साबरमती जेल में ‘देशभक्ति दिखाने’ की कोशिश या सोची-समझी साज़िश? रिसिन टेरर प्लॉट आरोपी अब्दुल पर हमला
साबरमती सेंट्रल जेल में रिसिन टेरर प्लॉट के आरोपी सैयद अहमद मोहिउद्दीन जिलानी पर तीन कैदियों ने हमला कर दिया. चोरी के आरोपी निलेश शर्मा ने दो अज्ञात कैदियों के साथ मिलकर उसे आंख और नाक पर मुक्के मारे. घटना “देशभक्ति दिखाने” की कोशिश बताई जा रही है, लेकिन इससे जेल सुरक्षा और अंदरूनी मिलीभगत पर गंभीर सवाल उठे हैं. राणिप पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. गुजरात ATS ने जिलानी को हाल ही में रिसिन हमले की साज़िश में पकड़ा था.
गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में मंगलवार को अचानक तनाव तब भड़क उठा जब हाई-प्रोफाइल रिसिन टेरर प्लॉट के आरोपी सैयद अहमद मोहिउद्दीन अब्दुल कादिर जिलानी (40) पर तीन कैदियों ने हमला कर दिया. यह हमला ऐसे समय हुआ जब जिलानी को हाल ही में न्यायिक हिरासत में अहमदाबाद जेल लाया गया था. गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने उसे और दो अन्य आरोपियों को खतरनाक रिसिन ज़हर तैयार करने की साज़िश में गिरफ्तार किया था.
सूत्रों के अनुसार, हमला मंगलवार सुबह उस समय हुआ जब निलेश शर्मा नामक कैदी - जो अमरैवाड़ी का रहने वाला है और चोरी के मामले में जेल में बंद है - ने जिलानी को आंख और नाक पर मुक्कों से मारा. इस हमले में उसके साथ दो अन्य कैदी भी शामिल थे, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है. अचानक हुई इस मारपीट में जिलानी के चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, हालांकि उसे तुरंत जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया, जहां उसका प्राथमिक इलाज किया गया.
‘देशभक्ति दिखाने की कोशिश’ या अंदरूनी मिलीभगत?
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शर्मा ने यह हमला “अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए” किया. उसने कथित तौर पर जिलानी के खिलाफ लगाए गए आतंकवाद के आरोपों को आधार बनाकर यह हमला किया. हालांकि, अधिकारियों के इस बयान के बाद सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं - आखिर तीन कैदियों को कैसे पता चला कि जिलानी कौन है? क्या जेल कर्मचारियों ने जानकारी लीक की थी? क्या यह हमला पहले से प्लान था? एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “कैदियों ने इतने नए बंदी को कैसे पहचान लिया? क्या किसी ने उन्हें बताया या उन्होंने खुद जानकारी जुटाई? हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं.”
जांच शुरू, FIR दर्ज
हमले के तुरंत बाद जेल में बंद अन्य कैदियों के बयान लिए गए और उनकी गवाही के आधार पर राणिप पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई. राणिप इंस्पेक्टर केतन व्यास ने FIR की पुष्टि की है. दिलचस्प बात यह है कि जिलानी खुद अपने हमलावरों की पहचान नहीं कर सका, जो जांच को और जटिल बनाता है. उधर, DGP प्रिज़न्स K L N Rao से इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
कौन है जिलानी?
जिलानी तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला है. गुजरात ATS ने उसे पिछले सप्ताह दो और आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि वे बेहद घातक ज़हर रिसिन (Ricin) बनाने की साज़िश रच रहे थे. रिसिन अरंडी (Castor) के बीजों से निकाला जाता है और बेहद कम मात्रा में भी यह घातक होता है. जांच में सामने आया कि यह गिरोह अरंडी के बीज जुटा चुका था और ऑनलाइन तथा अन्य माध्यमों से रिसिन निकालने की विधियां सीख रहा था. ATS को इस ऑपरेशन को पकड़ने में कई महीनों की खुफिया निगरानी करनी पड़ी.
जेल प्रशासन पर सवाल क्यों?
हमले के बाद अब मुख्य सवाल सुरक्षा को लेकर उठ रहे हैं -
- क्या जेल में नए आरोपियों की जानकारी कैदियों तक पहुंचाई जाती है?
- क्या किसी ने इस जानकारी को जानबूझकर साझा किया?
- क्या हमला अचानक गुस्से में हुआ या यह किसी संगठन या ग्रुप के दबाव में किया गया ‘संदेश देने’ वाला हमला था?
- क्या जेल स्टाफ में किसी की भूमिका है?
शहर की क्राइम ब्रांच अब निलेश शर्मा की पृष्ठभूमि और उसके संपर्कों की भी जांच कर रही है. यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि उसने यह सब अपने स्तर पर किया या किसी और के इशारे पर.





