RJD को झटका! तेजस्वी से विवाद के बाद रोहिणी ने सोशल मीडिया से हटाई लालू-राबड़ी की फोटो, पार्टी और परिवार से बनाई दूरी
राजद (RJD) को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब लालू प्रसाद यादव की बेटी और पार्टी की सक्रिय नेता रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल से लालू और राबड़ी की तस्वीरें हटा दीं. यह कदम तब सामने आया है जब हाल ही में उनका विवाद तेजस्वी यादव के करीबी सांसद संजय यादव को लेकर खुलकर सामने आया था. संजय पर निशाना साधते हुए किए गए पोस्ट ने पार्टी के भीतर खलबली मचा दी थी, हालांकि बाद में रोहिणी ने पोस्ट डिलीट कर दिया

बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का परिवार हमेशा सुर्खियों में रहता है. कभी राजनीति के फैसलों को लेकर तो कभी परिवार के भीतर उठते सवालों को लेकर. इस बार सुर्खियों में आई हैं लालू यादव की बेटी और राजद नेता रोहिणी आचार्य.
सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट ने न केवल पार्टी के भीतर हलचल मचा दी, बल्कि रोहिणी और राजद के रिश्तों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अब वे धीरे-धीरे पार्टी और परिवार दोनों से दूरी बनाती नजर आ रही हैं. दरअसल उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मां और पिता की फोटो हटा दी है.
विवाद की शुरुआत: संजय यादव पर हमला
18 सितंबर 2025 को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. यह पोस्ट आरजेडी के अंदरूनी कलह को उजागर करता दिखा. इसमें उन्होंने राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव पर निशाना साधा. उन्होंने संजय को 'सबस्टैंडर्ड' यानी निम्न स्तर का व्यक्ति बताया. इस पोस्ट के सामने आते ही पार्टी के भीतर हलचल मच गई. मामला तूल पकड़ने लगा और देखते ही देखते रोहिणी को पोस्ट डिलीट करना पड़ा.
सोशल मीडिया पर बदलता चेहरा
पोस्ट हटाने के बाद भी विवाद थमा नहीं. रोहिणी आचार्य ने पहले अपना अकाउंट प्राइवेट कर लिया और पूरे दिन सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी. लेकिन जब अकाउंट फिर से पब्लिक हुआ तो सब कुछ बदला हुआ नजर आया. उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल से लालू, राबड़ी और तेजस्वी के साथ लगी तस्वीर हटा दी. अब उनकी प्रोफाइल पर सिर्फ उनकी अकेले की तस्वीर है. मानो वह यह जताना चाहती हों कि अब उनकी पहचान अलग है.
अनफॉलो की लंबी लिस्ट
सबसे बड़ा संकेत उनके एक्स अकाउंट से मिला. रोहिणी ने आरजेडी के नेताओं समेत कुल 58 नेताओं को अनफॉलो कर दिया. पहले वह 61 प्रोफाइल को फॉलो करती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 3 रह गई है. दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों लोग राजनीति से जुड़े हुए नहीं हैं. यानी रोहिणी ने साफ कर दिया है कि अब उनका सोशल मीडिया नेटवर्क राजनीति से दूर है.
परिवार और पार्टी से दूरी का संदेश
सोशल मीडिया के इन बदलावों ने साफ कर दिया है कि रोहिणी आचार्य न सिर्फ पार्टी से बल्कि परिवार से भी दूरी बना रही हैं. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की बेटी होने के बावजूद उन्होंने परिवार की सामूहिक तस्वीर को हटाकर खुद को अकेला दिखाने का फैसला किया. यह कदम कहीं न कहीं उनके मन की स्थिति और मौजूदा हालात को बयां करता है.
क्या यह है भविष्य की रणनीति?
राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रोहिणी आचार्य का अगला कदम क्या होगा. क्या वह राजनीति से पूरी तरह दूरी बना लेंगी या फिर किसी नए रास्ते पर चलेंगी? संजय यादव पर उनके हमले ने यह तो साफ कर दिया है कि वह पार्टी की मौजूदा कार्यशैली से खुश नहीं हैं.
निष्कर्ष
रोहिणी आचार्य का सोशल मीडिया बदलाव एक इशारा है कि लालू परिवार के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं है. पार्टी और परिवार से दूरी बनाकर उन्होंने यह संदेश दे दिया है कि अब वह अपनी राह खुद तय करना चाहती हैं. संजय यादव पर किए गए हमले ने विवाद को हवा दी और सोशल मीडिया पर किए गए बदलाव ने इसे और गहरा कर दिया. अब सभी की नजरें रोहिणी आचार्य के अगले कदम पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.