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दवाई कंपनियों की बढ़ी मुश्किलें! बिना इजाजत नहीं बेच पाएंगे ORS, WHO की मंजूरी जरूरी

FSSAI On ORS: FSSAI ने आदेश में कहा, दवाई कंपनियां WHO की मंजूरी के बिना ORS नहीं बेच पाएंगे. इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है. यूनिसेफ के अनुसार ORS नमक और चीनी का वह घोल है जिसे साफ पानी में घोलकर किसी भी कारण से होने वाले डिहाइड्रेशन जैसे- दस्त या हीटस्ट्रोक का इलाज किया जाता है.

दवाई कंपनियों की बढ़ी मुश्किलें!  बिना इजाजत नहीं बेच पाएंगे ORS, WHO की मंजूरी जरूरी
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( Image Source:  sora ai )

FSSAI On ORS: भारत सरकार ने नींबू, नमक और चीनी से तैयार होने वाले ORS प्रोडक्ट पर अहम फैसला लिया है. बचपन से ही पेट खराब होने पर ओआरएस का घोल पीने को कहा जाता है. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब मार्केट में कई कंपनियां ओआरएस के नाम पर कुछ भी बेच रही है.

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है. FSSAI ने साफ कहा है कि कोई भी ब्रांड अपने उत्पाद पर ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ORS) का लेबल तभी लगा सकता है जब उस फॉर्मूले को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO से मंजूरी मिली हो.

ORS लेबल पर FSSAI का आदेश

FSSAI ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को एक आदेश जारी किया. यूनिसेफ के अनुसार ORS नमक और चीनी का वह घोल है जिसे साफ पानी में घोलकर किसी भी कारण से होने वाले डिहाइड्रेशन जैसे- दस्त या हीटस्ट्रोक का इलाज किया जाता है.

खासकर बच्चों के दस्त के इलाज में ORS बहुत असरदार माना जाता है, लेकिन अमेरिकी स्वास्थ्य साइट Healthline का कहना है कि इसे डॉक्टर की सलाह पर ही प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर नमक का जहरीला असर हो सकता है.

पहले क्या थे नियम?

केंद्र सरकार ने इससे पहले 14 जुलाई 2022 व 2 फ़रवरी 2024 को इस बारे में पहले भी आदेश जारी किया था. ब्रांड नाम के साथ 'ORS' शब्द जोड़ने की इजाजत देती थीं. हालांकि शर्त यह थी कि पॅकेट पर स्पष्ट चेतावनी रहे कि यह WHO-सिफारिश वाला ORS फॉर्मूला नहीं है. साथ ही प्रोडक्ट पर फ्रूट जूस, रेडी-टू-ड्रिंक और कुछ बिना कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में यह शब्द देखा गया था. अब पुरानी शर्तों में बदलाव किया गया है.

डॉ. सिवारंजनि संतोष का बयान

बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सिवारंजनि संतोष ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहनी की. उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर कहा, अब कोई भी बिना WHO-मान्यता के ORS लेबल नहीं लगा सकेगा. आज से ऐसे उत्पाद बेचना भी रोका जा चुका है. डॉ. सिवारंजनि ने कहा कि वे गलत लेबलिंग के खिलाफ लंबे समय से आवाज उठा रही थीं और उन्होंने उन सभी का धन्यवाद किया जिन्होंने इस मुहिम में साथ दिया.

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