Asia Cup 2025 Final: ...तो इस वजह से पीसीबी चीफ मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से टीम इंडिया ने किया इनकार
एशिया कप फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता, लेकिन खिलाड़ियों ने एशियन क्रिकेट काउंसिल प्रमुख और PCB चेयरमैन मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया. वजह बनी नक़वी के सोशल मीडिया पोस्ट्स, जिनमें पाक खिलाड़ियों को फाइटर जेट्स के साथ दिखाया गया था. भारतीय टीम ने इसे उकसाऊ माना और केवल व्यक्तिगत पुरस्कार लेकर मैदान छोड़ दिया. सूर्यकुमार यादव ने कहा, असली ट्रॉफी मेरे 14 साथी खिलाड़ी हैं.

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए एशिया कप फाइनल ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को रोमांच से भर दिया. अंतिम ओवर तक खिंचे इस मुकाबले में सूर्यकुमार यादव की अगुआई में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीत लिया. लेकिन जीत के बाद जो घटनाक्रम हुआ, उसने खेल की इस शानदार शाम को राजनीतिक और कूटनीतिक रंग दे दिया. भारतीय खिलाड़ियों ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) प्रमुख और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) चेयरमैन मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया.
मैच समाप्त होते ही मैदान पर मंच सज चुका था. दर्शक ट्रॉफी उठाने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन 20 मिनट, फिर आधा घंटा और फिर एक घंटे से भी अधिक का समय बीत गया. न ट्रॉफी सामने आई और न ही विजेता टीम. आखिरकार, समारोह बिना ट्रॉफी प्रस्तुति के ही खत्म हो गया. दर्शक हूटिंग करने लगे और टीवी कमेंटेटर रवि शास्त्री तक ने इसे 'शर्मनाक' बताया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खिलाड़ी केवल अमीरात क्रिकेट बोर्ड के वाइस चेयरमैन खालिद अल जरूनी से ट्रॉफी लेने को तैयार थे. लेकिन नक़वी ने अड़ गए कि वे ही ट्रॉफी देंगे. इस गतिरोध के चलते ट्रॉफी को आयोजकों ने वापस ले लिया और खिलाड़ियों को केवल व्यक्तिगत पुरस्कार ही दिए गए.
असली वजह: नक़वी के सोशल मीडिया पोस्ट्स
भारतीय खिलाड़ियों की नाराजगी की असली वजह नक़वी के सोशल मीडिया रि-पोस्ट्स बताए जा रहे हैं. फाइनल से पहले उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें पाकिस्तानी खिलाड़ियों को फाइटर जेट्स की पृष्ठभूमि में उड़ान सूट पहने दिखाया गया था, शीर्षक था - Final Day. इससे पहले उन्होंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो की एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें एक क्रैश होता हुआ जहाज दिखाया गया था. इन पोस्ट्स को भारत में न सिर्फ 'उकसाऊ' बल्कि 'संवेदनहीन' माना गया, खासकर इसलिए क्योंकि हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी.
भारतीय टीम ने पहले ही मैच से पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था और उस जीत को सूर्यकुमार ने पहलगाम के शहीद परिवारों को समर्पित किया था.
ऑपरेशन सिंदूर और बिगड़ते रिश्ते
पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को निशाना बनाया. तीन दिन तक चले इस अभियान के बाद भारत-पाक संबंध और तनावपूर्ण हो गए. इसी पृष्ठभूमि में दुबई में खेला गया एशिया कप भारतीय खिलाड़ियों के लिए महज खेल नहीं रहा, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक भी था.
नक़वी का रवैया इस तनाव को और बढ़ाता दिखा. जब भारत ने पहले मैच में पाकिस्तान को हराया तो नक़वी ने बयान दिया कि पाकिस्तान टीम टूर्नामेंट से हटने पर विचार कर रही थी और इसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री तक शामिल थे. उन्होंने कहा था - “राजनीति और खेल को अलग रखना चाहिए. क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दें.” लेकिन उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इसके विपरीत संदेश दिया.
भारतीय कप्तान की नाराजगी
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्यकुमार यादव ने कहा, “मैंने कभी ऐसा नहीं देखा कि चैंपियन टीम को ट्रॉफी न मिले. हम इसके हकदार थे. असली ट्रॉफी मेरे 14 साथी खिलाड़ी हैं और वे हमेशा मेरी यादों में रहेंगे.” यह बयान साफ इशारा था कि भारतीय टीम के लिए सम्मान और राष्ट्रीय गौरव ट्रॉफी से भी ऊपर है.
दर्शकों और खिलाड़ियों की झुंझलाहट
मैच जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ी मैदान के एक छोर पर खड़े थे. पाकिस्तानी टीम ड्रेसिंग रूम लौट चुकी थी. मंच तैयार था लेकिन समारोह शुरू नहीं हुआ. आयोजक और मैच अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन हल नहीं निकला. अंत में भारतीय खिलाड़ियों ने केवल व्यक्तिगत पुरस्कार लेकर स्टेडियम छोड़ दिया. दर्शक, जिनमें ज्यादातर भारतीय प्रशंसक थे, निराश होकर हूटिंग करने लगे. आधे से ज्यादा स्टेडियम खाली हो चुका था और माहौल उत्सव से ज्यादा विवाद का बन गया.
खेल से ज्यादा राजनीति
भारत-पाक क्रिकेट हमेशा से राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव का प्रतिबिंब रहा है. लेकिन इस बार मामला और गहरा था. हाथ मिलाने से इनकार, शहीदों को समर्पण और अब ट्रॉफी न लेने का फैसला - सबने यह संदेश दिया कि भारतीय टीम केवल खेल नहीं खेल रही थी, बल्कि देश के भावनात्मक दर्द और गुस्से का प्रतिनिधित्व भी कर रही थी. एक्पर्ट्स का मानना है कि नक़वी के ‘फाइटर जेट’ और ‘क्रैशिंग प्लेन’ जैसे पोस्ट्स महज खेल से जुड़ी हल्की-फुल्की बातें नहीं थे. ये ऐसे समय में साझा किए गए जब सीमा पर तनाव चरम पर था और आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच टकराव गहरा था.
इस घटना के बाद भारत-पाक क्रिकेट रिश्ते और कठिन हो सकते हैं. भारत पहले ही द्विपक्षीय सीरीज खेलने से इनकार करता आया है. अब ACC स्तर पर भी यह विवाद सामने आ गया है. सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में भारत एशियाई क्रिकेट परिषद के आयोजनों में भागीदारी पर पुनर्विचार करेगा?
एशिया कप का खिताब जीतने वाली भारतीय टीम को ट्रॉफी भले न मिली हो, लेकिन उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया - कि सम्मान और संवेदनशीलता खेल से ऊपर हैं. नक़वी के उकसाऊ पोस्ट्स ने न केवल खिलाड़ियों को आहत किया बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी यह याद दिलाया कि भारत-पाक मुकाबला सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि विचारों और सम्मान की लड़ाई भी है.