लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान DRS पर भड़के गावस्कर, हैरान कर देंगे उनके ये सवाल, अश्विन ने भी की आलोचना
लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की हार के बीच सुनील गावस्कर ने डीआरएस की विश्वसनीयता और अंपायरिंग पर गंभीर सवाल उठाए. केएल राहुल और जो रूट के एलबीडब्ल्यू फैसलों पर उन्होंने बॉल ट्रैकिंग की सटीकता पर आपत्ति जताई. रविचंद्रन अश्विन ने भी अंपायर पॉल रीफ़ेल के फैसलों की आलोचना करते हुए उनके पैटर्न पर सवाल उठाए. गावस्कर ने आईसीसी से लेग साइड पर अधिकतम छह फील्डर रखने का नियम बनाने की अपील की. उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों की शॉट चयन की नाकामी और रवींद्र जडेजा की जुझारू पारी की सराहना की.

लॉर्ड्स टेस्ट भारत 22 रनों से हार चुका है लेकिन इस मैच के दौरान दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने न केवल अंपायर के फ़ैसले की आलोचना की बल्कि उन्होंने क्रिकेट की तकनीक डीआरएस की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए हैं. उधर रविचंद्रन अश्विन ने भी अंपायर के साथ अपने निजी अनुभवों को साझा करते हुए उनकी आलोचना की.
मैच के पांचवें दिन भारत की दूसरी पारी में जब केएल राहुल आउट हुए तो गावस्कर ने डीआरएस पर सवाल खड़े किए. राहुल, बेन स्टोक्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए. हालांकि स्टोक्स की अपील को फ़ील्ड अंपायर ने ख़ारिज कर दिया था. राहुल ने उस गेंद को रोकने की कोशिश की थी पर उनका बैट, पैड के पीछे अटक गया और गेंद सामने पैड पर जा लगी. स्टोक्स को पूरा यकीन था कि राहुल आउट हैं इसलिए उन्होंने फ़ील्ड अंपायर के फ़ैसले को बदलने के लिए रिव्यू लिया. डीआरएस में दिखा कि गेंद मिडिल स्टंप्स को हिट करती और राहुल आउट दे दिए गए.
राहुल पर डीआरएस फ़ैसले से गावस्कर हैरान
इस दौरान कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने डीआरएस के फ़ैसले पर सवाल दाग दिया. उन्होंने डीआरएस में बॉल की जो ट्राजैक्ट्री (गेंद के मूव करने का रास्ता) दिखाई गई उसे ग़लत बताया. वे बोले, "आउट देने का फ़ैसला हैरान करने वाला है क्योंकि गेंद ने ज़्यादा उछाल नहीं ली थी. जब भारतीय गेंदबाज़ बॉलिंग कर रहे थे तब ऐसी गेंदें डीआरएस में अधिकतर स्टंप्स के ऊपर जा रही थीं." उनके साथ मौजूद माइकल वॉन ने जब माहौल को शांत करने की कोशिश की तो गावस्कर फिर बोले, "मैं टेक्नोलॉजी पर सवाल उठा रहा हूं."
जो रूट पर डीआरएस के फ़ैसले को लेकर क्या बोले गावस्कर?
गावस्कर ने इसी मैच के चौथे दिन भारत की गेंदबाज़ी के दौरान जो रूट को एलबीडब्ल्यू आउट नहीं दिए जाने के बाद भी डीआरएस पर सवाल उठाए थे. दरअसल, वो गेंद मोहम्मद सिराज डाल रहे थे. सिराज की वो गेंद जो रूट के पैड पर जा लगी और एलबीडब्ल्यू की अपील की गई. पर अंपायर पॉल रीफ़ेल ने उन्हें नॉट आउट दिया तो भारत ने डीआरएस की मांग की. जब बॉल ट्रैकिंग देखी गई तब उसमें यह दिख रहा था कि गेंद केवल लेग स्टंप्स को छू कर निकलती. थर्ड अंपायर ने अंपायर्स कॉल बताया और फ़ील्ड अंपायर ने अपने नॉट आउट के फ़ैसले को बरकरार रखा. गावस्कर ने तब न केवल डीआरएस की बल्कि अंपायर रीफ़ेल के फ़ैसले की भी आलोचना की थी.
गावस्कर के साथ-साथ पूर्व इंग्लिश बैटर ट्रॉट भी हैरान
जहां एक ओर भारत के कप्तान शुभमन गिल और उनके तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज इस फ़ैसले से नाख़ुश दिखे. वहीं कमेंट्री कर रहे गावस्कर ने भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की. गावस्कर ने बॉल-ट्रैकिंग डेटा की सटीकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "आप कह रहे हैं कि गेंद लेग स्टंप को बस छू रही थी? बिल्कुल नहीं. यह लेग स्टंप को उखाड़ने जा रही थी. बस अच्छा ये हुआ कि भारत का रिव्यू बर्बाद नहीं हुआ.” जियो स्टार पर इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज़ जोनाथन ट्रॉट ने भी अपनी प्रतिक्रिया के दौरान इस फ़ैसले को लेकर हैरानी जताई. वे बोले, "रिप्ले देखकर मुझे यकीन ही नहीं हुआ. मुझे लग रहा था कि गेंद स्टंप के अंदर के हिस्से से टकराने जा रही है."
रविचंद्रन अश्विन ने अंपायर के पैटर्न की ओर किया इशारा
वहीं जाने-माने ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी पॉल रीफ़ेल की ख़राब अंपायरिंग के लिए सार्वजनिक रूप से आलोचना की है, उन्होंने उनके फ़ैसलों के पैटर्न की ओर भी इशारा किया है. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ऐश की बात’ में इस अनुभवी अंपायर के साथ अपने निजी अनुभवों के बारे में बात की.
अश्विन बोले, "पॉल रीफ़ेल के साथ मेरा भी अनुभव है... मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मुझे उनसे ये कहना चाहिए कि वो आउट दे दें. पर जब भी भारत गेंदबाज़ी करता है, उन्हें हमेशा ऐसा लगता है कि बल्लेबाज़ आउट नहीं है. वहीं जब भारत की बैटिंग होती है तो उन्हें हमेशा लगता है कि बल्लेबाज़ आउट है. अगर यह केवल भारत के ख़िलाफ़ नहीं, बल्कि सभी टीमों के ख़िलाफ़ है, तो आईसीसी को इस पर ध्यान देना होगा."
लेग साइड में छह फ़ील्डर्स पर भी बोले गावस्कर
गावस्कर ने केवल डीआरएस की आलोचना ही नहीं की. उन्होंने बाउंसर और फ़ील्ड प्लेसिंग को लेकर भी सवाल उठाए और आईसीसी से मांग की कि ऑन साइड (लेग साइड) में अधिकतम छह फ़ील्डर्स रखने का नियम बनाया जाए. भारत जब पहली पारी में बैटिंग कर रहा था तब गावस्कर बोले, "आज जितनी गेंदें डाली गई हैं उनमें से 56 फ़ीसद शॉर्ट पिच गेंदें रहीं. बाउंड्री पर चार फ़ील्डर लगा रखे हैं जो बाउंसर के लिए तैयार हैं. मेरे लिए ये क्रिकेट नहीं है. जब वेस्टइंडीज की टीम शॉर्ट पिच गेंदबाज़ी करती थी जब नियम लेकर आए कि एक ओवर में दो बाउंसर गेंदें ही डाली जा सकेंगी. अब हम देख रहे हैं कि बाउंसर गेंदें फ़ेंकी जा रही हैं. जो फ़ील्ड सजाई गई है उसे देखिए. ये क्रिकेट नहीं है. लेग साइड में छह फ़ील्डर से अधिक नहीं हो सकते.” फ़िर गावस्कर ने आईसीसी क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन सौरव गांगुली से लेग साइड पर छह से अधिक खिलाड़ियों को न खड़ा करने को लेकर नियम बनाने की अपील की.
गावस्कर बोले, “अगर सौरव गांगुली मेरी बात सुन रहे हों, जो आईसीसी क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन हैं, तो वो यह सुनिश्चित करें कि अगली बार से लेग साइड पर छह से ज़्यादा खिलाड़ी न हों." भारत के लॉर्ड्स टेस्ट हारने के बाद गावस्कर ने जहां रवींद्र जडेजा की जम कर तारीफ़ की वहीं अपनी बेबाक रखने वाले यह दिग्गज ये बोलने से भी नहीं चूके कि उन्हें (जडेजा को) कुछ चांस लेने चाहिए थे. गावस्कर बोले, “देखिए अगर 60-70 रनों की साझेदारी हो पाती तो फ़र्क़ पड़ता, पर दूसरी पारी में भारत ऐसा नहीं कर सका. मेरी नज़र में जडेजा को कुछ मौक़ों का फ़ायदा उठाना चाहिए था. ज़रूरी नहीं है कि इसके लिए वो हवा में ही शॉट मारते. पर जडेजा को पूरे अंक मिलने चाहिए." जडेजा इस सिरीज़ में अब तक लगातार चार अर्धशतक जमा चुके हैं. एजबेस्टन में जडेजा ने 89 और नाबाद 69 रन जबकि लॉर्ड्स में 72 और नाबाद 61 रन बनाए हैं.