Bihar Assembly Election 2025: नीतीश कुमार ने एकतरफा घोषित किया पहला उम्मीदवार, क्या भाजपा से आगे निकलेगी जेडीयू?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने राजपुर सीट से जेडीयू उम्मीदवार संतोष निराला की एकतरफा घोषणा कर राजनीतिक संदेश दिया है. पार्टी चाहती है कि वह भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े. भाजपा ने इसे परंपरागत सीट बताते हुए विवाद से इनकार किया है. सीट साझा वार्ता उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद होगी. एनडीए में सहयोगी दल भी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू ने अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की रणनीति अपनाई है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट साझा वार्ता शुरू होने से पहले ही राजपुर सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी. यह कदम तब उठाया गया है जब कुछ दिन पहले ही जेडीयू ने कहा था कि वह भाजपा से 'कम से कम एक सीट अधिक' पर चुनाव लड़ना चाहती है.
बक्सर में शनिवार को आयोजित एक बैठक में नीतीश कुमार ने वरिष्ठ भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मौजूदगी में पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला को राजपुर से उम्मीदवार घोषित किया. यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. नीतीश कुमार ने कहा, “हमने विकास के कई काम किए हैं, जनता का कर्तव्य है कि वह हमें समर्थन दे और निराला को विजयी बनाए.”
2020 में चुनाव हार गए थे संतोष निराला
संतोष निराला ने 2020 में कांग्रेस के विश्वनाथ राम से हार झेली थी. 51 वर्षीय निराला ने 1990 के दशक में राजनीतिक जीवन शुरू किया और दो बार बिहार सरकार में मंत्री रहे. 2014 से 2017 तक वे एससी-एसटी विभाग संभालते रहे जबकि 2017 से 2020 तक उन्हें परिवहन विभाग की जिम्मेदारी मिली.
पिछले चुनाव में जेडीयू ज्यादा सीटों पर लड़ी थी चुनाव
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 और भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उस समय जेडीयू ने जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 7 सीटें दी थीं जबकि भाजपा ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को 11 सीटें दी थीं. तब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने अकेले चुनाव लड़ा था. जेडीयू ने केवल 43 सीटें जीतीं जबकि भाजपा ने 74 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बावजूद जेडीयू यह संकेत दे रही है कि आगामी चुनाव में वह 2020 की सीट साझा व्यवस्था पर कायम रहते हुए भाजपा से ज्यादा सीटें चाहती है.
बीजेपी ने कहा, कोई विवाद नहीं
नीतीश कुमार की इस घोषणा को भाजपा ने गंभीरता से नहीं लिया. भाजपा का कहना है कि राजपुर सीट पर परंपरागत रूप से जेडीयू ही चुनाव लड़ती रही है और निराला के उम्मीदवार बनने से कोई विवाद नहीं है. वहीं, जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि “इस घोषणा में ज्यादा अर्थ नहीं निकालना चाहिए.”
जल्द होगी सीटों के बंटवारे पर बात
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा, “राजपुर से पहले भी निराला दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. यह सीट हमारी पारंपरिक सीट है. नीतीश कुमार पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे, ऐसे में उन्होंने निराला के नाम की घोषणा करना उचित समझा.” भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा, “नीतीश कुमार एनडीए के नेता हैं. उन्होंने अपने अधिकार का उपयोग करते हुए पारंपरिक सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा की है. सीट साझा वार्ता कुछ ही दिनों में होगी.”
सभी को है ज्यादा सीटों की आस
सूत्रों के अनुसार एनडीए के सहयोगी दल 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद किसी भी समय बैठक कर सीट साझा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि जेडीयू और भाजपा ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है, जबकि सहयोगी दल जैसे चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), HAM (S) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) अधिक सीटें पाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस बीच, चुनाव से पहले जेडीयू का यह कदम बिहार की राजनीति में नया समीकरण पैदा कर सकता है. यह घोषणा न केवल पार्टी की ताकत दिखाने की कोशिश है बल्कि यह भी स्पष्ट संकेत है कि नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. यह घटनाक्रम आगामी चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर होने वाली बातचीत के स्वरूप और रणनीति को प्रभावित कर सकता है. साथ ही, भाजपा और जेडीयू के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती भी बढ़ती जा रही है.