक्ति दिलाने के नाम पर सिर्फ और सिर्फ झूठे वायदे किये थे. काम तो अब भाजपा की सरकार करके दिखाई ताकि, दिल्ली की जनता को बरसाती मौसम में जल-भराव मुक्त रास्ते-सड़कें देखने को नसीब हो सकें. मगर सबकुछ उल्टा हो गया. मौसम की पहली ही बारिश ने जिस तरह धकिया कर मौजूदा सरकार के अब से पूर्व में किए गए वायदों को जल-भराव वाली सड़कों में ले जाकर डुबोया, उसे देखकर जल-भराव मुक्त दिल्ली की सड़कों को देने का जनता से वायदा किए बैठे हुक्मरानों को काटो तो खून नहीं था.
ठीकरा फोड़ने को बुला लिए अफसरान
जाहिर सी बात है कि दिल्ली को बरसात में जल-भराव-मुक्त करने का वायदा करके भी, जगह जगह सड़कों पर ओवर-फ्लो जल-फिल्म देखकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा को दिल्ली की जनता को जल-भराव-मुक्त दिल्ली की सड़कें देने से पहले, अपनी इमेज को इस भरे हुए पानी में बहने से बचाने की चिंता खा रही थी. सो बुधवार को दिन निकलते ही उन्होंने तलब कर लिए संबंधित विभागों के जिम्मेदार कहूं या फिर 'गैर-जिम्मेदार' आला अफसर. क्योंकि अपने कंधे और सिर बचाकर आखिर जिम्मेदारी का ठीकरा भी तो ‘गैर-जिम्मेदार’ आला अफसरों के ही सिर फोड़ना था न.
पहले बधाई फिर टांग खिंचाई
मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री द्वारा बुधवार को बुलाई गई अहम बैठक में सबसे पहले अफसरों की पीठ ठोंकी गई, क्योंकि आखिरकार काम तो अफसरों से ही लेना है न. उन्हें शाबासी देते हुए बताया गया कि आईटीओ चौराहे और मिंटो ब्रिज के नीचे इस बार पहली बरसात में ही जल-भराव न होने देने के लिए वे सब (जो अफसर पहली बारिश में ही दिल्ली की तमाम सड़कों को जल-भराव में डुबवाए बैठे) बधाई के पात्र हैं. फिर चर्चा हुई कि मंगलवार-बुधवार की रात जो सड़कें पहले किए गए तमाम भागीरथ प्रयासों के बाद भी जल-मग्न हो गईं, वह सब क्यों हुआ?
गैर-जिम्मेदार अफसर जेब में लाए थे जवाब!
सरकारी अफसर चूंकि नेताओं से कहीं ज्यादा बड़े चतुर या कहिए 'घाघ' होते हैं. वे सब रात को तेज बारिश के दौरान ही ताड़-समझ चुके थे कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा दिल्ली की जनता की नजरों में खुद की इज्जत बचाने के लिए, बुधवार को सुबह-सुबह सबसे पहले उनकी (दिल्ली में जल-भराव वाली सड़कों की समस्या के लिए जिम्मेदार सिंचाई एवं बाढ़ और लोक निर्माण विभाग अफसरान) 'क्लास' लेंगे. सो कई साल से चिकना घड़ा बने बैठे मास्टरमाइंड अफसर हर सवाल का जवाब, घर से ही जेब में लिखकर डाल लाए थे. मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री ने जो सवाल दागे, लापरवाह जिम्मेदार अफसर उनके हर सवाल का माकूल जवाब धड़ाधड़ देते चले गए.
दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीये
कहते हैं कि “दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है”. पहली ही बरसात के जल-भराव में डूबे अपने वायदों को देखकर बेहाल हुकूमत ने, मातहत आला-अफसरों से बुधवार को बुलाई खास बैठक में, यहां तक कह डाला कि बरसाती मौसम में जिन सड़कों पर या जिन इलाकों में पानी न भी भरा हो, अधिकारी समय-समय पर उन इलाकों पर भी चौकन्नी नजर रखेंगे. इस आशंका से कि न मालूम जब समय बुरा हो तब कहां जरा सी बारिश का ही पानी भरकर, मौजूदा हुकूमत की इज्जत की मट्टी पलीद करवा डाले. बैठक की अध्यक्षता कर रही दिल्ली की मुख्यमंत्री का कहना था, “बरसात में जल-भराव आम आदमी को ही परेशान नहीं करता है. अपितु यह दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में यातायात को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है. जगह-जगह जाम की समस्या भी पैदा हो जाती है. इसलिए दिल्ली को जल-भराव मुक्त बनाने में जुटी संबंधित विभागों की टीमों को जमीनी स्तर पर उतर कर काम करने की जरूरत है. यह निगरानी दिन-रात होगी तभी समस्या का समाधान संभव होगा.”