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JNU में मूर्ति विसर्जन और रावण दहन के दौरान जमकर चले जूते-चप्पल, पुतले पर खालिद और शरजील की तस्वीर को लेकर मचा बवाल-VIDEO

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में विजयादशमी के दिन रावण दहन कार्यक्रम के दौरान ABVP और लेफ्ट समर्थित छात्रों के बीच झड़प हो गई. विवाद तब बढ़ा जब रावण के पुतले पर उमर खालिद और शरजील इमाम की तस्वीरें लगाई गईं. ABVP ने लेफ्ट छात्रों पर कार्यक्रम में हस्तक्षेप, पत्थरबाजी और अपशब्द कहने का आरोप लगाया, जबकि JNUSU ने ABVP पर धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. घटना के दौरान जूते-चप्पल भी फेंके गए. विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए. विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

JNU में मूर्ति विसर्जन और रावण दहन के दौरान जमकर चले जूते-चप्पल, पुतले पर खालिद और शरजील की तस्वीर को लेकर मचा बवाल-VIDEO
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 2 Oct 2025 11:12 PM IST

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में दुर्गा पूजा 2025 के अवसर पर छात्र राजनीति ने फिर से विवादित रूप लिया. गुरुवार को दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान ABVP और लेफ्ट गठबंधन के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई. जेएनयू के साबरमती टी-पॉइंट के पास यह टकराव देखने को मिला, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाने पड़े.

इस घटना ने एक बार फिर JNU में छात्र राजनीति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच तनाव की तस्वीर उजागर की है. हाल ही में विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच कई बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं और यह घटना उसी सिलसिले की एक कड़ी साबित हुई.

ABVP का रावण दहन कार्यक्रम और विवाद

विजयादशमी के दिन ABVP द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान साबरमती ग्राउंड में रावण का पुतला जलाया गया. इस पुतले में उमर खालिद, शरजील इमाम, अफजल गुरु, चारु मजुमदार और कानू सान्याल की तस्वीरें लगी थीं. ABVP कार्यकर्ता वैभव मीणा ने कहा, 'यह वही परिसर है जहां कभी महिषासुर दिवस मनाया गया था और अब हम इसे दहन करके आजादी दे रहे हैं.' जब ABVP के सदस्य दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के लिए निकले, तो छात्र गुटों में टकराव हो गया. ABVP ने लेफ्ट गठबंधन पर मारपीट और अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया.

लेफ्ट गठबंधन की प्रतिक्रिया

लेफ्ट गठबंधन वाले JNUSU ने ABVP के आरोपों और पुतला दहन प्रकरण पर बयान जारी किया. JNUSU का कहना है कि ABVP ने उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में चित्रित किया. JNUSU ने सवाल उठाया कि 'अगर ये दोनों अभी भी जेल में हैं और उनके मामलों पर विचार चल रहा है, तो ABVP ऐसा क्यों कर रहा है.' उनका कहना है कि यह एक तरह की इस्लामोफोबिया की राजनीति को बढ़ावा देने जैसा है.

विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक और धार्मिक तनाव

ABVP JNU अध्यक्ष मयंक पांचल ने कहा, 'यह सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम पर हमला नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परंपरा और छात्रों के विश्वास पर सीधा हमला है. ABVP ऐसे सांस्कृतिक आक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी. ABVP मंत्री प्रवीण पियूष ने आरोप लगाया कि "पवित्र अनुष्ठान जैसे दुर्गा विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी और महिला छात्रों पर हमला निंदनीय और शर्मनाक है" और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की. JNUSU के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक एकता और भाईचारे पर सीधा हमला है.

लेफ्ट ग्रुप्स ने ABVP पर लगाया राजनीतिक धर्म के लिए शोषण का आरोप

लेफ्ट से जुड़े ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने ABVP के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ABVP धर्म का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए कर रहा है. AISA ने सवाल उठाया कि अगर ABVP धर्म का राजनीतिक लाभ उठाना चाहता है, तो उसने नाथूराम गोडसे, गुरमीत राम रहीम सिंह या 2020 दिल्ली दंगों में भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं को क्यों नहीं चुना. AISA ने कहा, "JNU घृणा और इस्लामोफोबिया की राजनीति को अस्वीकार करता है. छात्रों से अपील है कि RSS-ABVP की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ खड़े हों. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर "कैंपस को अस्थिर करने" और "सांस्कृतिक माहौल को बिगाड़ने" के प्रयास का आरोप लगाया.

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