Bihar Voter List: तेजस्वी ने कहा- वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं, चुनाव आयोग का दावा- मतदाता सूची में नाम...
बिहार मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग विपक्षी दलों के निशाने पर है. सभी तरह के विरोध के बीच चुनाव आयोग ने एसआईआर के नियमों के तहत मतदाता सूची संशोधित कराने के बाद 1 अगस्त 2025 को संशोधित सूची जारी किया था. नया सूची आने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया है.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है. उन्होंने खुद इसकी जानकारी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. उन्होंने कहा कि BLO आए थे और हमारा सत्यापन करके गए. फिर भी मतदाता सूची में नाम नहीं है. तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे लेकर एक वीडियो भी दिखाया. जब मीडिया ने पूछा कि आपकी पत्नी का वोटर ID कार्ड बना तो उन्होंने कहा कि जब मेरा बना ही नहीं तब मेरी पत्नी का कैसे बन जाएगा?
फिलहाल, तेजस्वी यादव ने ड्राफ्ट सूची में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "तकरीबन हर विधानसभा से 20 से 30 हजार नाम काटे गए हैं. कुल 65 लाख के करीब यानी 8.5 फीसदी मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं."
हालांकि तेजस्वी यादव के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि वोटर लिस्ट में तेजस्वी का नाम मौजूद है. आयोग ने सूची की प्रति सार्वजनिक करते हुए कहा कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की गई थीं और सत्यापन भी नियमानुसार हुआ है. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जा रही है.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग जब भी कोई विज्ञापन देता था, तो उसमें बताया जाता था कि इतने शिफ्ट हो गए, इतने लोग मृत हैं और इतने लोगों के दोहरे नाम हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने हमें जो सूची उपलब्ध करवाई है, उसमें उन्होंने चालाकी दिखाते हुए किसी मतदाता का पता नहीं दिया. बूथ का नंबर नहीं है और EPIC नंबर नहीं है. ताकि आप पता ना लगा सकें कि किन लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाया गया है.”
अपने स्टैंड से मुकरी EC
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाा है कि चुनाव आयोग ने विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण में पारदर्शिता को बनाए रखने को लेकर जो आश्वासन दिए थे, वह उन सभी आश्वासनों से मुकर गई! बताया गया था कि जिन भी मतदाताओं का नाम हटाया जाएगा, हटाए जाने का कारण सार्वजनिक किया जाएगा!
महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर चुनाव आयोग के तानाशाही आचरण का परोक्ष तात्पर्य यही था, 'जो करना हो कर लो, हमें तो दो गुजरातियों का ऊपर से आदेश प्राप्त है, हम उसी पर चलेंगे!'
चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए कहा, "जब आपने पहले ही तय कर दिया कौन सरकार बनाएगा, फिर चुनाव क्यों? बिहार से हर साल 3 करोड़ श्रमिक बाहर जाते हैं. उससे ज्यादा नाम आना चाहिए. इन सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ था या नहीं? मतदाताओं को नाम काटने से पहले क्या उन्हें कोई सूचना दिया गया था? क्या 65 लाख मतदाताओं को नोटिस दिया गया?"
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या 65 लाख मतदाताओं को अपील का मौका मिला? निर्वाचन आयोग टारगेटेड काम कर रहा है. ऐसे गणना प्रपत्र कितने हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं दिए गए. निर्वाचन आयोग सभी बातों को छुपा क्यों रहा है?