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Bihar Oath Ceremony: 20 नवंबर को गांधी मैदान में 10वीं बार सीएम की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, PM Modi होंगे शामिल

बिहार में NDA सरकार 20 नवंबर को गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण करने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे. 202 सीटों की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा तेज है. BJP–JDU गठबंधन के बीच सत्ता-साझेदारी का नया फॉर्मूला तैयार हो चुका है, जिसमें JDU को CM पद और BJP व LJP को डिप्टी CM पद मिलने की संभावना है. सरकार गठन से पहले NDA की संयुक्त बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. यह आयोजन बिहार की नई राजनीतिक दिशा तय करेगा.

Bihar Oath Ceremony: 20 नवंबर को गांधी मैदान में 10वीं बार सीएम की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, PM Modi होंगे शामिल
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 17 Nov 2025 7:39 AM

बिहार की राजनीति एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है. NDA की रिकॉर्ड जीत के बाद सूबे में सरकार गठन की हलचल तेज हो चुकी है और अब सभी की निगाहें अगले बड़े राजनीतिक इवेंट शपथ ग्रहण समारोह पर टिक गई हैं. जानकारी के अनुसार, 20 नवंबर को गांधी मैदान में नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है. यह आयोजन सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक दिशा, स्थिरता और नए जनादेश का सबसे भव्य प्रदर्शन बनने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह में मौजूद रहेगा.

2025 के चुनाव नतीजों ने साफ कर दिया है कि बिहार के मतदाताओं ने विकास मॉडल, स्थिर नेतृत्व और गठजोड़ की मजबूती पर भरोसा जताया है. NDA की 202 सीटों की प्रचंड जीत ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को नया आकार दिया है. अब जब गठबंधन नेतृत्व अंतिम रणनीति तैयार कर रहा है, सरकार की संरचना, नए चेहरों, और सत्ता संतुलन पर पूरे देश की नजरें टिक गई हैं. इसी बीच, राजनीतिक दलों के बीच चल रही आंतरिक चर्चाएँ नई सरकार के स्वरूप का संकेत भी दे रही हैं.

गांधी मैदान बनेगा ऐतिहासिक पल का साक्षी

20 नवंबर की शाम को पटना का गांधी मैदान एक बार फिर ऐतिहासिक शपथ ग्रहण का मंच बनेगा. यह वही जगह है जहां कई बार बिहार की राजनीतिक दिशा बदलने वाले बड़े फैसले लिए गए हैं. इस बार NDA अपने रिकॉर्ड जनादेश को भव्यता के साथ प्रदर्शित करने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई शीर्ष नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिससे यह समारोह राष्ट्रीय सुर्खियों का केंद्र बन गया है.

NDA की 202 सीटों की प्रचंड जीत

इस चुनाव में NDA ने 243 में से 202 सीटें जीतकर उन सभी समीकरणों को पीछे छोड़ दिया, जिनके आधार पर बिहार की राजनीति दशकों तक चली. BJP 89 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी, वहीं JD(U) ने 85 सीटों के साथ नीतीश कुमार के जनाधार को फिर से साबित किया. यह जीत दर्शाती है कि बिहार के मतदाताओं ने स्थिर शासन का स्पष्ट संदेश दिया है.

महागठबंधन हुआ बिखराव का शिकार

जहाँ NDA रिकॉर्ड सीटें जीत रहा था, वहीं महागठबंधन अपने सबसे कमजोर दौर से गुज़रता दिखा. RJD सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गया, कांग्रेस 6 पर, और वाम दलों को कुल 3 सीटें मिल पाईं. BSP और IIP को एक-एक सीट मिली. यह परिणाम बताता है कि पुराने राजनीतिक नैरेटिव, आरोप-प्रत्यारोप और जातीय समीकरण इस बार असरदार साबित नहीं हुए.

10वीं बार CM बनने की तैयारी

नतीजे आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि बिहार की कमान किसके हाथ में जाएगी. NDA की आंतरिक चर्चा और राजनीतिक संकेत साफ बताते हैं कि नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. यह उपलब्धि उन्हें देश के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेताओं की सूची में और ऊपर ले जाती है. उनकी प्रशासनिक छवि और विकास मॉडल अभी भी NDA के लिए सबसे मजबूत समीकरण हैं.

JDU, BJP और LJP की भूमिका

सूत्रों के अनुसार, NDA सरकार में वही फॉर्मूला दोहराया जाएगा जो टिकट वितरण के दौरान अपनाया गया था. मुख्यमंत्री पद JD(U) को मिलने की पूरी संभावना है, जबकि BJP और LJP(RV) को एक-एक उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. यह संतुलन NDA के भीतर शक्ति-वितरण को स्थिर रखने के उद्देश्य से बनाया गया है. संख्या के हिसाब से JD(U) के करीब 14 मंत्री मिलने का अनुमान है.

सभी दलों को प्रतिनिधित्व

NDA नेतृत्व इस बात पर सहमत है कि गठबंधन में शामिल प्रत्येक पार्टी को उसके प्रदर्शन के अनुपात में स्थान मिलेगा. यह नीति सुनिश्चित करेगी कि कोई भी दल खुद को कमजोर महसूस न करे और शासन में सामूहिक जिम्मेदारी बनी रहे. सरकार गठन से पहले NDA की संयुक्त विधायक दल की बैठक होगी, जहाँ औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा और कैबिनेट पर अंतिम मुहर लगेगी.

डर की राजनीति ने बदला वोट पैटर्न

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी चुनाव में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सकी. पार्टी का दावा है कि उसके समर्थकों ने अंततः NDA को इसलिए वोट दिया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि RJD की जीत से "जंगलराज" वापस आ सकता है. यह बयान मौजूदा चुनावी मनोविज्ञान और मतदाताओं के डर-आधारित निर्णयों को समझने के लिए अहम माना जा रहा है.

बिहार की नई राजनीतिक यात्रा

NDA की भारी जीत और शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया के बाद बिहार अब एक नई राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाला है. 20 नवंबर का शपथ ग्रहण न केवल नए मंत्रिमंडल का गठन है, बल्कि यह संकेत है कि राज्य अब विकास-केंद्रित राजनीति के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि NDA अपनी ऐतिहासिक जीत को किस तरह नीतियों और फैसलों में बदलता है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
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