Prada के रनवे पर चमकी कोल्हापुरी चप्पल, लेकिन क्रेडिट देना भूल गए, यूजर्स ने कहा-चप्पल चोर
Prada फेमस फैशन ब्रांड है, जो दुनियाभर में मशहूर है. हाल ही में इस कंपनी ने अपना स्प्रिंग/समर 2026 कलेक्शन दिखाया, जहां लोगों की नजर कोल्हापुरी चप्पल पर गई, जिसे सदियों पहले भारत में बनाया गया था. सबसे हैरानी की बात कि इस ब्रांड ने क्रेडिट भी नहीं दिया. इसके चलते यूजर्स जमकर ट्रोल कर रहे हैं.

कुछ साल पहले तक, जब भी फैशन की बात होती थी तो लोग पेरिस, मिलान या न्यूयॉर्क की बातें करते थे, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. भारत न सिर्फ़ फैशन के रनवे पर दिख रहा है, बल्कि दुनिया के ट्रेंड भी सेट कर रहा है. सब्यसाची और राहुल मिश्रा जैसे डिज़ाइनर, या फिर भारतीय मोटिफ्स की इंटरनेशनल फैशन वीक में धूम, हर जगह भारत की छाप है.
लेकिन इंटरनेट और फैशन के जानकारों से बात करें तो एक शिकायत बार-बार सुनाई देती है. पश्चिमी फैशन इंडस्ट्री भारत से इंस्पिरेशन तो ले रही है, लेकिन उसे क्रेडिट देना भूल जाती है. ऐसा ही कुछ हाल ही में प्राडा ने किया, जिन्होंने कोल्हापुरी चप्पल को अपने कलेक्शन का हिस्सा बनाया, लेकिन भारत को श्रेय नहीं दिया.
1.2 लाख रुपये में बेच रहे चप्पल
इस बार इंटरनेशनल ब्रांड ने कोल्हापुरी चप्पल को कॉपी किया. 12वीं-13वीं सदी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में यह चप्पलें पहनी जाती थीं, जो चमड़े से बनाई जाती हैं. यह चप्पलें टिकाऊ होती हैं. साथ ही, इनके डिजाइन भी काफी अलग होते हैं. अब इस चप्पल का बोलबाला दुनिया के सबसे बड़े फैशन मंच पर हुआ. इटली के मशहूर ब्रांड प्राडा ने अपने स्प्रिंग/समर 2026 कलेक्शन में दिखाया. शो में चार मॉडल्स ने जो चप्पलें पहनी थीं, वह बिल्कुल कोल्हापुरी से मैच करती हैं. इसकी कीमत 1.2 लाख रुपए है.
चोरी का इतिहास पुराना
अक्सर देखा गया है कि जो चीजें नई और अनोखी बताई जाती हैं. वह सालों से भारत का हिस्सा रही हैं. बस वेस्ट में इन्हें नया नाम देकर बेचा जाता है. जैसे दुपट्टा को “स्कैंडिनेवियन स्कार्फ़” बना दिया. वहीं, लड़कियों को फेवरेट लहंगा बन गया Y2K मैक्सी स्कर्ट. इतना ही नहीं, ये लोग आलिया भट्ट की साड़ी को गाउन कह देते हैं. पश्चिम भारतीय फैशन का दीवाना है, लेकिन नाम लेना भूल जाता है.
फैशन की दुनिया-मिश्रण या चोरी?
फैशन हमेशा नए-पुराने, अलग-अलग संस्कृतियों के मेल का नाम रहा है. लेकिन जब किसी देश की पहचान ही छुपा दी जाए, तो सवाल उठना लाजिमी है. भारत के कारीगरों और डिज़ाइनरों को उनका हक़ और क्रेडिट मिलना चाहिए, क्योंकि असली ट्रेंडसेटर अब भारत है!