Begin typing your search...

NCERT की किताबों से क्‍यों हटाए गए टीपू सुल्तान और एंग्लो मैसूर युद्ध? मोदी सरकार ने संसद में दे दिया जवाब

टीएमसी सांसद रीताब्रत बनर्जी ने राज्यसभा में बहस के दौरान एनसीईआरटी द्वारा टीपू सुल्तान और एंग्लो-मैसूर युद्ध को सिलेबस से हटाने पर कहा कि क्या यह इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है या ये सिर्फ एक रीविजन वर्क है? इसके जवाब में RLD नेता और मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिसाब से राज्य सरकारों को स्थानीयता के लिहाज से इसमें बदलाव करने की छूट है.

NCERT की किताबों से क्‍यों हटाए गए टीपू सुल्तान और एंग्लो मैसूर युद्ध? मोदी सरकार ने संसद में दे दिया जवाब
X

नई शिक्षा ​नीति 2020 के तहत एनसीईआरटी कक्षा आठ के सिलेबस से टीपू सुल्तान और एंग्लो-मैसूर युद्ध को सिलेबस से हटाने पर राज्यसभा में टीएमसी सांसद रीताब्रत बनर्जी ने सख्त नाराजगी जताई. साथ ही केंद्र सरकार पर इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया. तृणमूल सांसद ने पूछा कि नई एनसीईआरटी कक्षा 8 की किताब में औपनिवेशिक काल के अध्याय से टीपू सुल्तान, हैदर अली या एंग्लो-मैसूर युद्धों को, क्यों हटाया गया?

इसके जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि यह विषय समवर्ती सूची में हैं. केंद्र सरकार इसमें बदलाव कर सकती है. अगर राज्य सरकार चाहे तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिसाब से इसमें बदलाव कर सकती है.

राज्य सरकार बदलाव करने के लिए स्वतंत्र

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सदन को बताया, "शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और अधिकांश स्कूल राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसलिए संबंधित राज्य सरकारें एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अपना सकती हैं या उनमें बदलाव कर सकती हैं या राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर अपनी पाठ्य पुस्तकें विकसित कर सकती हैं. राज्यों को अपनी पाठ्यपुस्तकों में क्षेत्रीय हस्तियों और घटनाओं के बारे में अधिक जानकारी देने की छूट है."

नई पुस्तक में शामिल विषय

जयंत चौधरी ने अपने लिखित उत्तर में कहा, "संशोधित कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक (भाग 1) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफएसई) 2023 के अनुरूप विकसित की गई है. नई पाठ्य पुस्तक में चार विषय शामिल हैं. इनमें भारत और विश्व: भूमि और लोग, अतीत का ताना-बाना, शासन और लोकतंत्र और हमारे आसपास का आर्थिक जीवन."

आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने आगे कहा, "इन विषयों में शामिल व्यक्तित्वों को प्रासंगिक और पाठ्यक्रम के उद्देश्यों के अनुसार शामिल किया गया है. ये पाठ्य पुस्तकें छात्रों को अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से और अधिक जानने, क्षेत्र-कार्य करने और साक्ष्य-आधारित समझ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. कक्षा 6 से 8 के लिए अपनाया गया दृष्टिकोण प्रागैतिहासिक काल से लेकर स्वतंत्रता तक भारतीय सभ्यता का व्यापक नजरिया पेश करना है."

India News
अगला लेख