बिना नीतीश कोई सरकार नहीं! बिहार में सियासी शह-मात, JDU की 120 सीटों की मांग के पीछे क्या है राजनीति?
बिहार की सियासत में JDU ने बड़ा दांव खेला है.वरिष्ठ नेता गुलाम गौस ने कहा कि पार्टी 115-120 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी. विपक्ष पर तीखे वार करते हुए उन्होंने दोहराया कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. अमित शाह के बयान पर भी चतुर प्रतिक्रिया दी गई. सीट शेयरिंग की इस जंग में JDU अब मोहताज नहीं, निर्णायक बनने की ओर है.

बिहार सरकार द्वारा वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार ने ये फैसला उनके दबाव में लिया है. इसपर JDU के वरिष्ठ नेता गुलाम गौस ने तीखा हमला बोला. उन्होंने व्यंग्य में कहा कि तेजस्वी तो अब यह भी कह सकते हैं कि नीतीश कुमार की उम्र उनसे कम है. गौस ने कहा कि जनता को पता है कि असल में काम कौन कर रहा है.
गुलाम गौस ने सीट बंटवारे को लेकर भी बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि JDU सभी 243 सीटों की तैयारी कर रही है और 115 से 120 सीटें हमारे लिए न्यूनतम लक्ष्य हैं. उनके अनुसार पार्टी का मकसद सिर्फ खुद को मजबूत करना नहीं, बल्कि एनडीए गठबंधन को मजबूती देना भी है. इससे साफ है कि JDU इस बार 'किंगमेकर' नहीं, 'किंग' की भूमिका में रहना चाहती है.
अमित शाह के बयान पर राजनीतिक संकेत
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि समय बताएगा बिहार का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए गुलाम गौस ने संकेतों में ही जवाब दिया. उन्होंने कहा, “अब हवा ही करेगी रोशनी का फैसला, दम जिस दीए में होगा वही दीया रहेगा.” साफ है कि JDU के नेता अब अपने राजनीतिक भविष्य को केवल सहयोगियों पर नहीं छोड़ना चाहते.
‘हम मोहताज नहीं’
गुलाम गौस ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि JDU किसी के मोहताज नहीं है. उन्होंने कहा कि जिनकी सरकारें खुद बैसाखियों पर टिकी हैं, वो JDU को नसीहत दे रहे हैं. यह बयान सीधे तौर पर RJD पर हमला था, जो बार-बार नीतीश कुमार की वैचारिक स्थिरता और राजनीतिक विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही है.
नीतीश ही रहेंगे अगला सीएम
JDU के नेता गुलाम गौस ने दो टूक कहा कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री सिर्फ नीतीश कुमार ही होंगे. उन्होंने कहा कि बिना नीतीश कुमार के बिहार में कोई सरकार नहीं बन सकती. यह बयान न केवल पार्टी की ताकत का दावा करता है, बल्कि भाजपा और अन्य सहयोगियों को एक तरह की चेतावनी भी देता है.
गठबंधन में समानता या प्रभुत्व?
JDU का लगातार यह कहना कि हम कम से कम 120 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, इस बात का संकेत है कि वह खुद को भाजपा के सामने बराबर की ताकत के रूप में प्रस्तुत कर रही है. यह स्थिति NDA के भीतर भविष्य में होने वाली बातचीत को जटिल बना सकती है. साथ ही, ये बयान JDU की अंदरूनी रणनीति का भी हिस्सा हैं, जो उसे 'छोटे भाई' की छवि से निकालकर 'समान भागीदार' की भूमिका में लाना चाहते हैं.