छुट्टी के बाद क्लास में सोई 5 साल की बच्ची, स्टाफ ने लगा दिया ताला, फिर पिता ने ऐसी बचाई जान
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने शिक्षा व्यवस्था की लापरवाहियों को उजागर कर दिया है. पखांजूर थाना क्षेत्र के हरणगढ़ स्थित स्वामी आत्मानंद उच्चतर माध्यमिक शाला में पहली कक्षा की मासूम बच्ची गुंजन मंडल स्कूल की छुट्टी के बाद क्लासरूम में ही बंद रह गई. स्कूल स्टाफ ने बिना जांच किए सभी कमरे बंद कर दिए और ताला लगाकर चले गए.
  छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सबको झकझोर कर रख दिया. स्वामी आत्मानंद स्कूल में 5 साल की बच्ची छुट्टी के बाद क्लास में ही सो गई, और किसी ने ध्यान नहीं दिया. स्कूल स्टाफ ने बिना जांचे सभी क्लासरूम में ताले लगा दिए और घर चले गए.
मासूम गुंजन घंटों तक बंद कमरे में रोती रही. जब वह घर नहीं पहुंची, तो परिजन बेचैन होकर उसे ढूंढने निकले, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला. हालांकि, बच्ची को बचा लिया गया है.
चार बजे तक बच्ची का कोई पता नहीं
गुंजन हर दिन की तरह सोमवार को भी स्कूल गई थी और छुट्टी के बाद बस से घर लौटने वाली थी. लेकिन जब शाम चार बजे तक वह घर नहीं पहुंची, तो उसके माता-पिता घबरा गए. परिजनों ने उसे आसपास हर जगह ढूंढा, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला. करीब डेढ़ घंटे की तलाश के बाद पिता राम मंडल को शक हुआ कि बेटी शायद स्कूल में ही रह गई होगी.
स्कूल में अचानक सुनी बच्ची की आवाज
जब राम मंडल स्कूल पहुंचे तो वहां का गेट बंद था. तभी उन्हें अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. घबराकर उन्होंने बिना देर किए दीवार फांद ली और स्कूल के अंदर चले गए. जैसे ही उन्होंने आवाज लगाई, उनकी बेटी गुंजन ने रोते हुए जवाब दिया. बेटी की सिसकियां सुनकर राम मंडल की आंखों से आंसू बह निकले. उन्होंने तुरंत स्कूल मैनेजमेंट को फोन करके घटना की जानकारी दी.
बच्ची को सुरक्षित बचाया गया
जैसे ही स्कूल की हेडमिस्ट्रेस दीक्षिका साहू को घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत चपरासी को बुलाया और क्लास का ताला खुलवाने को कहा. थोड़ी कोशिशों के बाद करीब एक घंटे में दरवाजा खोला गया और गुंजन को सुरक्षित बाहर निकाला गया. वह डरी और सहमी हुई थी, लेकिन पूरी तरह ठी थी. बाद में गुंजन ने बताया कि छुट्टी के समय वह थककर क्लास में ही सो गई थी. जब उसकी नींद खुली, तब तक सब जा चुके थे और कमरे पर ताला लग चुका था. डर के मारे वह रोने लगी और मदद के लिए पुकारने लगी.





