अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर तेजस्वी से सीधे भिड़ेंगे प्रशांत किशोर! राघोपुर से कर सकते हैं सियासी 'डेब्यू'
बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बार चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (पीके) की पार्टी 'जन सुराज' भी पूरी ताकत झोंक रही है. पीके पहले ही साफ कह चुके हैं कि उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी, सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. अब चुनाव का समय करीब आ रहा है, ऐसे में चर्चा है कि प्रशांत किशोर खुद कहां से चुनाव लड़ेंगे?

बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर संभव है. अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर प्रशांत किशोर अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. उनका पहला सियासी पड़ाव तेजस्वी यादव का गढ़ ‘राघोपुर’ हो सकता है. यानी वह अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर सीएम पद के दावेदार प्रत्याशी को ही सीधे चुनौती देंगे. हालांकि, जन सुराज पार्टी की किसी नेता ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन बिहार की राजनीति यह चर्चा गरम है.
दरअसल, प्रशांत किशोर ने 6 मार्च 2025 को पूर्वी चंपारण जिले के जिले के मुख्यालय मोतिहारी में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था कि अगर पार्टी कहेगी तो वहां से भी चुनाव लड़ सकता हूं. इसके बाद उन्होंने एक न्यूज चैनल से भी बातचीत में कहा था कि चुनाव कोई भी लड़ सकता है. पार्टी के कार्यकर्ता जहां से कहेंगे, मैं वहीं चुनाव लड़ूंगा.
सर्वे में जुटी जन सुराज की टीम
जन सुराज पार्टी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर स्टेट मिरर डॉट कॉम के प्रतिनिधि को बताया की प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर से सीधी भिड़ंत का मन बना चुके हैं. पार्टी की ओर से एक सर्वे टीम राघोपुर के मतदाताओं का मन टटोलने में जुटी है. जन सुराज की सर्वे टीम ने फीडबैक लड़ने की रिपोर्ट दी तो वह राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं.
क्या कहते हैं सियासी विश्लेषक?
अगर ऐसा हुआ तो यह मुकाबला बिहार की राजनीति का सबसे चर्चित द्वंद्व बन सकता है, इसलिए चर्चा है कि क्या PK वाकई राघोपुर से ताल ठोंकेंगे? क्या तेजस्वी यादव की सीट अब सुरक्षित नहीं रही? यादव बहुल राघोपुर सीट पर राजपूत समुदाय के वोटों की अच्छी-खासी संख्या है. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राघोपुर से विधानसभा चुनाव लड़कर, किशोर तेजस्वी यादव के लिए "वोट कटवा" की भूमिका निभा सकते हैं.
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पिछले दो लगातार चुनावों से वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से जीतते आ रहे हैं. हालांकि, उन्होंने प्रशांत किशोर की घोषणा पर अभी तक सीधी टिप्पणी नहीं की है. आरजेडी के सियासी उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव 2015 और 2020 के लगातार चुनावों में राघोपुर विधानसभा सीट से जीतते रहे हैं. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने 1995 और 2000 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी, जबकि उनकी पत्नी राबड़ी देवी 2005 में इसी सीट से निर्वाचित हुई थीं.
पीके ने सुशील मोदी को क्यों किया याद?
पश्चिमी चंपारण जिले में मीडियाकर्मियों बातचीत में प्रशांत किशोर ने ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए वह अपने ही मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नाम नहीं बता पा रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैंने नहीं, बल्कि दिवंगत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने ही अतीत में कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं. मैं उन्हें नीतीश कुमार लंबे समय से चुनौती दे रहा हूं कि वह बिना कागज देखे अपने ही मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नाम बताएं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी मनःस्थिति में वह बिहार पर शासन कर रहे हैं."
बिहार को करेंगे JDU और RJD के कब्जे से मुक्त - पीके
प्रशांत किशोर ने कहा था, "जन सुराज पार्टी बिहार को उस राजनीतिक दलदल से बाहर निकालने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी, जिस पर दशकों से नीतीश कुमार और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद का कब्जा है." उन्होंने आगे कहा, "अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो राज्य से शराबबंदी एक घंटे में खत्म हो जाएगी."
लालू परिवार का गढ़ है राघोपुर
राघोपुर विधानसभा सीट हमेशा से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की परंपरागत सीट रही है. खुद लालू यादव यहां से MLA रहे, बाद में उनकी बेटी मीसा भारती ने भी इसी क्षेत्र से लोकसभा की राजनीति में कदम रखा. अब तेजस्वी यादव इस सीट से दो बार जीत चुके हैं, लेकिन PK की संभावित एंट्री से यहां का समीकरण बदल सकता है.
केजरीवाल मॉडल पर PK की बड़ी चाल
बता दें कि जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को चुनौती दी थी, PK उसी तरह बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी RJD के नेता को चुनावी मैदान में चुनौती देने की तैयारी में हैं. साल 2013 में केजरीवाल ने तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित को चुनावी मात देकर दिल्ली में सत्ता की राजनीति में भूचाल ला दिया था. क्या PK भी बिहार में वही दोहराने की सोच रहे हैं?
PK लड़े राघोपुर से तो ...
यदि प्रशांत किशोर राघोपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ते हैं तो यह चुनाव सिर्फ सीट जीतने का नहीं बल्कि आइडियोलॉजिकल लड़ाई का चेहरा बन जाएगा. एक तरफ होंगे पुराने समाजवादी समीकरण दूसरी तरफ PK का सुशासन मॉडल. वोटर भी दो धाराओं के बीच बंट सकते हैं 'जातीय समीकरण बनाम विकासवाद'.