बेचारा शहबाज क्या करे! पहले शी ने किया इग्नोर, फिर पुतिन-मोदी के सामने 'जी हुजूरी' वाला Video Viral, पाक का कब-कब बना तमाशा?
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत SCO समिट्स में कोई नई बात नहीं है. 2022 में उज्बेकिस्तान में हेडसेट फेलियर ने उन्हें हास्य का पात्र बनाया, 2024 में कजाकिस्तान में पुतिन को इग्नोर करने का उनका सीन सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बना. इस साल, चीन में आयोजित SCO 2025 में भी उनका बेताब और बचकाना व्यवहार देखने को मिला. आइए जानते हैं, कब-कब SCO समिट्स में पाकिस्तान का तमाशा बना.

SCO Summit 2025 में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वैश्विक मंच पर सामरिक और कूटनीतिक ताकत दिखाई, वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती का रिकॉर्ड कायम कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में शहबाज शरीफ मोदी-पुतिन-जिनपिंग की सहज और गर्मजोशी भरी बातचीत के बीच बेचारे की तरह खड़े नजर आए, जैसे किसी ‘जी हुजूरी’ के लिए खड़े हों. फोटो सेशन और औपचारिक बैठक में उनका बचकाना बर्ताव चर्चा का विषय बन गया, जिसमें पुतिन और शी सहजता से आगे बढ़ते रहे और शरीफ उनके पीछे दौड़ते हुए दिखे.
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत SCO समिट्स में कोई नई बात नहीं है. 2022 में उज्बेकिस्तान में हेडसेट फेलियर ने उन्हें हास्य का पात्र बनाया, 2024 में कजाकिस्तान में पुतिन को इग्नोर करने का उनका सीन सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बना. इस साल, चीन में आयोजित SCO 2025 में भी उनका बेताब और बचकाना व्यवहार देखने को मिला. आइए जानते हैं, कब-कब SCO समिट्स में पाकिस्तान का तमाशा बना.
वायरल वीडियो में 'बेचारे' शरीफ
SCO समिट से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मोदी और पुतिन हंसते-बोलते नजर आ रहे हैं. उनके पास खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कैमरे में ऐसे कैद हुए जैसे उनका वहां कोई महत्व ही न हो. यही नहीं, औपचारिक फोटो सेशन के बाद जब पुतिन और शी जिनपिंग साथ आगे बढ़े तो शरीफ उनके पीछे भागते हुए दिखे और पुतिन से हाथ मिलाने की बेताबी में उछलते-कूदते नजर आए.
मोदी और शरीफ की दूरी
SCO के पहले फोटो सेशन में भी पीएम मोदी और शरीफ दूरी पर खड़े नजर आए. मोदी के पुतिन और जिनपिंग से गर्मजोशी भरे रिश्तों की तस्वीरें वायरल हुईं, वहीं शरीफ के लिए नेटिज़न्स ने कहा कि 'बेचारे की तरह बस खड़े रहना पड़ा. मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 'तिआनजिन में बातचीत जारी है! एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचारों का आदान-प्रदान.'
पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती का ट्रैक रिकॉर्ड
1. चुपचाप बेचारा देख रहा मोदी और पुतिन की केमेस्ट्री
एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है एक वीडियो में देखा जा सकता है कि मोदी और पुतिन की कुछ बात करते हुए दोनों चल रहे हैं जिसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बेचारे की तरह यानी साइड में जैसे 'जी हुजूरी' के लिए खड़े हों. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है और यूजर्स तरह- तरह के कमेंट कर रहे हैं.
2. SCO समिट 2022 (उज्बेकिस्तान)- हेडसेट वाला फसाद
उज्बेकिस्तान में आयोजित SCO समिट में जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता कर रहे थे, तभी उनकी ट्रांसलेशन हेडसेट ने उन्हें धोखा दे दिया. बार-बार हेडफोन कान से गिर रहा था और शरीफ उसे संभाल नहीं पा रहे थे. इस नज़ारे को देखकर पुतिन तक अपनी हंसी नहीं रोक पाए. कैमरे में यह दृश्य कैद हो गया और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.
3. SCO समिट 2024 (कजाकिस्तान)- पुतिन को इग्नोर कर दिया
कजाकिस्तान में आयोजित SCO समिट 2024 के फोटो सेशन के दौरान फिर पाकिस्तान की फजीहत हो गई. मंच पर पुतिन शरीफ से हाथ मिलाने खड़े थे, लेकिन शहबाज शरीफ ने उन्हें इग्नोर कर किसी और नेता से हाथ मिला लिया. अचानक हुए इस सीन से खुद पुतिन भी चौंक गए. यह वीडियो सामने आते ही पाकिस्तान सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बन गया.
4. SCO समिट 2025 (चीन)- बेताब शरीफ का वायरल वीडियो
चीन में आयोजित SCO समिट 2025 में एक और बार पाकिस्तान की थू-थू हुई. इस बार शहबाज शरीफ राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिलाने के लिए इतनी बेताबी दिखा बैठे कि उनका व्यवहार बचकाना लगने लगा. सोशल मीडिया पर लोग जमकर मजाक उड़ाने लगे कि "बाकी नेता संयम से मिले, लेकिन पाकिस्तान के पीएम तो जैसे पुतिन से मिलने के लिए दौड़ पड़े.
इस पूरे घटनाक्रम का समय भी अहम है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. अब एससीओ के सभी सदस्य देशों ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की लगातार बेइज्जती यह दिखाती है कि कूटनीति के मैदान में भी इस्लामाबाद अपनी जगह बनाने में नाकाम हो रहा है.