66 की उम्र में महिला बनी 10वें बच्चे की मां, डॉक्टर से जानें क्या होती है रेयर प्रेग्नेंसी और इसके रिस्क
जर्मनी की महिला 66 साल की उम्र में 10वी बार मां बनी. महिला ने इस उम्र में अपनी प्रेग्नेंसी पर कहा कि यह सब नैचुरली हुआ है, लेकिन उनकी उम्र के बावजूद इतने बच्चों को जन्म देने पर कई लोग हैरान हैं. इस कंडीशन को रेयर प्रेग्नेंसी कहा जाता है.

जर्मनी की 66 साल की महिला ने इस साल 19 मार्च को अपने 10वें बच्चे को जन्म दिया. इस पर महिला का कहना है कि यह सब उन्होंने हेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से हुआ. वह बैलेंस डाइट लेती हैं. रोजाना एक घंटे तैरती हैं और दो घंटे पैदल चलती हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने कभी गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल भी नहीं किया.
साथ ही, अल्कोहल और स्मोकिंग से भी दूर रहती हैं, लेकिन डॉक्टर्स की मानें, तो इसे रेयर प्रेग्नेंसी कहा जाता है. इस उम्र में गर्भधारण में कई जोखिम बढ़ जाते हैं. चलिए जानते हैं इस उम्र में मां बनने के चलते कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं.
60 की उम्र में प्रेग्नेंसी के रिस्क
डॉक्टरों के अनुसार, उम्र गर्भधारण पर फिटनेस से ज्यादा असर डालती है. 60 साल की उम्र में प्राकृतिक रूप से गर्भधारण बहुत ही मुश्किल होता है. इस उम्र में प्रेगनेंसी को हाई-रिस्क माना जाता है. इसमें गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया, प्लेसेंटा की समस्या और समय से पहले बच्चे का जन्म जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं. साथ ही, सिजेरियन डिलीवरी और बच्चे के जन्म के बाद जटिलताएं भी बढ़ जाती हैं.
आदतें उम्र से जुड़े जोखिम नहीं कर सकती खत्म
इस मामले में डॉ. का कहना है कि हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे रोजाना एक्सरसाइज, न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट और शराब या तम्बाकू से दूर रहना, हार्ट हेल्थ और फिजिकल एंड्योरेंस के लिए मददगार होता है. लेकिन ये आदतें उम्र से जुड़े जैविक जोखिमों को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकती हैं. बड़ी उम्र में मां बनने पर थकान अधिक होती है और छोटे बच्चों की देखभाल शारीरिक तौर से मुश्किल हो सकती है.
इमोशनल और सामाजिक चुनौतियां
एक्सपर्ट का कहना है कि इस उम्र में इमोशनल परेशानी भी आती है. जैसे बच्चों की देखभाल करते-करते थकान हो सकती है, फ्यूचर प्लानिंग करने और हेल्थ खराब होने पर लंबे समय तक देखभाल करने का तनाव भी बढ़ सकता है. व्यावहारिक तौर पर, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवा और रोज़मर्रा की गतिविधियों को संभालने में मदद की जरूरत होती है. इसलिए माता-पिता और बच्चों दोनों की भलाई के लिए मजबूत सामाजिक, पारिवारिक या देखभाल करने वाले नेटवर्क का होना बहुत जरूरी है.
हेल्दी लाइफस्टाइल और फिटनेस गर्भधारण में मदद कर सकती है, लेकिन उम्र के कारण पैदा होने वाले जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसके लिए नियमित मेडिकल जांच और सतर्कता सबसे जरूरी है.