BMC चुनाव से पहले रामदास अठावले ने दिया BJP को करारा झटका, गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का किया फैसला
मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावले ने मंगलवार को बड़ा एलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी बीएमसी चुनावों में 38 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.
मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावले ने मंगलवार को बड़ा एलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी बीएमसी चुनावों में 38 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. इस घोषणा ने महायुति गठबंधन के भीतर चल रहे मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर कर दिया है.
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रामदास अठावले ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीट बंटवारे में आरपीआई को लगातार नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने साफ कर दिया कि मुंबई में आरपीआई ने भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ दिया है और अब पार्टी स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी.
सीट बंटवारे को लेकर भाजपा पर तीखा हमला
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में रामदास अठावले ने भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद जैसे कई शहरों में सीटें नहीं दी गईं. नालासोपारा में हमें एक भी सीट नहीं मिली. आरपीआई को भिवंडी में एक सीट मिली। कल्याण-डोंबिवली में एक भी सीट नहीं दी गई. इसलिए, भाजपा ने कई जगहों पर आरपीआई को नजरअंदाज करने की कोशिश की है. भाजपा अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहती है, लेकिन उसे हमारी पार्टी पर भी विचार करना चाहिए. इसीलिए रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा है और भाजपा नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए. हम 38 जगहों पर सौहार्दपूर्ण ढंग से चुनाव लड़ेंगे, और मुंबई में हमने भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ दिया है. हम मुंबई में अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं."
महायुति के भीतर बढ़ता असंतोष
आरपीआई की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब महाराष्ट्र के बड़े शहरों में सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टी लगातार असंतोष जता रही थी. अठावले का कहना है कि गठबंधन में रहते हुए भी आरपीआई को अपेक्षित सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं मिला. रामदास अठावले ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा "सोमवार को शाम 4 बजे होने वाली बैठक में गठबंधन के सहयोगी दल उपस्थित नहीं हुए. यह न केवल समय की बर्बादी थी, बल्कि बीएमसी चुनावों के ठीक पहले के इस महत्वपूर्ण समय में हमारी पार्टी की गरिमा पर भी आघात था. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के किसी भी प्रकार के अपमान को बर्दाश्त नहीं करूंगा."
भाजपा-शिवसेना का सीट बंटवारा पहले ही तय
गौरतलब है कि महायुति ने एक दिन पहले ही बीएमसी चुनावों के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला अंतिम रूप दिया था. इस समझौते के तहत भाजपा 227 में से 137 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 90 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारेगी.





