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महिला हो सकती है दिल्ली की CM! जारी है माथापच्‍ची- जाति, समुदाय और संघ पर भी Focus

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. उसने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का सपना देख रही आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका दिया है. बीजेपी ने 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि AAP महज 22 सीटें ही जीत सकी. अब सीएम फेस को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. आइए, आपको बताते हैं कि दिल्ली का नया सीएम चुनने के लिए बीजेपी किन बातों का ध्यान रख रही है...

महिला हो सकती है दिल्ली की CM! जारी है माथापच्‍ची- जाति, समुदाय और संघ पर भी Focus
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( Image Source:  ANI )

Delhi CM Face: दिल्ली में 27 साल बाद कमल खिला है. बीजेपी 8 फरवरी को घोषित विधानसभा चुनाव नतीजों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है. उसने 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी के लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की उम्मीद को चकनाचूर कर दिया. अब सबकी नजर मुख्यमंत्री के चेहरे पर है. सभी यह जानना चाहते हैं कि बीजेपी किसे दिल्ली का सीएम बनाती है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 21वीं सदी में दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री चुनने में बीजेपी जाति का विशेष ध्यान रखेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी के शीर्ष पदाधिकारियों की आने वाले दिनों में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक हो सकती है.

'संघ की भूमिका केवल सलाहकार तक सीमित'

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, सीएम चुनने के मामले में संघ की भूमिका केवल सलाहकार तक सीमित है. वह किसी विशेष जाति या समुदाय के मतदाताओं द्वारा बीजेपी को दिए जाने वाले समर्थन सहित कई कारकों के आधार पर सुझाव देगा. संघ और बीजेपी नेताओं की बैठक में सीएम के अलावा, डिप्टी सीएम, विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट को लेकर चर्चा हो सकती है.

'बीजेपी की प्रचंड जीत में ब्राह्मण मतदाताओं का अहम योगदान'

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी की प्रचंड जीत में ब्राह्मण मतदाताओं का अहम योगदान रहा. इसलिए इस समुदाय को निश्चित रूप से किसी महत्वपूर्ण पद पर बिठाया जाएगा. यही स्थिति जाट और पंजाबी मतदाताओं के साथ भी है. इसलिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इन्हीं समुदायों से हो सकते हैं.

बीजेपी के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने विजय भाषण में कहा कि एनसीआर के तीनों राज्यों - दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अब बीजेपी की सरकारें हैं. उन्होंने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा देने का वादा किया है. इसलिए सीएम के संबंध में निर्णय उस संदेश को लागू करने का प्रयास हो सकता है. पार्टी के पास पहले से ही ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं (राजस्थान और महाराष्ट्र). वहीं, हरियाणा में एक ओबीसी और उत्तर प्रदेश में एक क्षत्रिय सीएम हैं.

'जाट नेता को सीएम बनाया जा सकता है'

नेता के मुताबिक, भाजपा में प्रमुख पदों पर जाट समुदाय की कमी को देखते हुए एक जाट नेता को सीएम बनाया जा सकता है. हरियाणा में, भाजपा ने गैर-जाट नेता को सीएम के रूप में चुनने की परंपरा को तोड़ दिया था. अन्य मानदंड जो मायने रखेंगे, वे हैं - आरएसएस की सिफारिश, स्वच्छ छवि वाले नेता, आयु सीमा 55 वर्ष और संगठनात्मक अनुभव. सरकार या विधानसभा में महत्वपूर्ण पद के लिए कम से कम एक महिला नेता को चुने जाने की संभावना है.

महिला विधायक भी सीएम रेस में

सूत्रों के मुताबिक, सीएम पद के दावेदारों में जाट समुदाय से आने वाले परवेश साहिब सिंह वर्मा सबसे आगे हैं. वे पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. उन्होंने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर जीत दर्ज की है. उनके साथ ही, बनिया समुदाय से आने वाले विजेंद्र गुप्ता, ब्राह्मण समुदाय से आने वाले पवन शर्मा और सतीश उपाध्याय, सिख समुदाय से आने वाले पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, दलित नेता राजकुमार चौहान, बनिया समुदाय से आने वालीं रेखा गुप्ता, क्षत्रिय समुदाय से आने वालीं शिखा राय, पंजाबी खत्री समुदाय से आने वाले हरीश खुराना, बनिया समुदाय से आने वाले अजय महावर और जीतेंद्र महाजन भी सीएम पद के दावेदारों में शामिल हैं.

विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से, पवन शर्मा उत्तम नगर से, अरविंद सिंह लवली गांधी नगर से, पूर्व कांग्रेस मंत्री राजकुमार चौहान मंगोलपुरी से, रेखा गुप्ता शालीमार बाग से, अजय महावर घोंडा से , शिखा राय ग्रेटर कैलाश से, हरीश खुराना मोती नगर से, जीतेंद्र महाजन रोहतास नगर से और सतीश उपाध्याय मालवीय नगर से जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. शिखा ने सौरभ भारद्वाज, जबकि सतीश उपाध्याय ने सोमनाथ भारती को हराकर जीत हासिल की है.

पवन शर्मा प्रमुख दावेदारों में से एक

सूत्र के मुताबिक, पवन शर्मा प्रमुख दावेदारों में से एक हैं. वे आरएसएस के करीबी हैं और दिल्ली बीजेपी में संगठन महासचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं. उनका दिल्ली में पार्टी नेतृत्व की पुरानी पीढ़ी के साथ करीबी संबंध भी हैं. हालांकि, पार्टी पूर्वांचली समुदाय से जुड़े नेताओं को भी शामिल करने की कोशिश करेगी.

सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जेपी नड्डा की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सीएम चुनने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकता है. पर्यवेक्षक चुने गए विधायकों से बातचीत करेंगे. इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी. फिर सीएम के नाम का खुलासा किया जाएगा. इसमें करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है. संसद का बजट सत्र भी 14 फरवरी को खत्म होगा.

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