Nitish Kumar Topi Row: PM मोदी पर तंज कसने वाले CM खुद फंसे विवाद में, मुस्लिम टोपी पहनने से किया इनकार; वीडियो वायरल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय की पारंपरिक टोपी पहनने से इनकार कर दिया और उसे अपने मंत्री मोहम्मद जामा खान को पहना दिया. यह घटना चर्चा में इसलिए आई क्योंकि 2013 में नीतीश ने नरेंद्र मोदी को टोपी न पहनने पर घेरा था. अब उनका खुद का रुख बदला हुआ दिख रहा है. इस बीच नीतीश ने मुस्लिम समाज के लिए कब्रिस्तान घेराबंदी, मदरसा पंजीकरण और मुस्लिम महिलाओं को ₹25,000 मासिक सहायता जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं.
Nitish Kumar Topi Controversy: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के एक कार्यक्रम में पहुंचे, जहां उन्हें मुस्लिम समुदाय की पारंपरिक टोपी पहनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मुस्कुराते हुए दोनों हाथों से उसे पहनने से इनकार कर दिया. हालांकि, बाद में नीतीश कुमार ने वह टोपी हाथ में लेकर अपने मंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख मोहम्मद जामा खान को पहना दी.
इस पूरे वाकये का वीडियो सामने आया है, जिसे न्यूज एजेंसी एएनआई ने पहले शेयर किया लेकिन बाद में हटा लिया. बावजूद इसके, अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
12 साल पहले टोपी न पहनने को लेकर पीएम मोदी को घेरा था
दिलचस्प बात यह है कि करीब 12 साल पहले नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को मुस्लिम टोपी न पहनने पर घेरा था. तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2013 के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान मुस्लिम मौलाना द्वारा दी गई टोपी पहनने से उन्होंने मना कर दिया था. नीतीश ने तब कहा था कि भारत का नेता वही हो सकता है जो 'टोपी' और 'तिलक' दोनों को स्वीकार करे.
कई बार नीतीश कुमार ने मारी पलटी
नीतीश का राजनीतिक सफर इस मुद्दे पर कई बार पलटियां खाता दिखा है. वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे, 2013 में मोदी का विरोध कर NDA से अलग हो गए, 2015 में आरजेडी और कांग्रेस के साथ चुनाव जीते, फिर 2017 में NDA में लौटे, 2022 में बीजेपी से नाता तोड़ा और 2024 में फिर बीजेपी संग आ गए. अब वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव भी NDA के साथ लड़ने की तैयारी में हैं.
नीतीश कुमार ने गिनाए मुस्लिम समाज के लिए किए गए कार्य
कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के लिए किए गए कार्य भी गिनाए. उन्होंने कहा कि 2007 से मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक सहायता योजना दी जा रही है, जिसकी राशि अब ₹25,000 प्रति माह कर दी गई है. इसके अलावा कब्रिस्तानों की घेराबंदी, मदरसों का पंजीकरण, और मदरसा शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया.
सीएम नीतीश ने कहा, “हमने समाज के हर तबके- हिंदू, मुस्लिम, ऊंची जाति, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित या महादलित, सबके लिए काम किया है. विपक्षी चाहे कुछ भी कहें, उसका कोई महत्व नहीं. हम अपना काम पूरी गंभीरता से करते हैं.”





