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इस लड़के के बगल में बैठी फेमस एक्ट्रेस लेकिन इसने कर दिया इग्‍नोर! तस्वीर हुई Viral तो बदल गई किस्मत, यूजर्स बोले- ये नियति का खेल

मेसी विलियम्स (आर्या स्टार्क, GOT) की ट्रेन में बैठी पुरानी तस्वीर फिर वायरल है. दावा हुआ कि उनके बगल में बैठा भारतीय युवक उन्हें पहचान नहीं पाया और जर्मनी की मैगज़ीन ने उसे खोजकर नौकरी दे दी. लेकिन Grok AI ने सच्चाई उजागर की-तस्वीर असली, कहानी पूरी तरह झूठी. Reddit वाली ओरिजिनल फोटो में मेसी सामान्य लुक में दिखती हैं.

इस लड़के के बगल में बैठी फेमस एक्ट्रेस लेकिन इसने कर दिया इग्‍नोर! तस्वीर हुई Viral तो बदल गई किस्मत, यूजर्स बोले- ये नियति का खेल
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( Image Source:  @Ldphobiawatch- X )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Dec 2025 11:55 PM IST

कहते हैं कि नियति का खेल सबसे अद्भुत होता है… ज्यादातर फिल्म स्टार्स अपने प्रमोशन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेते हैं-बस, मेट्रो, ट्रेन या ट्राम. भीड़ खुशी से झूम उठती है और सेलिब्रिटी की तस्वीरें मिनटों में वायरल हो जाती हैं. मगर क्या हो जब कोई स्टार पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बैठे… और पास बैठा व्यक्ति उसे पहचान ही न पाए? ठीक ऐसा ही हुआ मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस मेसी विलियम्स (Arya Stark, Game of Thrones) के साथ और यही घटना अब सोशल मीडिया पर बड़ा चर्चित किस्सा बन चुकी है.

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कई साल पुरानी यह तस्वीर इन दिनों फिर से वायरल है. दावा किया गया कि मेसी के बगल में बैठे भारतीय युवक को नहीं पता था कि वह किसके साथ बैठा है, और बाद में उसे जर्मनी की मशहूर मैगज़ीन ने नौकरी दे दी. पर क्या यह कहानी सच है? आइए पूरी सच्चाई जानते हैं.

ट्रेन में बैठी थीं मेसी विलियम्स, युवक रहा बेपरवाह

X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर की गई वायरल तस्वीर में मेसी विलियम्स जर्मनी की एक ट्रेन में दिखाई देती हैं. उनके बगल में एक भारतीय मूल का युवक बैठा है, जो पूरी तरह बेखबर है कि उसके ठीक बगल में “आर्या स्टार्क” मौजूद हैं. पोस्ट के साथ एक कहानी जोड़ दी गई कि जर्मनी की मैगज़ीन ने इस युवक को खोज निकाला और उसके संघर्ष से प्रभावित होकर नौकरी दे दी. लोग इस फोटो पर मज़ेदार रिएक्शन दे रहे हैं- “जब इसे पता चलेगा, तब पछताएगा कि सेल्फी ले लेता.”

लेकिन क्या ये कहानी सच है?

Grok AI टूल ने किया खुलासा- कहानी झूठी, फोटो असली- जब X के AI टूल Grok से इस वायरल कहानी की सच्चाई पूछी गई, तो उसने साफ जवाब दिया- कहानी झूठी है, लेकिन तस्वीर असली है. सोशल मीडिया पर जो एडिटेड फोटो घूम रही है, उसमें मेसी का चेहरा बदला हुआ लगता है. असली तस्वीर Reddit पर सात साल पहले पोस्ट की गई थी, जिसमें मेसी अपनी सामान्य लुक में दिखती हैं-सीट पर पैर रखकर उसी युवक की दिशा में देखती हुईं.

लोग बोले-पीछे दिख रही लड़की सोफी टर्नर जैसी. फोटो में पीछे कांच के शीशे में लोगों की परछाइयाँ दिखती हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स को लगता है कि उनमें से एक सोफी टर्नर (Sansa Stark) जैसी दिखती है. हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है.

वायरल 'मुंबई–जर्मनी' कहानी: कौन सी बात सच, कौन झूठ?

वायरल पोस्ट में दावा किया गया- युवक भारत से था, अवैध रूप से जर्मनी में रह रहा था नौकरी नहीं थी. मेसी विलियम्स के बगल बैठा रहा. एक जर्मन मैगज़ीन ने उसे खोजकर नौकरी दी. नौकरी मिलने के बाद उसे रेजिडेंस परमिट मिल गया. लेकिन जांच में पाया गया कि फोटो असली है, कहानी पूरी तरह काल्पनिक है. नौकरी व 'रेजिडेंस परमिट' की कहानी झूठ है. मैगज़ीन द्वारा खोजे जाने का दावा फर्जी है.

सोशल मीडिया पर सवाल- आखिर असली कहानी क्या है?

फोटो में युवक कौन है, मेसी किस यात्रा पर थीं, यह कोई आधिकारिक स्रोत नहीं बताता. Reddit के अनुसार, यह एक सामान्य ट्रेन यात्रा का दृश्य था जहाँ मेसी और युवक कुछ ही मिनटों के लिए एक ही सीट पर बैठे थे. इंटरनेट पर वायरल तस्वीरों के साथ अक्सर काल्पनिक “इमोशनल स्टोरी” जोड़ दी जाती है. यहाँ भी एक संघर्ष, प्रेरणा और ‘ज़िंदगी बदलने’ वाली कहानी जोड़कर इसे वायरल किया गया. लेकिन असलियत में- यह सिर्फ एक सामान्य फोटो थी, जिसे सोशल मीडिया ने ‘फिल्मी कहानी’ बना दिया.

अब आइए इस खबर को लेकर जानते हैं कि सोशल मीडिया में क्या चल रहा है और इस तस्वीर को लेकर क्या-क्या दावा किया जा रहा है. नियति का खेल सबसे अद्भुत होता है… Vishal Singh Chauhan नाम के एक यूजर ने फेसबुक पर लिखा कि, जर्मनी की एक मेट्रो में बैठा एक साधारण, थका-हारा सा भारतीय युवक, और उसके ठीक बगल में बैठी थीं दुनिया की मशहूर अदाकारा Maisie Williams—Game of Thrones की स्टार. वह उसे पहचान भी नहीं पाया… और तस्वीर पूरे जर्मनी में वायरल हो गई. जर्मनी की प्रसिद्ध मैगज़ीन Der Spiegel ने उस भारतीय युवक की तलाश शुरू की. आख़िरकार वह म्यूनिख में मिला- जहाँ ये सच सामने आया कि वह जर्मनी में ग़ैर-कानूनी तरीके से रह रहा था, जेब में पैसे नहीं, रहने का परमिट नहीं… और ज़िंदगी हर दिन संघर्ष से भरी.

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