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मोदी की सख्ती लाई रंग! Terror पर अब कोई डबल स्टैंडर्ड नहीं...SCO डिक्लेरेशन में शामिल हुआ पहलगाम हमला, पाक ने भी किया हस्ताक्षर

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तियानजिन घोषणा में पहली बार पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) का स्पष्ट ज़िक्र किया गया, जिसे पाकिस्तान समेत सभी सदस्य देशों ने निंदा करते हुए हस्ताक्षरित किया. यह बदलाव भारत के रुख की बड़ी जीत माना जा रहा है, क्योंकि जून में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक में हमले का उल्लेख न होने पर भारत ने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद पर 'डबल स्टैंडर्ड' को अस्वीकार्य बताते हुए SCO की भूमिका पर ज़ोर दिया.

मोदी की सख्ती लाई रंग! Terror पर अब कोई डबल स्टैंडर्ड नहीं...SCO डिक्लेरेशन में शामिल हुआ पहलगाम हमला, पाक ने भी किया हस्ताक्षर
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( Image Source:  ANI )

SCO declaration on terrorism: कूटनीति में दस हफ्ते भी बहुत मायने रखते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा ने यह साफ कर दिया, जब 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की संयुक्त घोषणा में पहलगाम आतंकी हमले का नाम लेकर ज़िक्र किया गया. यह वही हमला था जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में 26 लोगों की जान गई थी. SCO का हिस्सा पाकिस्तान भी इस घोषणा का हस्ताक्षरकर्ता है.

26 जून को चीन के शहर क़िंगदाओ में हुई SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसमें पहलगाम हमले का कोई उल्लेख नहीं था, जबकि पाकिस्तान में हुए घटनाओं का ज़िक्र शामिल था.

तियानजिन घोषणा में दिखा बदलाव

अब तियानजिन घोषणा में बदलाव दिखा. इसमें पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, लेकिन सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को साझा खतरा बताते हुए हर रूप में उसकी निंदा की. रूस, चीन और ईरान समेत दस स्थायी सदस्य देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए.

“डबल स्टैंडर्ड किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं हैं”

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन 'कुछ देश जो खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं' पर प्रहार किया. उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत एकजुटता के साथ खड़ा है और SCO की इसमें अहम भूमिका है. डबल स्टैंडर्ड किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं हैं.”

घोषणा में क्या कहा गया है?

घोषणा में भी यही बात गूंजती दिखी- सदस्य राष्ट्र आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं, आतंकवाद के खिलाफ डबल स्टैंडर्ड को अस्वीकार्य मानते हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीमा पार आतंकवाद से निपटने का आह्वान करते हैं.” इसके साथ ही दस्तावेज़ में कहा गया, “सदस्य राष्ट्र 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. वे मृतकों और घायलों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और दोहराते हैं कि ऐसे हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.” भारत की कूटनीतिक उम्मीद इस बार पूरी हुई. विदेश मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि उसे पहलगाम हमले की सख्त निंदा की अपेक्षा है.

अमेरिका के दबाव के बीच भारत की बढ़त

इस कूटनीतिक उपलब्धि के अलावा प्रधानमंत्री मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलग से हुई मुलाकातों ने भी भारत की स्थिति को मज़बूत किया है. यह ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने भारत पर 50% तक का भारी-भरकम टैरिफ़ लगा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इन टैरिफ़ का आधा हिस्सा भारत के रूस से तेल खरीदने की 'सज़ा' है. हालांकि भारत ने इस दावे को चुनौती दी है.

भारत रूसी तेल से 'मुनाफाखोरी' नहीं कर रहा है: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी

भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत रूसी तेल से 'मुनाफाखोरी' नहीं कर रहा है, बल्कि उसकी खरीद ने वैश्विक बाज़ार को स्थिर किया है और दाम बढ़ने से रोके हैं. खबरें यह भी कहती हैं कि ट्रंप भारत पर इसलिए भी नाराज़ हैं क्योंकि मोदी सरकार ने उनके उस दावे का समर्थन नहीं किया, “मैंने पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका था और व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया.” भारत का स्पष्ट रुख है कि द्विपक्षीय मसलों में उसका रुख संप्रभु है और किसी तीसरे पक्ष की इच्छा से संचालित नहीं होता.

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