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कौन है माओवादी लीडर रामधर मज्‍जी? गिरोह के साथ किया सरेंडर, 1 करोड़ रुपये का था इनाम

एक करोड़ रुपये के इनामी और कुख्यात सीसीएम रामधर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया है. यह कदम महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ (एमएमसी) विशेष क्षेत्रीय समिति में नक्सली नेटवर्क के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. बकरकट्टा पुलिस स्टेशन में हुए इस सामूहिक आत्मसमर्पण ने साफ संकेत दे दिया है कि संयुक्त सुरक्षा अभियानों का दबाव माओवादी तंत्र को पूरी तरह चरमरा चुका है.

कौन है माओवादी लीडर रामधर मज्‍जी? गिरोह के साथ किया सरेंडर, 1 करोड़ रुपये का था इनाम
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( Image Source:  X/@vishalpandeyk )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Updated on: 8 Dec 2025 1:00 PM IST

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जहां एक करोड़ रुपये के इनामी और कुख्यात सीसीएम रामधर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया है. यह कदम महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ (एमएमसी) विशेष क्षेत्रीय समिति में नक्सली नेटवर्क के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.

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बकरकट्टा पुलिस स्टेशन में हुए इस सामूहिक आत्मसमर्पण ने साफ संकेत दे दिया है कि संयुक्त सुरक्षा अभियानों का दबाव माओवादी तंत्र को पूरी तरह चरमरा चुका है. हथियारों के विशाल जखीरे के साथ कई बड़े उग्रवादियों का सरेंडर करना बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.

AK-47 सहित भारी हथियारों के साथ सरेंडर

आत्मसमर्पण करने वालों में एमएमसी जोन के अत्यंत प्रभावशाली और खतरनाक माने जाने वाले सीसी (सेंट्रल कमेटी) सदस्य रामधर मज्जी शामिल हैं, जो तीन राज्यों की पुलिस के लिए सालों से चुनौती बने हुए थे.

उनके साथ एसीएम रामसिंह दादा, एसीएम सुकेश पोट्टम ने भी हथियार डाल दिए. पुलिस ने पुष्टि की कि सरेंडर के दौरान AK-47, INSAS राइफल, SLR, .303 राइफल और 0.30 कार्बाइन सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए.

कौन है रामधर मज्जी?

रामधर मज्जी नक्सली संगठन की इकाई CCM का सदस्य था, जो कई बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल था. पिछले कई सालों से रामधर की तलाश जारी थी जिसको लेकर उसके ऊपर 1 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था.

6 महिला माओवादी भी शामिल

सरेंडर करने वालों में छह महिला उग्रवादी भी थीं, जो माओवादी आंदोलन में महिलाओं की गहरी भागीदारी को दर्शाता है। इनमें प्रमुख नाम लक्ष्मी, शीला, योगिता, कविता, सागर के साथ-साथ डीवीसीएम ललिता और डीवीसीएम जानकी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त डीवीसीएम चंदू उसेंडी और डीवीसीएम प्रेम जैसे कई अन्य सक्रिय कैडर भी आत्मसमर्पणकर्ताओं की सूची में हैं.

एमएमसी क्षेत्र के लिए “नॉकआउट ब्लो”

वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि रामधर मज्जी का आत्मसमर्पण एमएमसी क्षेत्र की परिचालन क्षमता के लगभग समाप्त होने का संकेत है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह समूह सालों से महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे घने वन क्षेत्रों में सक्रिय रहकर सुरक्षा बलों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ था. अधिकारियों ने कहा कि,“रामधर मज्जी का हथियार छोड़ना एमएमसी जोन के virtually collapse होने का संकेत है.”

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