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'हम सुपरस्टार खरीदते नहीं, बल्कि...', RR के फील्डिंग कोच के दावे में कितना दम?

राजस्थान रॉयल्स के फील्डिंग कोच डिशांत याग्निक ने कहा कि टीम का फोकस नामी खिलाड़ियों को खरीदने की बजाय युवा टैलेंट को निखारने पर है. RR घरेलू स्काउटिंग में विश्वास करती है और कई अनकैप्ड खिलाड़ियों को बड़ा मंच दिया है. टीम का डगआउट खिलाड़ियों को दबाव से मुक्त रखता है जिससे वे बेझिझक प्रदर्शन कर सकें. यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, संजू सैमसन और वैभव सूर्यवंशी जैसे खिलाड़ी इसी नीति के उदाहरण हैं.

हम सुपरस्टार खरीदते नहीं, बल्कि..., RR के फील्डिंग कोच के दावे में कितना दम?
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Dishant Yagnik on Rajasthan Royals team strategy: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 50वें मैच में मुंबई इंडियंस के हाथों 100 रन से हारकर राजस्थान रॉयल्स प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई. हालांकि, राजस्थान के फील्डिंग कोच डिशांत याग्निक ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान रॉयल्स की पहचान महंगे खिलाड़ियों को खरीदने में नहीं, बल्कि युवा टैलेंट को पहचानकर उन्हें सुपरस्टार बनाने में है.

डिशांत ने उदाहरण देते हुए बताया कि यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, संजू सैमसन और वैभव सूर्यवंशी जैसे खिलाड़ी इसी सोच का नतीजा हैं. टीम का फोकस स्काउटिंग, ट्रेनिंग और खिलाड़ी के पूरे विकास पर रहता है, न कि केवल नाम और ब्रांड वैल्यू पर. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान रॉयल्स की सफलता का राज 'खेल की गहराई और निरंतरता' है. हम 'हीरो' नहीं तलाशते, हम उन्हें तैयार करते हैं.


'हम सुपरस्टार नहीं खरीदते , हम सुपरस्टार बनाते हैं'

राजस्थान रॉयल्स के फील्डिंग कोच ने टीम की सफलता का श्रेय युवा प्रतिभाओं को मौका देने और उन्हें तराशने की नीति को दिया है. उनका कहना है कि टीम का फोकस बड़े नामों को खरीदने की बजाय खिलाड़ियों को विकसित करने पर है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई नया खिलाड़ी पिछले कुछ सालों से हमारी टीम में शामिल हुआ है तो वे पहले से ही स्टार नहीं थे. हमारी फ्रेंचाइजी में वे स्टार बने. मौजूदा खिलाड़ियों पर हमें भरोसा है कि वे स्टार बनेंगे. हम उन्हें स्टार बनाएंगे. हम सुपरस्टार नहीं खरीदते , हम सुपरस्टार बनाते हैं. यही हमारी टैग लाइन है.

''हम हमेशा टॉप-3 में रहे''

याग्निक ने कहा, ''मैं पिछले 8 सालों से फील्डिंग कोच हूं. 2018 से 2023 तक अगर आप डाटा चेक करें तो हम हमेशा टॉप-3 में रहे. कभी-कभी ऐसा सीजन आता है, जब आप लगातार दो मैचों में कई कैच मिस कर देते हैं. ऐसा सभी फ्रेंचाइजी के साथ होता है.''


डगआउट का विश्वास

कोच याग्निक ने कहा कि RR का मैनेजमेंट खिलाड़ियों में दबाव रहित माहौल और आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, “हम उनके प्रदर्शन को आंकते नहीं, बल्कि उन्हें सीखने और मैच जिताने का मंच देते हैं.”

काबिलियत है तो आपको स्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता

राजस्थान रॉयल्स ने IPL में अनकैप्ड और कम उम्र के खिलाड़ियों को बड़ा ब्रेक दिया है. वैभव सूर्यवंशी इसी का एक उदाहरण है. टीम का मानना है कि आपके पास काबिलियत है तो आपको स्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता. बता दें कि राजस्थान ने 2008 में अपना पहला आईपीएल खिताब जीता था. इसके बाद, वह 2022 में उप विजेता रही.

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