शोध, बीज, ब्रांडिंग और निर्यात... केंद्र सरकार की नई स्कीम से बदलेगी तस्वीर, बिहार बनेगा मखाना हब- ₹476 करोड़ की योजना पर लगी मुहर
केंद्र सरकार ने मखाना सेक्टर के समग्र विकास के लिए 2025-26 से 2030-31 तक ₹476.03 करोड़ की बहुवर्षीय योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का उद्देश्य शोध, गुणवत्ता बीज उत्पादन, किसान प्रशिक्षण, आधुनिक प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और निर्यात को बढ़ावा देना है. योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक से हुई. इससे बिहार सहित पूरे देश में मखाना उद्योग को आधुनिक और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
Bihar Makhana Farming: भारत के मखाना (Fox Nut) सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा और दीर्घकालिक कदम उठाया है. केंद्र ने 2025-26 से 2030-31 तक के छह वर्षों के लिए ₹476.03 करोड़ की लागत वाला बहुवर्षीय विकास कार्यक्रम मंजूर किया है. इस केंद्रीय क्षेत्र योजना का उद्देश्य मखाना उद्योग के पूरे इकोसिस्टम को आधुनिक बनाना, उसका विस्तार करना और इसे वैश्विक बाजार के लिए प्रतिस्पर्धी बनाना है.
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राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक के साथ हुई योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि यह योजना शोध और नवाचार को बढ़ावा देने, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, किसानों की क्षमता निर्माण, बेहतर कटाई और कटाई के बाद प्रबंधन, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, निर्यात प्रोत्साहन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. योजना के क्रियान्वयन की औपचारिक शुरुआत नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में आयोजित राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक के साथ हुई. बैठक की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की. इस बैठक में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र योजना दोनों को जमीन पर उतारने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई.
बोर्ड ने बजट आवंटन को मंजूरी दी
मंत्रालय के अनुसार, बोर्ड ने राज्यों और शोध संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्ययोजनाओं की समीक्षा की और योजना के विभिन्न घटकों के लिए बजट आवंटन को मंजूरी दी. इन कदमों का उद्देश्य मखाना सेक्टर के समग्र और संतुलित विकास को सुनिश्चित करना है. बैठक में बीज आपूर्ति प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की जरूरत पर भी जोर दिया गया. तय किया गया कि राज्यों से प्राप्त बीजों की मांग को एकीकृत कर बिहार के सबौर स्थित राज्य कृषि विश्वविद्यालय (SAU) और समस्तीपुर स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के माध्यम से चालू वर्ष और आगामी वर्ष के लिए पूरा किया जाएगा.
ट्रेनर्स के लिए आयोजित किए जाएंगे प्रशिक्षण कार्यक्रम
कौशल विकास और तकनीकी ज्ञान के प्रसार को मजबूत करने के लिए राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार और दरभंगा स्थित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (NRC Makhana) विभिन्न राज्यों के ट्रेनर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे. इन प्रशिक्षणों में मखाना की पूरी वैल्यू चेन से जुड़ी नवीनतम तकनीकों पर फोकस रहेगा, ताकि पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ गैर-पारंपरिक इलाकों में भी मखाना की खेती को बढ़ावा दिया जा सके.
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड ने नई खेती और प्रोसेसिंग तकनीकों के विकास, ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण, आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, मजबूत मार्केट लिंक और निर्यात की तैयारी पर भी विशेष जोर दिया. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “यह प्रारंभिक बैठक भारत में मखाना सेक्टर के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजारोन्मुखी विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तय करती है.”
केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा
गौरतलब है कि राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को बिहार में औपचारिक रूप से लॉन्च किया था. यह पहल मखाना उद्योग को सशक्त और आधुनिक बनाने की दिशा में सरकार की बड़ी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.





