लालू यादव की समाजवादी सोच को मिली जीत... जातीय जनगणना पर तेजस्वी बोले– वाजपेयी जी ने रोक दिया था, अब होना पड़ा मजबूर
राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना में जातीय गणना को शामिल करने के फैसले को समाजवादियों और लालू यादव की ऐतिहासिक जीत बताया है. उन्होंने कहा कि यह मांग पिछले 30 वर्षों से की जा रही थी, लेकिन पहले इसे ठुकरा दिया गया था. अब सरकार का यह फैसला सामाजिक न्याय और वर्षों की लड़ाई की जीत है.

Tejashwi Yadav on Modi government Caste Census Decision: केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना में जातीय गणना शामिल करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक जीत बताया. उन्होंने कहा कि यह समाजवादी आंदोलन और लालू प्रसाद यादव की वर्षों पुरानी मांग की जीत है.
तेजस्वी यादव ने ANI से कहा, "यह हमारी 30 वर्षों से जारी मांग रही है. यह सिर्फ एक राजनीतिक फैसला नहीं, बल्कि सभी समाजवादियों और लालू यादव की जीत है." उन्होंने याद दिलाया कि 1996-97 में भी कैबिनेट ने जातीय जनगणना को मंजूरी दी थी, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे लागू नहीं होने दिया.
''यह फैसला हमारे लगातार संघर्ष की ताकत को दर्शाता है''
तेजस्वी ने यह भी बताया कि हाल ही में बिहार के कई राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातिगत जनगणना की मांग की थी, लेकिन पहले इसे ठुकरा दिया गया. उन्होंने कहा, "कई मंत्रियों ने पहले इनकार किया था, लेकिन आज का यह फैसला हमारे लगातार संघर्ष की ताकत को दर्शाता है. उन्हें हमारी एजेंडा पर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा."
अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने बुधवार को यह ऐलान किया कि जातिगत आंकड़े अब आने वाली जनगणना में शामिल किए जाएंगे. इस फैसले का स्वागत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं ने भी किया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (CCPA) ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह फैसला देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को और मजबूत करेगा। यह सरकार की समाज और राष्ट्र के हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
अश्विनी वैष्णव ने यह भी याद दिलाया कि मोदी सरकार ने पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण लागू किया था, जिससे अन्य वर्गों पर कोई असर नहीं पड़ा.
''एनडीए सरकार ने नहीं लागू होने दिया''
राजद सुप्रीमो व पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने कहा, "जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान हमारी संयुक्त मोर्चा सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से यह निर्णय लिया था कि 2001 की जनगणना में जाति आधारित गणना कराई जाएगी, लेकिन वाजपेयी जी की एनडीए सरकार ने इसे लागू नहीं किया."
''संसद को कई दिनों तक ठप रखा''
लालू ने कहा, ''2011 की जनगणना में जाति जनगणना की फिर से जोरदार मांग संसद में उठाई गई थी. मैं स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव और स्वर्गीय शरद यादव जी ने इस मांग को लेकर संसद को कई दिनों तक ठप रखा. संसद को हमने तब ही चलने दिया, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराने का आश्वासन दिया."
''संघियों को हमारे एजेंडे पर यूं ही नचाते रहेंगे''
राजद सुप्रीमो ने कहा, देश में पहली बार जातिगत सर्वेक्षण बिहार में हमारे 17 महीने के महागठबंधन शासन में ही हुआ था. जो बातें हम समाजवादी 30 साल पहले सोचते थे – आरक्षण, जाति जनगणना, समानता, भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता- उन्हीं बातों को आज बाकी लोग भी फॉलो कर रहे हैं. जब हमने जाति जनगणना की मांग की थी तो हमें जातिवादी कहा गया. अब जब देश भर में यह मांग ज़ोर पकड़ रही है तो वही लोग हमारे एजेंडे पर नाच रहे हैं. अभी बहुत कुछ बाकी है. हम इन संघियों को हमारे एजेंडे पर यूं ही नचाते रहेंगे."