जुबिन गर्ग को मिले भारत रत्न... ‘संदिग्ध मौत’ पर लोकसभा में सांसद गौरव गोगोई का सीधा वार, सरकार से मांगा जवाब
लोकसभा में दिवंगत गायक जुबिन गर्ग की मौत को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ, जहां कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इसे “हत्या” करार देते हुए केंद्र सरकार से मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की. सिंगापुर में 19 सितंबर को हुई गर्ग की संदिग्ध मौत की जांच SIT कर रही है, जबकि असम सरकार इसे स्पष्ट हत्या बता चुकी है. संसद में उठे सवालों ने इस केस को फिर सुर्खियों में ला दिया है.
लोकसभा का वातावरण बुधवार को अचानक भारी हो गया, जब कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने दिवंगत गायक जुबिन गर्ग की मौत को 'हत्या' करार देते हुए केंद्र सरकार से मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की. संसद की गंभीरता उस समय और गहरी हो गई जब गोगोई ने कहा कि जिस कलाकार ने असम और भारत की सांस्कृतिक धारा को नई आवाज दी. वह विदेश में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान रहस्यमयी परिस्थितियों में कैसे मारा गया?
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सिंगापुर में जुबिन गर्ग की मौत को लेकर जारी रहस्य ने बुधवार को लोकसभा में सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया. कांग्रेस नेता गोगोई ने इसे 'साफ़ तौर पर हत्या' बताते हुए सवाल उठाया कि भारत सरकार के आधिकारिक कार्यक्रम में गए कलाकार की सुरक्षा कैसे नाकाम हो गई. उनकी इस मांग का असर इतना बड़ा रहा कि कई सांसद तुरंत समर्थन में खड़े हो गए.
लोकसभा में गूंजा जुबिन गर्ग का नाम
शून्यकाल के दौरान गौरव गोगोई ने जुबिन गर्ग का मुद्दा बड़े भावनात्मक अंदाज़ में उठाया. उन्होंने कहा कि असम का यह चमकता सितारा सिर्फ एक कलाकार नहीं था बल्कि पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक था, जो हमेशा 'हमारे कंचनजंघा' बने रहेंगे.
हत्या के आरोपों ने बढ़ाया तनाव
गोगोई ने खुले शब्दों में सवाल उठाया कि जब गर्ग भारत सरकार के आधिकारिक कार्यक्रम में सिंगापुर गए थे, तो उनकी मौत साधारण दुर्घटना कैसे मानी जा सकती है? उन्होंने दो टूक कहा, “ये हत्या है… और सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.” यह बयान संसद में मौजूद सभी सदस्यों का ध्यान खींच लाया.
मरणोपरांत भारत रत्न की मांग
गोगोई ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि गर्ग को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. उनके अनुसार, जुबिन गर्ग ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संगीत और असम की पहचान को जो ऊंचाई दी, वह सर्वोच्च सम्मान की पात्रता रखता है. NCP (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने इस मांग का खुलकर समर्थन किया.
19 सितंबर की वह काली रात
जुबिन गर्ग की मौत 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई. शुरुआत में इसे हादसा बताया गया, लेकिन असम सरकार ने इसे “स्पष्ट हत्या” कहा है. एक विशेष जांच दल (SIT) इसकी तह तक पहुंचने में जुटा है, लेकिन अब तक कई सवाल अनुत्तरित हैं.
असम में गम और गुस्से का माहौल
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा भी जुबिन गर्ग की मौत को संदिग्ध बता चुके हैं. उन्होंने जांच को तेजी से आगे बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग की भी मांग की है. गर्ग असम में सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आइकन माने जाते थे.
संसद में छाया रहा जुबिन का मामला
शून्यकाल के दौरान अन्य सांसदों ने कई मुद्दे उठाए जिसमें दिल्ली मास्टर प्लान, रूस में फंसे भारतीय, पंजाब की बाढ़ लेकिन सदन की सबसे अधिक चर्चा जुबिन गर्ग के मामले पर ही होती रही. इस पर सियासी दलों के बीच असामान्य एकजुटता भी नज़र आई.
क्या सच में हुई हत्या?
SIT अब सिंगापुर अधिकारियों के साथ मिलकर घटना के हर एंगल की जांच कर रही है, जिसमें CCTV फुटेज, मेडिकल रिपोर्ट और गर्ग की अंतिम गतिविधियों को खंगाला जा रहा है. विपक्ष चाह रहा है कि इस मामले को CBI या अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी को सौंपा जाए.
जनता बोली- जुबिन को न्याय दो
असम और पूर्वोत्तर राज्यों में 'Justice for Zubeen Garg' अभियान चल रहा है. सोशल मीडिया पर लाखों लोग चाहते हैं कि उनकी मौत की सच्चाई सामने आए और सरकार उन्हें सर्वोच्च सम्मान देकर उनकी कला को अमर करे.





