आश्चर्यजनक... 27 रनों पर ढेर हुई वेस्ट इंडीज़, फ़िर भी नहीं टूटा वर्ल्ड रिकॉर्ड, पर बना शून्य का नया कीर्तिमान
किंग्स्टन ओवल पर वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच में इतिहास बन गया, जब वेस्ट इंडीज़ की पूरी टीम मात्र 27 रनों पर ऑलआउट हो गई. यह उनका टेस्ट इतिहास का सबसे कम स्कोर रहा. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने पहले ही ओवर में 3 विकेट झटककर कहर बरपाया और कुल 15 गेंदों में 5 विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ पांच विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला.

क्रिकेट का खेल जहां अपनी अनिश्चितता के लिए मशहूर है, वहीं इसके मैदान पर हैरान करने वाले ऐसे कारनामे होते आए हैं जो इसे इतना दिलचस्प बना देते हैं कि लोग दांतों तले अपनी उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही कारनामा किंग्स्टन ओवल पर वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई तीन टेस्ट मैचों की सिरीज़ के तीसरे मुक़ाबले में देखने को मिला.
मैच में टॉस जीत कर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी ली और पहली पारी में 225 रन बनाए. फ़िर वेस्ट इंडीज़ ने पहली पारी में 143 रन बनाए. ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में जब 121 रनों पर ऑल आउट हो गई तो लगा कि 0-2 से सिरीज़ को पहले ही गंवा चुकी वेस्ट इंडीज़ की टीम 204 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. लेकिन मुक़ाबले के तीसरे दिन जो हुआ उसने इस टेस्ट मैच को हमेशा हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज कर दिया. दरअसल, वेस्ट इंडीज की टीम अपने क्रिकेट इतिहास के सबसे कम स्कोर पर ऑल आउट हो गई और इस दौरान कई वर्ल्ड़ रिकॉर्ड बने.
स्टार्क ने बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड
मैच की पहली गेंद पर ही वेस्ट इंडीज़ के ओपनर जॉन कैंपबेल को मिचेल स्टार्क ने आउट कर दिया. इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर स्टार्क ने केवलन एंडरसन और छठी गेंद पर ब्रैंडन किंग को बोल्ड किया.पहले ओवर में स्टार्क ने तीनों बल्लेबाज़ों को शून्य पर चलता किया. स्कोरबोर्ड पर वेस्ट इंडीज़ का स्कोर 0/3 (शून्य रन, तीन विकेट) टंग गया. अपने पहले ओवर में ही स्टार्क क़हर बन कर वेस्ट इंडीज़ के बल्लेबाज़ों पर ऐसे बरपे कि वो फिर संभल ही नहीं पाए. पहले ओवर की अंतिम दो गेंदों पर लगातार दो विकेट चटका कर स्टार्क के पास हैट्रिक लेने का मौक़ा था पर दूसरे ओवर की पहली गेंद पर उन्हें विकेट नहीं मिल सका.
अगले तीन ओवरों में वेस्ट इंडीज़ ने पांच रन जुटाए. लेकिन स्टार्क पांचवां ओवर डालने आए तो फिर वेस्टइंडीज़ के दो बल्लेबाज़ों को आउट किया और टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों के क्लब में शामिल हो गए. इस पारी में पांच विकेटों के साथ ही मिचेल स्टार्क ने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे तेज़ पांच विकेट चटकाने का लंबे समय से चला आ रहा वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया. स्टार्क ने केवल 15 गेंदों पर पांच विकेट चटकाए.
उन्होंने 78 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा जिसे 1947 में खेले गए ब्रिसबेन टेस्ट में अर्नी तोशैक ने भारत के ख़िलाफ़ बनाया था. अर्नी तोशैक ने तब 19 गेंदों पर पांच विकेट लिए थे. हालांकि बाद में स्टुअर्ट ब्रॉड ने नॉटिंघम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2015 में और स्टार्क के साथ यह मैच खेल रहे उनके साथी गेंदबाज़ स्कॉट बोलैंड ने 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अर्नी तोशैक के रिकॉर्ड की बराबरी की थी. लेकिन अर्नी तोशैक का 78 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर अब स्टार्क टेस्ट मैचों में सबसे तेज़ पांच विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं.
यहां आपको बता दें कि मिचेल स्टार्क दुनिया के केवल दूसरे ऐसे गेंदबाज़ बन गए हैं जिन्होंने पहली ही ओवर में तीन विकेट लेने का कारनामा किया. स्टार्क से पहले भारत के इरफ़ान पठान के नाम यह रिकॉर्ड पहले से दर्ज है. तब इरफ़ान ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 2006 में खेले गए कराची टेस्ट में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड बनाया था.
बोलैंड की हैट्रिक
वापस मैच पर आते हैं, स्टार्क के पांच विकेटों के बाद जोश हेज़लवुड ने वेस्ट इंडीज़ के कप्तान रोस्टन चेज़ को शून्य पर आउट किया.फिर आया मैच का 14वीं ओवर. पहले स्टार्क ने वेस्ट इंडीज़ के बल्लेबाज़ों को झकझोर रखा था तो अब बारी थी बोलैंड की. बोलैंड ने इस ओवर की शुरुआती तीन गेंदों पर जस्टिन ग्रीव्स, शमर जोसेफ़ और जोमेल वारिकन को आउट कर हैट्रिक लेने का कारनामा किया. जस्टिन ग्रीव्स वेस्ट इंडीज़ की पारी में सबसे अधिक 11 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे. तो बोलैंड टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से हैट्रिक विकेट लेने वाले 10वें गेंदबाज़ बन गए.
अंतिम बल्लेबाज़ को आउट कर स्टार्क ने इस पारी में अपने विकेटों की संख्या छह पर पहुंचाई. स्टार्क ने मैच में 7.3 ओवरों में चार मेडेन डाले और केवल नौ रन देकर छह विकेट लिए. यह 100 से अधिक टेस्ट मैच खेल चुके किसी भी गेंदबाज़ का सबसे शानदार बॉलिंग फ़िगर है.
टेस्ट इतिहास का दूसरा न्यूनतम स्कोर
इसके साथ ही वेस्ट इंडीज़ की टीम केवल 27 रन पर ऑल आउट हो गई और न केवल यह मैच हारी बल्कि सिरीज़ भी 0-3 से हार गई. यह टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में दूसरा सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड है. बता दें कि दक्षिण अफ़्रीकी टीम 1896 और 1924 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 30 रन पर ऑल आउट हो गई थी, जो टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में किसी टीम का दूसरा सबसे छोटा स्कोर था. अब आप सोच रहे होंगे कि जब 27 रन अगर टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड नहीं है तो आखिर सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड है क्या? तो आपको बता दें कि टेस्ट क्रिकेट की किसी एक पारी में न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के नाम पर है, जो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1955 में खेले गए ऑकलैंड टेस्ट में केवल 26 रनों पर ऑलआउट हो गई थी.
वेस्ट इंडीज़ का न्यूनतम टेस्ट स्कोर, सात बैटर शून्य पर आउट
यह वेस्ट इंडीज के टेस्ट इतिहास का भी न्यूनतम स्कोर है. वेस्ट इंडीज़ की टीम का इससे पहले न्यूनतम टेस्ट स्कोर 47 था जो उन्होंने इसी मैदान पर 2004 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बनाए थे. वेस्ट इंडीज़ की पारी में सात बल्लेबाज़ बग़ैर कोई रन बनाए शून्य पर आउट हो गए. यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी एक पारी में सबसे अधिक बल्लेबाज़ों के शून्य पर आउट होने का नया रिकॉर्ड है.
इससे पहले छह बार टेस्ट क्रिकेट में किसी टीम के छह बल्लेबाज़ों के शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड था, जिसमें इसी महीने की शुरुआत में भारत-इंग्लैंड के बीच खेला गया एजबेस्टन टेस्ट शामिल हुआ है, जहां इंग्लैंड के छह बल्लेबाज़ों को भारतीय गेंदबाज़ों ने शून्य पर आउट किया था.इतना ही नहीं यह दोनों पारियों को मिलाकर भी वेस्ट इंडीज़ के न्यूनतम टेस्ट स्कोर का नया रिकॉर्ड है. इस मुक़ाबले में दोनों पारियों को मिलाकर वेस्ट इंडीज़ ने 170 रन बनाए और उन्होंने द ओवल पर 1957 में बनाए 175 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
मैच के बाद प्रतिक्रिया
मैच के बाद वेस्ट इंडीज़ के कप्तान रोस्तन चेज़ ने अपनी टीम के इस प्रदर्शन को दिल तोड़ने वाला और शर्मनाक बताया. वेस्ट इंडीज़ के इस प्रदर्शन पर पूर्व कप्तान कार्ल हूपर ने कहा, "मैं गुस्से में हूं, मैं बहुत परेशान हूं." हूपर वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के भविष्य को लेकर अपनी चिंता जता रहे थे.