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Delhi Pollution: '20000 का चालान भरो या बॉर्डर से लौट जाओ', No PUC, No Fuel; दिल्‍ली में प्रदूषण पर सख्‍ती का कैसा है असर?

Delhi Air pollution News: दिल्ली में बिगड़ती एयर क्वालिटी के बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए नए कदमों का ऐलान किया है. गुरुवार से राजधानी में ‘No PUC, No Fuel’ नियम लागू हो गया है. इसके साथ ही घने कोहरे ने दिल्ली-NCR को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे विज़िबिलिटी घटकर 150 मीटर तक पहुंच गई.

Delhi Pollution: 20000 का चालान भरो या बॉर्डर से लौट जाओ, No PUC, No Fuel; दिल्‍ली में प्रदूषण पर सख्‍ती का कैसा है असर?
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( Image Source:  ANI )

Delhi Border Checking Pollution: दिल्ली में बिगड़ती एयर क्वालिटी के बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए नए कदमों का ऐलान किया है. गुरुवार से राजधानी में ‘No PUC, No Fuel’ नियम लागू हो गया है. इसके साथ ही घने कोहरे ने दिल्ली-NCR को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे विज़िबिलिटी घटकर 150 मीटर तक पहुंच गई. वहीं, लोकसभा में दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर विस्तृत चर्चा होने वाली है.

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दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि गुरुवार से राजधानी में बिना वैध PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट वाले वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा. इस फैसले का मकसद सड़कों पर चल रहे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सीधी चोट करना है. सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में वाहन बिना PUC के चलते हैं, जो वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहे हैं. इस नियम के लागू होने के बाद पेट्रोल पंपों पर सख्त निगरानी की जा रही है.

प्रदूषण नियंत्रण के तहत एक और अहम फैसला लिया गया है. अब दिल्ली के बाहर रजिस्टर किए गए केवल BS-VI मानक वाले वाहन ही राजधानी में प्रवेश कर सकेंगे. इस कदम का उद्देश्य पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को दिल्ली में घुसने से रोकना है. राजधानी में प्रदूषण को लेकर लागू की गई पाबंदियों का क्‍या असर है, आइए समझते हैं...

सख्ती का लोगों पर कितना असर

1. दिल्ली में वाहन चालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगा. जो जाने या अनजाने में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनका चालान किया जा रहा है.

2. दिल्ली में बीती रात 12 बजे से दिल्ली में बिना PUCC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट) वाली गाड़ियों को पेट्रोल पंप फ्यूल नहीं दिया जा रहा है.

3. बीएस-6 डीजल से नीचे के वाहनों का 18 दिसंबर से दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है. दिल्ली की सड़कों पर सिर्फ यहां की रजिस्ट्रेशन की गाड़ियां ही चलेंगी. बाहर राज्य के रजिस्ट्रेशन वाले प्राइवेट वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

4. प्रदूषण के नियमों का पालन कराने के लए बॉर्डर पर 580 पुलिसवाले तैनात.

ये क्या कह रहे हैं मंत्री

अजय तिवारी नाम के यूजर का कहना है कि राजधानी की खराब हवा को देखते हुए पर्यावरण मंत्री का कहना है कि नागरिकों को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रीडिंग और स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों के बारे में जागरूक होना चाहिए. यानी साफ हवा सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. ये क्या कह रहे हैं मंत्री जी.

गाड़ियों की PUC जांच जरूरी

दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण को लेकर बाइकर दिनेश कुमार कहते हैं, "मेरा PUC 20 दिसंबर को एक्सपायर हो रहा था, लेकिन मैंने इसे दो दिन पहले ही रिन्यू करवा लिया. अगर आप ऐसा करवाएंगे, तभी प्रदूषण कम होगा. यह सच में बहुत ज़रूरी है. प्रदूषण की वजह से बहुत से लोग बीमार पड़ रहे हैं, और मुझे भी खांसी हो रही है. इसलिए, गाड़ियों का PUC सच में बहुत जरूरी है.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के कर्मचारी वीर जैन ने कहा, "दिल्ली सरकार से मिले आदेशों के अनुसार बिना PUC वाले वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा. हमें सभी गाड़ियों के डॉक्यूमेंट्स चेक करने होंगे और पेट्रोल पंप स्टाफ को बताना होगा कि डिफ़ॉल्टरों को फ्यूल न दें. यह आदेश अगले आदेश तक लागू रहेगा."

दिल्ली के एक यात्री ने कहा, "वे प्रदूषण की जांच कर रहे हैं, यह सरकार का बहुत अच्छा फैसला है. अब सिर्फ वही गाड़ियां चलेंगी जो प्रदूषण के मानकों को पूरा करती हैं. दिल्ली सरकार का यह एक अच्छा फैसला है."

सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है

एनएसयूआई नाम के एक्स हैंडल से कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद BJP सरकार की प्रदूषण नियंत्रण को पूरी तरह विफल कह रहा है, तो सवाल सरकार से बनता है. दिल्ली की जहरीली हवा बच्चों की सांस छीन रही है, लोग बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार अब भी जिम्मेदारी से भाग रही है. साफ हवा हमारा अधिकार है, जिसे देने में मोदी सरकार और दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल रही है.

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