लालू परिवार में हाहाकार! मैंने भाई को त्यागा है, रोहिणी के बाद तीन और बहनों ने छोड़ा घर; अब Lalu Family में कौन-कौन?
लालू प्रसाद यादव के परिवार में जबरदस्त उथल-पुथल मच गई है. रोहिणी आचार्य के धमाकेदार बयान और परिवार से नाता तोड़ने के बाद अब उनकी तीन बहनें—राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा—भी पटना स्थित घर छोड़ दिल्ली रवाना हो गईं. यह घटना RJD की करारी चुनावी हार के बीच परिवार में गहराते विवाद को उजागर करती है. रोहिणी ने आरोप लगाया कि उन्हें गालियां दी गईं और चप्पल से मारने की कोशिश की गई. तेज़ प्रताप ने बहन के अपमान पर कड़ा रुख अपनाते हुए “संकेत” मिलने पर “जयचंदों को दफनाने” की चेतावनी दी.
बिहार की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक फैमिली- लालू प्रसाद यादव के घर में मचा संग्राम अब खुले विद्रोह में बदल चुका है. रोहिणी आचार्या के धमाकेदार बयान और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा के एक दिन बाद हालात और बिगड़ गए हैं. रविवार को RJD प्रमुख की तीन और बेटिया राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा-अपने बच्चों के साथ पटना स्थित आवास छोड़कर दिल्ली रवाना हो गईं.
यह सब उस समय हो रहा है जब RJD बिहार विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार झेलकर 75 से करीब 25 सीटों पर सिमट गई है. आए दिन सामने आ रहे आरोपों, आरोपियों के नाम, आंतरिक गुटबाज़ी और परिवार की टूटती कड़ियों ने संकट को और गहरा कर दिया है.
रोहिणी का विस्फोट- 'गालियां दीं, चप्पल से मारने की कोशिश हुई'
RJD की चुनावी हार के कुछ ही घंटों बाद सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी आचार्या ने X पर घोषणा कर दी कि वे राजनीति और परिवार- दोनों से दूर हो रही हैं. भावुक पोस्टों की झड़ी लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि “मुझे गालियां दी गईं… चप्पल से मारने की कोशिश हुई… मुझे परिवार से अलग कर दिया गया… मेरे माता-पिता रोते रह गए… और आरोप लगाया गया कि मैंने किडनी दान के नाम पर ‘करोड़ों’ लिए.”
रोहिणी ने इस विवाद की जड़ में तेजस्वी यादव के बेहद करीबी दो चेहरों-राज्यसभा सांसद संजय यादव और सहयोगी रमीज़—का नाम लिया.उन्होंने लिखा कि “यह वही है जो संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे करवाया, और अब मैं सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रही हूं इन दोनों में से किसी ने भी अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे तेजस्वी के इर्द-गिर्द शक्ति संघर्ष की अटकलें तेज हो गई हैं.
तीन बहनों का एक साथ घर छोड़ना क्या लालू परिवार बिखर रहा है?
सोमवार सुबह चुपचाप 10, सर्कुलर रोड छोड़कर राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. करीबी सूत्र बताते हैं कि रोहिणी विवाद, गालियां, धमकियां, और परिवार के भीतर की अराजकता से वे बेहद विचलित थीं. अब लालू-राबड़ी के घर में सिर्फ लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती ही मौजूद हैं. तेजस्वी यादव जनता के बीच तो क्या, सोशल मीडिया पर भी मुश्किल से दिख रहे हैं.
तेज प्रताप का गुस्सा फूटा-'बस इशारा करिए पिताजी, बिहार इन जयचंदों को दफना देगा'
तेज प्रताप यादव, जिन्हें कुछ महीने पहले ही पार्टी और परिवार—दोनों से बाहर कर दिया गया था, अपनी बहन रोहिणी के समर्थन में आग-बबूला हो उठे. जनशक्ति जनता दल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जारी संदेश में उन्होंने लिखा कि यह घटना मेरे दिल को हिला देने वाली है… मैंने अपने ऊपर हुए हजारों हमले सह लिए, लेकिन बहन का अपमान किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगा…” आगे कहा कि पिताजी, बस एक इशारा… सिर्फ एक सिर हिलाने की दे दीजिए, बिहार की जनता इन जयचंदों को खुद ही दफ़ना देगी.” उन्होंने बिना नाम लिए तेजस्वी के कुछ करीबी चेहरों पर परिवार और पार्टी को “गुमराह करने” का आरोप लगाया.
तेज प्रताप की अपनी कहानी- निकाला गया बेटा, टूटा रिश्ता, नई पार्टी
तेज प्रताप की नाराजगी की पृष्ठभूमि भी लंबी है. फेसबुक पोस्ट विवाद के बाद उन्हें RJD से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. उन्होंने जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाई और महुआ सीट से चुनाव लड़ा, जहां उन्हें तीसरा स्थान मिला. उनकी अपनी वैवाहिक लड़ाई-अपूर्वा और बाद में ऐश्वर्या राय से तनाव ने भी परिवारिक समीकरण बिगाड़े हैं. अब रोहिणी के बाहर होने से यह फासला और गहरा गया है.
लालू परिवार- नौ बच्चों वाला, राजनीति का सबसे बड़ा कुनबा बिखरने की कगार पर? लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के नौ बच्चे हमेशा से बिहार की राजनीति में चर्चा का केंद्र रहे हैं. उनकी संतानें- मीसा भारती, रोहिणी आचार्या, चंदा सिंह, रागिनी यादव, हेमा यादव, अनुष्का राव (धन्नू), राजलक्ष्मी सिंह यादव, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव.
हर बेटी का विवाह एक प्रभावशाली परिवार में हुआ है- कहीं राजनीति, कहीं पायलट, कहीं प्रशासनिक पृष्ठभूमि. लेकिन पहली बार इस परिवार को इतने बड़े स्तर पर भावनात्मक और राजनीतिक टूट का सामना करना पड़ रहा है. RJD की सीटें 75 से घटकर लगभग 25 रह गईं. महागठबंधन मिलाकर भी आंकड़ा 35 तक सिमट गया. आरोप तेजस्वी पर गलत चुनाव रणनीति, विवादित SIR (Special Intensive Revision) सलाहकारों का अत्यधिक दखल, टिकट बंटवारे को लेकर गुस्सा, परिवार में बढ़ती खाई. इन सबने लालू कुनबे में आज की स्थिति पैदा कर दी है. जहां घर की बेटियां एक-एक कर अपना सामान लेकर बाहर जा रही हैं.





