China SCO Meeting: चीन के सीने पर बैठकर राजनाथ सिंह ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं, चीन-अमेरिका-पाकिस्तान सब पस्त हुए!
शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ (Shanghai Cooperation Organization SCO China Meeting) की चीन में आहूत अहम बैठक में भारत ने “बड़ा-खेल’ कर डाला है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh SCO Meeting) ने साझा ड्राफ्ट पर दस्तखत करने से साफ इनकार करके जो इतिहास रचा है, उसे पढ़कर पाकिस्तान-अमेरिका और चीन की आने वाली पुश्तें-पीढ़ियां भी तड़प उठेंगी.

Rajnath Singh Refuses to Sign SCO Draft: "दुनिया में देशों के बीच एतिहासिक या कहिए कि महत्वपूर्ण समझौतों के दस्तावेजों पर दस्तखतों की चर्चाएं तो अक्सर सुनी जाती रही हैं, मगर आजाद भारत में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh Defence Minister) ने चीन के घर में बैठकर, उसके और पाकिस्तान के किसी 'नाजायज-हित' और भारत के 'संभावित-अहित' वाले ड्राफ्ट पर दस्तखत करने से ही साफ-साफ मना कर दिया. ऐसी अविस्मरणीय-यादगार घटना शायद आजाद भारत के इतिहास में 26 जून 2025 से पहले कभी नहीं घटी होगी. भारत के इस कदम ने जहां पाकिस्तान, चीन और अमेरिका जैसे मक्कार-विश्वासघाती देशों को कुछ सोच पाने के भी काबिल नहीं छोड़ा है, वहीं भारत की सेनाएं और दुनिया भर में हमारे दोस्त देश भारत के इस कदम के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए हैं. अगर भारत के इस कदम से आज जमाने में कोई तिलमिला रहा होगा तो सिर्फ मक्कार-घाघ चीन और दुनिया में आतकंवादियों-आतंकवाद की फैक्टरी बना बैठा पाकिस्तान और हथियारों का सौदागर अमेरिका."
स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत में यह तमाम दिल की बेबाक बातें बयान की भारत के रक्षा, विदेश-नीति और सैन्य विशेषज्ञों ने. स्टेट मिरर हिंदी के नई दिल्ली में मौजूद एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने इन रक्षा विशेषज्ञों से गुरुवार (26 जून 2025) को, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा चीन में आयोजित एससीओ (Shanghai Cooperation Organization SCO Meeting) बैठक के 'ड्राफ्ट' पर दस्तखत न किए जाने के बाद विस्तृत बात की.
क्या है शंघाई सहयोग संगठन का इतिहास
जिक्र जब एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन का हो तो यहां बताना जरूरी है कि यह एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसकी स्थापना साल 2001 में चीन, रूस और मध्य एशियाई देशों के सहयोग से की गई थी. बाद में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, ईरान और बेलारूस भी इसके सदस्य बन गए. उसके बाद पाकिस्तान और भारत भी इसके सदस्य बन गए. भारत साल 2017 में ही एससीओ का सदस्य देश बना था.
रक्षा मंत्री के सामने पाकिस्तान की बेइज्जती
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसी संगठन की चीन में आहूत बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे हुए हैं. बैठक के दौरान भारत ने जब आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खुले मंच पर नंगा कर दिया, तो वह और उसका पालनहार, पाकिस्तान के कुकर्मों में हर कदम पर उसके साथ खड़े रहने वाला चीन बौखला गया. बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केवल पाकिस्तान को आड़े हाथ लेकर, बैठक के बाद तैयार ड्राफ्ट पर दस्तखत करने से साफ इनकार कर दिया. अपितु उन्होंने यहां तक कह दिया कि आतकंवाद और दोस्ती एक साथ भारत को मंजूर नहीं है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह पाकिस्तान की इस तरह की खुलेआम बेइज्जती उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की मौजूदगी में की.
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
SCO बैठक के बाद साझा-ड्राफ्ट पर दस्तखत करने से इनकार करते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए कहा, “पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, पहलगाम जैसे हमले अब भारत और कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.” राजनाथ सिंह के इस कदम पर स्टेट मिरर हिंदी ने जयपुर में मौजूद भारतीय फौज के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Indian Army Major General Sudhakar Jee Retired) से बात की. उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस कदम ने दुनिया की नजरों में भारत की इज्जत और बढ़ा दी है. चीन-अमेरिका पाकिस्तान समझ चुके होंगे कि, भारत अब वही करेगा जो उसे अपने और शांति के हित में लगेगा.”
मक्कार चीन-पाकिस्तान की घिनौनी मंशा
State Mirror Hindi के एक सवाल के जवाब में थल सेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी ने कहा, “दरअसल SCO बैठक का मौका चीन पाकिस्तान ने एक बेतुका ड्राफ्ट हस्ताक्षर कराने के लिए चुना होगा कि 8-9 देशों की मौजूदगी में और चीन में बैठकर भारत शायद विरोध नहीं कर पाएगा, मगर भारत के रक्षा मंत्री ने चीन-पाकिस्तान की इस कुत्सित मैली सोच का ही मटियामेट कर डाला. दरअसल, पाकिस्तान और चीन पूरी तरह से इस अहम बैठक में भारत को कागज पर मजबूती से घेरने की तैयारी पहले से किए बैठे थे, जिसे पहले ही भांपते हुए भारत ने पांवों तले रौंद डाला.”
बलूचिस्तान तबाह कर सकता है चीन को!
पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं कि, “दरअसल एससीओ बैठक की आड़ में लोहा गरम देखकर चीन-पाकिस्तान ड्राफ्ट रेजोल्यूशन यानी जिस समझौता मसौदा पर भारत की मुहर लगवाना चाह रहे थे, उसके अंदर पाकिस्तान आतंकवाद के संदर्भ में बलूचिस्तान को भी जबरन घुसा रहा था, ताकि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को घेरा जा सके. इस ड्राफ्ट को मक्कार विश्वासघाती चीन का पूरा समर्थन रहा है, क्योंकि चीन अरबों खरबों रुपया पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान (Baluchistan) में डुबोए बैठा है."
चीन के लिए पाकिस्तान से अहम बलूचिस्तान
सुधाकर जी ने कहा, "चीन को लगता है कि जिस तरह से बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से खुद को अलग करने के लिए खूनी जंग छेड़ रखी है, उससे अगर कहीं भारत की शह पाकर बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो गया तो चीन की तबाही-बर्बादी तय है. बलूचिस्तान से अलग होने के बाद पाकिस्तान का जो होगा, उसे दुनिया और विशेषकर चीन-पाकिस्तान तो बहुत अच्छी तरह से जानते ही हैं. चीन और पाकिस्तान मानते हैं कि बलूचिस्तान जिस तरह से खून खराबे पर उतरकर पाकिस्तान की मिट्टी पलीद किए है, उसके पीछे कहीं न कहीं भारत का हाथ है.”
ड्राफ्ट में पाकिस्तान को पहलगाम पर आपत्ति!
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी (Anil Tiwari Air Vice Marshal Retired) स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में कहते हैं, “दरअसल यह कड़ा कदम उठाकर भारत तो एक बड़ी मुसीबत से बच गया है. भारत के इस बेहद सख्त रुख कहिए या कदम से चीन पाकिस्तान व अमेरिका की नींद हराम हो चुकी होगी. खबरों की मानें तो भारत इस ड्राफ्ट रेजोल्यूशन में 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को भी शामिल करना चाह रहा था, जोकि सही बात भी थी. मुझे लगता है कि पहलगाम की आतंकवादी घटना के इस ड्राफ्ट में जिक्र किए जाने पर पाकिस्तान और चीन को जरूर आपत्ति रही होगी.”
हमने आइंदा के लिए खुद को सुरक्षित कर लिया
SCO बैठक में 8-10 देशों की गोलमेज पर पाकिस्तान को पस्त और मक्कार चतुर चीन को चित कर दिए की बात को आगे बढ़ाते हुए भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी कहते हैं, “बेशक भारत का यह सख्त कदम पाकिस्तान और चीन को अभी नागवार गुजरे, मगर भारत ने एक ही बार में मजबूत चोट करके आगे की अपनी परेशानियां तो दूर कर ही ली हैं. अब इसके बाद चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई भी षडयंत्र रचने से पहले सौ बार सोचेंगे जरूर. यह नहीं कि मुंह उठाया और भारत में फिर कोई पहलगाम अंजाम दिलवाकर भाग गए. जाने अनजाने अगर भारत ने इस ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर दिए होते, तो यह भारत को आइंदा के लिए बेहद कमजोर करने वाला साबित हो सकता था.”
अमेरिका इसलिए बौखलाएगा क्योंकि...
चीन में आहूत SCO की बैठक में कई देशों की मौजूदगी में भारत के इस कड़े कदम से अमेरिका क्यों और कितना प्रभावित होगा. जबकि उसका SCO बैठक से सीधे-सीधे कोई वास्ता ही नहीं है? पूछने पर भारतीय फौज (Indian Army) के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Major General Sudhakar Jee) बोले, “दरअसल अमेरिका दुनिया का दादा-गुंडा बना रहने की चाहत में हर जगह मारा-मारा कहिए या फिर कहूं कि कूदा-कूदा फिरता है. फिर चाहे वह भारत-पाकिस्तान का ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर के जबरन क्रेडिट लेने का विषय हो या फिर ईरान-इजराइल की जंग अथवा रूस-यूक्रेन की लड़ाई या फिर चीन और ताईवान के बीच का तनाव अथवा अफगानिस्तान... जहां देखो मक्कार और विश्वासघाती अमेरिका हर जगह जबरदस्ती ही जाकर कूद पड़ने की गंभीर लाइलाज बीमारी का मरीज है.
चीन ने आंखें तरेरी तो अमेरिका क्या करेगा?
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh Indian Defence Minister) ने SCO बैठक में ड्राफ्ट रेजोल्यूशन पर हस्ताक्षर न करके जिस तरह से पाकिस्तान-चीन को उनकी औकात बताकर दुनिया में उन्हें नंगा कर दिया है, वह अमेरिका को कैसे पचेगी? क्योंकि उसके तमाम कुकर्मों में शामिल रहने वाले पाकिस्तान को भारत ने लपेट दिया है. राजनाथ सिंह के इस देशहित में उठाए गए कड़े कदम से बौखलाया धूर्त-विश्वासघाती मतलब और मौकापरस्त अमेरिका, भारत के ऊपर भी प्रतिबंधों की झड़ी लगाने की गलती न कर बैठे. हालांकि, इससे भारत का ज्यादा नहीं बिगड़ेगा. अमेरिका अपनी सोचे कि अगर चीन ने उसे आंखें तरेरीं तो वह चीन से कैसे निपटेगा?
मियां के ईंट-पत्थर मियां के ही सिर पर
चीन में SCO बैठक के बाद साझा ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने से भारत के इनकार पर बेबाक बात करते हुए सुधाकर जी (रिटायर्ड मेजर जनरल भारतीय फौज) बोले, “दरअसल चीन और पाकिस्तान सोच रहे होंगे कि एससीओ बैठक में पेश ड्राफ्ट को भारत समझ ही नहीं पाएगा और वह आंख मूंदकर उस पर हस्ताक्षर करके, आइंदा के लिए अपने हाथ-पैर बंधवा बैठेगा. ऐसा मगर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने होने नहीं दिया. भारत ने तो बल्कि उल्टे दूसरों के घर पर पथराव करने की बदनीयत के साथ चीन और पाकिस्तान की छतों पर इकट्ठे करके रखे गए ईंट-पत्थर, उन्हीं दोनों के सिर पर फेंकर उन्हें उन्हीं के ईंट-पत्थरों से लहूलुहान कर डाला है. अगर यह कहूं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.”