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'पटक पटक कर मारेंगे' से लेकर 'समंदर में डुबो देंगे' तक, राज ठाकरे-निशिकांत दुबे के बीच हिंदी बनाम मराठी को लेकर जुबानी जंग हुई तेज

महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद फिर उभर आया है. एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के 'पटक पटक कर मारेंगे' बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. ठाकरे ने कहा कि अगर दुबे मुंबई आएंगे तो उन्हें 'समंदर में डुबो डुबो के मारा जाएगा'. राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में मराठी को अनिवार्य किए जाने की मांग दोहराई और कहा कि राज्य में रहने वालों को मराठी सीखनी ही होगी. साथ ही, उन्होंने देवेंद्र फडणवीस की तीन-भाषा नीति की आलोचना की और कहा कि हिन्दी को थोपने की कोशिश हो रही है.

पटक पटक कर मारेंगे से लेकर समंदर में डुबो देंगे तक, राज ठाकरे-निशिकांत दुबे के बीच हिंदी बनाम मराठी को लेकर जुबानी जंग हुई तेज
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( Image Source:  Social Media )

Raj Thackeray vs Nishikant Dubey: महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी सांसद के 'पटक पटक कर मारेंगे' बयान पर पलटवार करते हुए राज ठाकरे ने मुंबई की एक रैली में कहा, “अगर तुम मुंबई आए, तो समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे.”

राज ठाकरे ने कहा कि वह मराठी भाषा और महाराष्ट्र की अस्मिता पर कोई समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “जो लोग महाराष्ट्र में रहते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द मराठी भाषा सीखें. जहां भी जाओ, मराठी में ही बोलो.”

तीन भाषा नीति की आलोचना

राज ठाकरे ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई तीन भाषा नीति की आलोचना करते हुए कहा कि हिंदी को अनिवार्य बनाना गलत है. उन्होंने कहा, “देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि हिंदी अनिवार्य की जाएगी, लेकिन मराठी भाषा को सभी स्कूलों में अनिवार्य किया जाना चाहिए, न कि हिंदी को.”

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की नीति लागू की थी, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया. पर इसके बाद भी इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमा गई है.

“मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश”

राज ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गुजराती व्यवसायी मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “उनकी नजरें मुंबई पर हैं और वे देखना चाहते हैं कि महाराष्ट्रवासी इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. हिंदी की अनिवार्यता इसी योजना का पहला कदम है.”

भाजपा सांसद का पलटवार- मैं हिंदी पर गर्व करता हूं

दूसरी ओर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने 'पटक पटक के मारेंगे' वाले बयान पर कायम रहते हुए कहा कि उन्हें अपनी मातृभाषा हिंदी पर गर्व है. उन्होंने कहा, “अगर महाराष्ट्र भारत का हिस्सा है, तो देश के किसी भी हिस्से का व्यक्ति वहां बस सकता है, लेकिन हिंदी भाषी लोगों को पीटा जाता है. अगर राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे किसी अन्य राज्य में गए, तो वहां के लोग उन्हें पीटेंगे.”

MNS कार्यकर्ताओं पर हिंदी भाषियों के साथ मारपीट करने का आरोप

दुबे ने MNS कार्यकर्ताओं पर हिंदी भाषियों के साथ मारपीट के आरोप लगाते हुए कहा, “अगर हिम्मत है तो उर्दू भाषियों से भिड़ो, घर में तो कुत्ता भी शेर होता है. अब तय कर लो- कौन कुत्ता और कौन शेर?” भाषा, पहचान और राजनीति का यह संग्राम महाराष्ट्र की सियासत को फिर एक बार गर्माने लगा है. राज ठाकरे की आक्रामक शैली और निशिकांत दुबे के तीखे बयान दोनों ही राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाषाई अस्मिता बनाम राष्ट्रीय एकता की बहस को हवा दे रहे हैं.

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