बिहार सरकार का सात निश्चय-3: रोजगार, उद्योग और सुशासन के दम पर विकसित बिहार का नया रोडमैप; सीएम नीतीश कुमार का ऐलान
बिहार सरकार ने सात निश्चय और सात निश्चय-2 के बाद अब सात निश्चय-3 लागू करने का फैसला किया है. इसका लक्ष्य बिहार को सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है. दोगुना रोजगार–दोगुनी आय, औद्योगिक निवेश, कृषि सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर इसके प्रमुख स्तंभ हैं. सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से करोड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा और नागरिकों का जीवन आसान बनेगा.
बिहार की राजनीति और प्रशासन में 24 नवंबर 2005 एक निर्णायक तारीख मानी जाती है. उसी दिन से “कानून का राज” और सुशासन को विकास की बुनियाद बनाकर आगे बढ़ने का दावा किया गया. दो दशकों के इस सफर में सरकार का कहना है कि सामाजिक न्याय के साथ विकास को जमीन पर उतारने की कोशिश लगातार की गई, जिससे राज्य की दिशा और दशा दोनों बदलीं.
अब सात निश्चय और सात निश्चय-2 के बाद सरकार ने “सात निश्चय-3” के जरिए अगले चरण की विकास यात्रा का खाका पेश किया है. लक्ष्य सिर्फ योजनाएं गिनाना नहीं, बल्कि बिहार को देश के सर्वाधिक विकसित राज्यों की कतार में खड़ा करना है. रोजगार, उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और जीवन की सुगमता—इन सात स्तंभों पर बिहार के भविष्य की इमारत खड़ी करने का दावा किया गया है.
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1. दोगुना रोजगार–दोगुनी आय: आर्थिक बदलाव का दावा
सात निश्चय-3 की पहली प्राथमिकता है राज्य की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना. इसके लिए अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए शुरुआती 10 हजार रुपये और आगे बढ़ने पर 2 लाख रुपये तक की सहायता देने की व्यवस्था की गई है. सामाजिक-आर्थिक सर्वे में चिन्हित 94 लाख गरीब परिवारों को रोजगार योजनाओं से जोड़ने की योजना भी इसी कड़ी का हिस्सा है.
2. समृद्ध उद्योग–सशक्त बिहार: निवेश और टेक हब का सपना
दूसरा निश्चय बिहार को औद्योगिक नक्शे पर मजबूती से स्थापित करने का है. राज्य को पूर्वी भारत का टेक हब और विश्वस्तरीय वर्कप्लेस बनाने के लिए तीन उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया गया है. सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये का निजी निवेश लाना है. बंद पड़ी 9 चीनी मिलों को फिर से चालू करने और 25 नई चीनी मिलें लगाने का फैसला भी औद्योगिक विस्तार की बड़ी घोषणा माना जा रहा है.
3. कृषि में प्रगति–प्रदेश की समृद्धि: किसान केंद्र में
तीसरे निश्चय में खेती को आर्थिक मजबूती की धुरी बनाया गया है. 2024 से 2029 तक लागू चौथे कृषि रोड मैप को तेज करने, मखाना रोड मैप के जरिए उत्पादन और प्रोसेसिंग बढ़ाने पर जोर दिया गया है. डेयरी और मत्स्य पालन को ग्रामीण आय का बड़ा साधन बनाने की योजना है, जिसके तहत हर गांव में दुग्ध उत्पादन समितियां और हर पंचायत में ‘सुधा’ बिक्री केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
4. उन्नत शिक्षा–उज्ज्वल भविष्य: ज्ञान से विकास
शिक्षा को भविष्य की नींव मानते हुए अलग उच्च शिक्षा विभाग का गठन किया गया है. पुराने प्रतिष्ठित संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदलने और नई एजुकेशन सिटी बसाने की योजना बनाई गई है. सरकार का दावा है कि इससे बिहार के छात्रों को राज्य के बाहर जाने की मजबूरी कम होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा.
5. सुलभ स्वास्थ्य–सुरक्षित जीवन: इलाज गांव तक
स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रखंड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बदलने की योजना है. नए मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई और इलाज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा. दूरदराज के इलाकों में डॉक्टरों को विशेष प्रोत्साहन और सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने की नीति भी प्रस्तावित है.
6. मजबूत आधार–आधुनिक विस्तार: इंफ्रास्ट्रक्चर की रफ्तार
छठा निश्चय शहरी और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विस्तार पर केंद्रित है. पांच नई एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण सड़कों का दो लेन में चौड़ीकरण, सोलर एनर्जी को बढ़ावा और नए नियोजित शहरों का विकास इसका हिस्सा है. पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने, फिल्म सिटी और पटना में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजनाएं भी इसी विजन से जुड़ी हैं.
7. सबका सम्मान–जीवन आसान: सुशासन का अंतिम लक्ष्य
सात निश्चय-3 का अंतिम स्तंभ ‘Ease of Living’ यानी आम लोगों का जीवन आसान बनाना है. आधुनिक तकनीक, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन के जरिए नागरिक सेवाओं को सरल और पारदर्शी बनाने का दावा किया गया है. सरकार को भरोसा है कि इन सात निश्चयों के प्रभावी क्रियान्वयन से बिहार न सिर्फ विकास की दौड़ में आगे बढ़ेगा, बल्कि “विकसित बिहार” के संकल्प को भी हकीकत में बदलेगा.





