बिहार में NDA की प्रचंड जीत से राज्यसभा का गणित बदला, महागठबंधन के लिए अब एक सीट पाना भी होगा मुश्किल
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की भारी जीत का सीधा असर अब राज्यसभा चुनावों पर दिख रहा है. अगले दो द्विवार्षिक चुनावों में सभी सीटें NDA खाते में जाने की संभावना है, जिससे RJD की राज्यसभा में मौजूदगी तेजी से घटेगी. 2026, 2028 और 2030 में होने वाले चुनावों में महागठबंधन के पास आवश्यक विधायकीय संख्या नहीं है. इससे NDA ऊपरी सदन में और मजबूत होगा, जबकि RJD अपनी कई पुरानी सीटें खो सकती है.
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की भारी जीत का असर अब राज्यसभा चुनावों पर भी पड़ने वाला है. अगले दो द्विवार्षिक चुनावों में NDA को बिहार से मिलने वाली सभी राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल करने की संभावना है. इससे न केवल NDA की ताकत ऊपरी सदन में बढ़ेगी, बल्कि RJD की मौजूदगी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है, जब तक कि पार्टी अगली विधानसभा चुनाव में अपने नंबरों में बड़ा सुधार न करे.
अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनाव में RJD के दो वरिष्ठ सांसद, प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, लेकिन मौजूदा विधानसभा गणित NDA के पक्ष में होने से RJD का इन सीटों को बचा पाना लगभग नामुमकिन नजर आ रहा है. इसी दौरान NDA के भी तीन सांसदों, हरिवंश, रामनाथ ठाकुर (JDU) और उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा, मगर संख्याबल NDA को सभी रिक्त सीटों पर जीत की स्थिति में खड़ा करता है.
राज्यसभा सीट जीतने का गणित
विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए कम से कम 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है. मौजूदा विधानसभा में RJD-नीत महागठबंधन के पास सिर्फ 35 विधायक हैं, जिनमें RJD के 25, कांग्रेस के 6, CPI-ML के 2, CPI-M के 1 और Indian Inclusive Party के 1 विधायक शामिल हैं. इस संख्या के साथ महागठबंधन 2026 में एक भी सीट नहीं जीत सकता.
2028 के चुनाव: RJD की एक और सीट पर खतरा
2028 में होने वाले अगले द्विवार्षिक चुनाव में जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होगा, वे हैं:
- RJD: फैयाज अहमद
- BJP: सतीश चंद्र दुबे, मनन कुमार मिश्रा, शंभू शरण पटेल
- JDU: खीरू महतो
यहां भी संख्याबल NDA के साथ है. महागठबंधन की मौजूदा स्थिति के चलते RJD अपनी सीट बचा नहीं पाएगा.
2030 के चुनाव: RJD और कांग्रेस दोनों के लिए खतरे की घंटी
2030 में जिन सांसदों का कार्यकाल खत्म होगा, उनमें शामिल हैं:
- BJP: धरमशिला गुप्ता, भीम सिंह
- JDU: संजय कुमार झा
- RJD: मनोज झा, संजय यादव
- कांग्रेस: अखिलेश प्रसाद सिंह
इन चुनावों में जीत के लिए कम से कम 35 MLAs की जरूरत होगी. महागठबंधन संयुक्त रूप से भी सिर्फ एक सीट जीत पाएगा, यानी RJD अपनी दोनों सीटें बचा नहीं सकेगा.
ऊपरी सदन में NDA की बढ़ती ताकत
बिहार में विधानसभा की स्थिति स्पष्ट संकेत देती है कि 2026, 2028 और 2030—तीनों चुनावों में NDA को एकतरफा फायदा मिलने वाला है. हालांकि BJP अभी भी राज्यसभा में पूर्ण बहुमत से दूर है, लेकिन बिहार से आने वाली इन लगातार सफलताओं के बाद NDA की संख्या ऊपरी सदन में और मजबूत होगी.





