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Bihar Election Result 2025: महुआ से उठेगा तूफ़ान या राघोपुर से गूंजेगी रणभेरी? इन 10 हॉट सीटों पर तय होगा सत्ता का खेल!

Bihar Election Result 2025: बिहार की सियासी जंग इस बार 10 वीआईपी सीटों पर केंद्रित है, जहां नीतीश और तेजस्वी की प्रतिष्ठा दांव पर है. राघोपुर से तेजस्वी, महुआ से तेज प्रताप, तारापुर से सम्राट चौधरी और सिवान से मंगल पांडेय मैदान में हैं. इमामगंज से मांझी की बहू दीपा कुमारी महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बनीं. इन सीटों पर हर वोट सत्ता का रुख तय करेगा- नीतीशे सरकार या तेजस्वी राज?

Bihar Election Result 2025: महुआ से उठेगा तूफ़ान या राघोपुर से गूंजेगी रणभेरी? इन 10 हॉट सीटों पर तय होगा सत्ता का खेल!
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 14 Nov 2025 7:10 AM

Bihar Election Result 2025: बिहार की सियासी जंग इस बार VIP सीटों पर फुल ऑन बवाल मोड में है! 243 सीटों की लड़ाई में सबकी नजर टिकी है उन 10 सीटों पर, जहां से तय होगा कि पटना की कुर्सी पर कौन बैठेगा? नीतीश या तेजस्वी! एक तरफ हैं तेजस्वी यादव, जो राघोपुर से फिर ‘जनता के बेटे’ बनकर मैदान में हैं, तो दूसरी तरफ सम्राट चौधरी अपने तरकश के हर तीर से एनडीए की जीत का रास्ता बना रहे हैं.

महुआ में तेज प्रताप यादव की सियासी किस्मत दांव पर है तो तारापुर से मंगल पांडेय नीतीश सरकार की रीढ़ साबित होने की कोशिश में हैं. वहीं, सिवान में राजद और जदयू की बीच जोरदार टक्कर है और इस बार जीतन राम मांझी की बहू दीपा कुमारी भी हॉट सीट पर हैं, जो महिला सशक्तिकरण और दलित राजनीति दोनों की आवाज बन चुकी हैं.

बिहार की इन 10 सीटों पर वोटिंग नहीं, भावनाओं का विस्फोट हुआ है. हर गली-मोहल्ले में एक ही चर्चा- 'इस बार कौन?' नीतीश का तजुर्बा या तेजस्वी की तबीयत? क्योंकि ये सीटें ही तय करेंगी कि सत्ता का रिमोट पटना में किसके हाथ रहेगा- नीतीशे सरकार या तेजस्वी राज?

  1. राघोपुर- तेजस्वी यादव (RJD)- लालू यादव का पारंपरिक गढ़, राघोपुर से तेजस्वी लगातार तीसरी बार मैदान में हैं. यह सीट RJD की प्रतिष्ठा का प्रतीक मानी जाती है. यहां यादव-मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ युवाओं में तेजस्वी की पकड़ मजबूत है. एनडीए हर हाल में इस किले को भेदना चाहता है क्योंकि जीत या हार दोनों ही तेजस्वी के भविष्य का राजनीतिक संदेश देंगी.
  2. महुआ- तेज प्रताप यादव (Jan Shakti Janata Dal)- तेज प्रताप यादव बेघर होने के बाद खुद की पार्टी खड़ी की और पहली बार अपने दम पर चुनाव मैदान में महुआ सीट से खड़े हैं और इस सीट फिर एक बार सियासी वापसी की कोशिश में हैं. पिछली बार के प्रदर्शन के बाद इस बार उनका इमेज रिवाइवल दांव पर है. महुआ में यादव और मुसलमान मतदाता निर्णायक हैं. एनडीए इस सीट पर हर हाल में सेंध लगाना चाहता है तो वही तेज प्रताप यादव के लिए यह जीत सबसे बड़ी जीत और उनके लिए आस्तिव की लड़ाई मानी देखी जा रही है.
  3. तारापुर – सम्राट चौधरी (BJP)- इस सीट पर पहले NDA की ओर से JDU के उम्मीदवार को मैदान में उतारा जा था इस बार इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी सम्राट चौधरी को मौका दिया गया है. एनडीए के चेहरे और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की साख से जुड़ी सीट. तारापुर में उनकी जीत भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाली होगी. नीतीश सरकार की नीतियों और केंद्र की योजनाओं पर जनता का रुख यहीं से झलकेगा. विपक्ष इस सीट पर हर मोर्चे से घेराबंदी कर रहा है क्योंकि यह भाजपा के नेतृत्व की प्रतिष्ठा की सीट बन चुकी है.
  4. लखीसराय – विजय सिन्हा (BJP)- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के लिए लखीसराय सिर्फ सीट नहीं, सियासी सम्मान की परीक्षा है. एनडीए के वरिष्ठ नेता के रूप में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है, लेकिन महा गठबंधन भी पूरी ताकत से मैदान में है. यहां जातीय समीकरण और विकास का मुद्दा बराबरी से चल रहा है. विजय सिन्हा की जीत नीतीश-भाजपा गठजोड़ के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी.
  5. सिवान - मंगल पांडेय (BJP)- पूर्व मंत्री मंगल पांडेय पहली बार सिवान से चुनाव मैदान में हैं. यह सीट बीजेपी के लिए नई जमीन बनाने की कोशिश है. यहां राजद का पुराना प्रभाव रहा है, लेकिन भाजपा मोदी लहर और मंगल पांडेय की स्वच्छ छवि पर दांव लगा रही है. अगर वे जीतते हैं तो यह भाजपा के लिए बड़े राजनीतिक विस्तार का संकेत होगा.
  6. इमामगंज- दीपा कुमारी (HAM)- जीतन राम मांझी की बहू दीपा कुमारी इस बार इमामगंज से मैदान में हैं. यह सीट दलित समीकरण और महिला शक्ति दोनों का प्रतिनिधित्व करती है. मांझी परिवार की साख और हम पार्टी के भविष्य का दांव इसी सीट पर टिका है. महागठबंधन और एनडीए दोनों यहां की रणनीति को लेकर बेहद सतर्क हैं क्योंकि यह सीट दलित राजनीति की दिशा तय करेगी.
  7. बांकीपुर - नितिन नबीन (BJP)- पटना की सबसे हॉट और अर्बन सीटों में से एक. नितिन नबीन लगातार तीन बार यहां से विजयी रहे हैं और इस बार चौथी पारी खेलने उतरे हैं. यह सीट बीजेपी के शहरी समर्थन का प्रतीक है. पटना का मॉडर्न तबका, युवा और व्यापारी वर्ग नितिन नबीन का मुख्य वोट बैंक है. उनकी जीत राजधानी में एनडीए की पकड़ मजबूत करेगी.
  8. दरभंगा शहरी - संजय सरावगी (BJP)- दरभंगा मिथिला की राजनीति का केंद्र है, और संजय सरावगी यहां से बीजेपी का सबसे भरोसेमंद चेहरा बने हुए हैं. उनकी जीत से न सिर्फ मिथिला में भाजपा का दबदबा कायम रहेगा बल्कि पूरे उत्तर बिहार में इसका असर दिखेगा. राजद और कांग्रेस की संयुक्त चुनौती के बावजूद सरावगी मिथिला गौरव और विकास के मुद्दे पर जनता के बीच लोकप्रिय हैं.
  9. जोकीहाट (अररिया)- जोकीहाट बिहार की सियासी हवाओं को बदलने वाली सीट मानी जाती है. मुस्लिम बहुल इलाके में यह सीट ओवैसी की एआईएमआईएम और राजद के बीच मुकाबले का केंद्र है. पिछले चुनाव में यहां का परिणाम पूरे सीमांचल की राजनीति पर असर डाल चुका है. इस बार देखना होगा कि क्या राजद फिर से अपना खोया जनाधार वापस पा सकेगा या नई ताकतें उभरेंगी.
  10. नालंदा- श्रवण कुमार (JDU)- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद मंत्री श्रवण कुमार नालंदा से चुनाव मैदान में हैं. यह सीट सीधे नीतीश की साख से जुड़ी है क्योंकि नालंदा उनका गृह जिला है. श्रवण कुमार की छवि ईमानदार और जमीनी नेता की है, जिसने स्थानीय स्तर पर विकास को गति दी है. उनकी जीत नीतीश के नेतृत्व पर जनता की मोहर मानी जाएगी.
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