अब सरकारी बंगले पर बिहार में रार! ‘किसी भी कीमत पर खाली नहीं किया जाएगा’: RJD की दो टूक, मंत्री बोले - खत्म हो चुका पुराना प्रावधान
राबड़ी देवी के सरकारी आवास को खाली करने के आदेश के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. सरकार ने उन्हें 39, हार्डिंग रोड वाले बंगले में जाने को कहा है, लेकिन आरजेडी ने साफ कर दिया है कि 10, सर्कुलर रोड “किसी भी कीमत पर खाली नहीं किया जाएगा.” आरजेडी ने इसे लालू प्रसाद व राबड़ी देवी के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना बताया, जबकि सरकार का कहना है कि यह फैसला कानूनी नियमों के अनुरूप है. विवाद के बढ़ते संकेत मिल रहे हैं.
पटना की राजनीति इन दिनों एक बार फिर अपने चरम पर है. राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास को लेकर सियासत गरमा गई है. लगभग दो दशक से 10, सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रह रहीं राबड़ी देवी को अब बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन विभाग ने आदेश दिया है कि वह इस आवास को खाली कर 39, हार्डिंग रोड वाले बंगले में जाएं - जिसे राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए अधिकृत किया गया है. लेकिन इस आदेश के साथ ही राजनीतिक बवाल शुरू हो गया. आरजेडी ने साफ संकेत दे दिया है कि यह बंगला “किसी भी कीमत पर खाली नहीं किया जाएगा.”
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आरजेडी बिहार अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने स्पष्ट और तीखे अंदाज़ में कहा कि पार्टी किसी भी हाल में इस सरकारी आवास से बाहर नहीं जाएगी. मंडल ने कहा, “10, सर्कुलर रोड किसी भी कीमत पर खाली नहीं होगा… चाहे कुछ भी हो जाए. यह फैसला विपक्ष की आवाज दबाने और हमारे नेता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का अपमान करने की साज़िश है.” उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और इसकी जड़ में सत्तारूढ़ एनडीए की “दुश्मनी” है. मंडल के अनुसार, दो दशकों तक इस बंगले पर कोई सवाल नहीं उठाया गया, लेकिन अचानक अब इसे खाली कराने की कोशिश की जा रही है - जैसे कि इससे कोई सियासी संदेश दिया जाना हो.
नीतीश कुमार के मंत्री को देनी पड़ी सफाई
सरकार की ओर से राज्य मंत्री संतोष कुमार सुमन ने इस विवाद पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी को यह बंगला उस प्रावधान के तहत मिला था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास आवंटित किया जाता था. लेकिन कुछ वर्ष पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह प्रावधान खत्म कर दिया गया और इसलिए बंगला आवंटन में बदलाव होना स्वाभाविक है. सुमन ने कहा, “हम राबड़ी देवी से कोई बंगला छीन नहीं रहे. सरकार के पास यह अधिकार है कि कौन सा आवास किसे दिया जाएगा. 39, हार्डिंग रोड कानूनी रूप से सही आवंटन है.”
'भाजपा को खुश करने के लिए नीतीश सरकार कर रही ऐसा'
लेकिन आरजेडी इस तर्क को पूरी तरह खारिज करती दिखी. मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पूरा फैसला भाजपा को खुश करने के लिए लिया गया है. उनके अनुसार, जेडीयू और भाजपा के बीच हाल के राजनीतिक समीकरणों ने नीतीश कुमार को असहज कर दिया है और यही वजह है कि राबड़ी देवी को आवास से हटाने की कार्रवाई की जा रही है. मंडल ने कहा, “नीतीश कुमार भाजपा को खुश करना चाहते हैं. भाजपा को लालू प्रसाद से जो नफरत है, उसे भुनाने के लिए यह फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टोली को रिझाने के लिए हमारे नेता का अपमान किया जा रहा है.”
'जनता को है राजद पर भरोसा'
मंडल यहीं नहीं रुके. उन्होंने चुनावी नतीजों की ओर इशारा करते हुए सत्ता पक्ष को सीधे चुनौती भी दी. उनके मुताबिक, आरजेडी भले ही विपक्ष में हो, लेकिन उसे जनता का वोट सबसे अधिक मिला है और इसलिए पार्टी को कमज़ोर मान लेना “बड़ी भूल” होगी. उन्होंने कहा, “एनडीए इस भ्रम में न रहे कि वह सबसे बड़ी ताकत है. वोटों के लिहाज़ से हम किसी भी पार्टी से बड़े हैं. इस बार सीटें भले कम आई हों, पर हार हमारी नहीं - सिस्टम की है.” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और एनडीए के पास “अपार संसाधन और सरकारी मशीनरी” थी, जबकि आरजेडी ने सीमित साधनों में चुनाव लड़ा. फिर भी जनता ने आरजेडी पर भरोसा जताया. इसलिए सत्तारूढ़ दलों को विपक्ष को अपमानित करने की कोशिशों से बाज़ आना चाहिए.
पूरा विवाद अब धीरे-धीरे बिहार में व्यापक राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बनता जा रहा है. एक ओर सरकार कानूनी और प्रशासनिक तर्कों के साथ खड़ी है, वहीं आरजेडी इसे “सम्मान बनाम अपमान” की लड़ाई बताकर अपने समर्थक आधार को मजबूत संदेश देना चाहती है. आने वाले दिनों में यह मुद्दा अदालत से लेकर विधानसभा और सड़क तक पहुंच सकता है. लेकिन फिलहाल तस्वीर साफ है कि आरजेडी पीछे हटने को तैयार नहीं है और राबड़ी देवी का 10, सर्कुलर रोड से हटना निकट भविष्य में संभव नहीं दिख रहा.





