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SIR पर मचे बवाल के बीच नाले से मिले 50 वोटर आईडी, पश्चिम बंगाल की सियासत में मचा हड़कंप

पश्चिम बंगाल में इन दिनों SIR प्रक्रिया चल रही है, जिसका ममता सरकार विरोध भी कर रही है. इन सबके बीच नदिया जिले में मंगलवार को नाले से बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड बरामद होने हडकंप मच गया है. जिसपर अब TMC और BJP आमने-सामने है.

SIR पर मचे बवाल के बीच नाले से मिले 50 वोटर आईडी, पश्चिम बंगाल की सियासत में मचा हड़कंप
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( Image Source:  X/@adrakwalichai1 )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Updated on: 3 Dec 2025 12:06 PM IST

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में मंगलवार को नाले से बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड बरामद होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. नवद्वीप में मिले करीब 50 मतदाता पहचान पत्रों ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब राज्य में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चल रहा है.

इस घटना ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग छेड़ दी है. दोनों दल एक-दूसरे पर चुनावी साजिश और मतदाता सूची में गड़बड़ी कराने के आरोप लगा रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर नाराजगी और चिंता साफ देखी जा रही है.

नाले से बरामद हुए 50 वोटर आईडी कार्ड

एक अधिकारी के अनुसार, प्रतापनगर अस्पताल रोड के पास एक नाले से लगभग 50 मतदाता पहचान पत्र मिले। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन कार्डों पर दर्ज नाम नवद्वीप नगरपालिका के वार्ड नंबर 4 के कुछ निवासियों से मेल खाते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि संबंधित निवासियों ने बताया कि उनके पास पहले से ही अपने वैध वोटर आईडी मौजूद हैं. प्रशासन ने इन कार्डों की सत्यता, स्रोत और नाले में पहुंचने की वजह की जांच शुरू कर दी है.

SIR प्रक्रिया पर उठे सवाल

बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह घटना उनकी उन आशंकाओं की पुष्टि करती है, जिसमें वे SIR प्रक्रिया के दौरान संभावित धांधली का आरोप लगाते रहे हैं. भाजपा का कहना है कि "नाले में वोटर कार्ड मिलना चुनावी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का संकेत है."

तृणमूल कांग्रेस ने किया पलटवार

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने इसे पूरी तरह भाजपा की साजिश बताया है. टीएमसी नेताओं ने कहा कि भाजपा इस घटना का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है और चुनाव आयोग से इसकी गहन जांच की मांग की है.

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