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तुमको समंदर में डूबो-डूबो कर मारेंगे... BJP सांसद को राज ठाकरे की धमकी, क्या सड़कों पर लड़ी जाएगी मराठी अस्मिता की लड़ाई?

मीरा रोड की सभा में राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को खुली चुनौती दी और मराठी भाषा की अहमियत पर जोर दिया. हिंदी थोपने के खिलाफ उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को भी घेरा. ठाकरे ने चेतावनी दी कि मराठियों की अस्मिता से खिलवाड़ किया गया तो सड़कों पर उबाल आ जाएगा। भाषा को लेकर राजनीति फिर से गर्मा गई है.

तुमको समंदर में डूबो-डूबो कर मारेंगे... BJP सांसद को राज ठाकरे की धमकी, क्या सड़कों पर लड़ी जाएगी मराठी अस्मिता की लड़ाई?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 19 July 2025 6:50 AM IST

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर उठी राजनीति की चिंगारी अब आग का रूप ले चुकी है. मीरा रोड की एक जनसभा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर तीखा हमला बोला. ठाकरे ने कहा कि जब वह कोई बयान देते हैं तो वह सुर्खियां बन जाती हैं, लेकिन जब दुबे जैसे नेता मराठियों को "पटक-पटक कर मारने" की बात करते हैं तो मीडिया खामोश रहता है. उन्होंने दुबे को खुलेआम मुंबई आने की चुनौती देते हुए कहा, "तुमको समंदर में डूबो-डूबो कर मारेंगे."

राज ठाकरे ने अपने भाषण में मराठी जनता को चेतावनी दी कि अगर वे समय पर नहीं जागे तो वे हाशिए पर चले जाएंगे. उन्होंने कहा, "जहां सूखी ज़मीन होती है, वहां खंडहर होते हैं, चट्टान नहीं." ठाकरे का संकेत स्पष्ट था कि मराठियों को अब पहचान और भाषा की रक्षा के लिए दृढ़ होना होगा. उन्होंने मराठी अस्मिता को मज़बूत करने की अपील करते हुए कहा कि ये लड़ाई सिर्फ भाषा की नहीं, अस्तित्व की है.

महाराष्ट्र की स्टाइल में मिलेगा जवाब

मीरा रोड में हिंदी बोलने वाले एक युवक की पिटाई पर मचे हंगामे के बीच ठाकरे ने कहा कि "जिसे पीटा गया वो सही हुआ." उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में रहते हुए भी लोग हिंदी में ही संवाद कर रहे हैं और "मस्ती" कर रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि महाराष्ट्र में रहना है तो मराठी सीखनी ही होगी. ठाकरे का लहजा यहां चेतावनी भरा था, "अगर मस्ती करेंगे तो महाराष्ट्र की स्टाइल में जवाब मिलेगा."

फडणवीस सरकार पर क्या कहा?

राज ठाकरे ने राज्य सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी को पहली से पांचवीं तक अनिवार्य करने की योजना समझ से परे है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि "महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री हिंदी के लिए झगड़ रहा है", जबकि उसे मराठी को अनिवार्य करने की बात करनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने हिंदी थोपी, तो लोग चाय की दुकानें बंद कर देंगे और सड़क पर उतर आएंगे.

‘मुंबई को बांटने की साजिश’

ठाकरे ने दावा किया कि कुछ गुजराती व्यापारी और नेता मुंबई और महाराष्ट्र में सांस्कृतिक विभाजन लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने वल्लभभाई पटेल का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं किया जाना चाहिए. ठाकरे ने आरोप लगाया कि हिंदी भाषा को आगे कर इस विभाजन की नींव रखी जा रही है, जिससे मराठी लोग अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएं.

मराठी की महानता पर जोर

राज ठाकरे ने मराठी भाषा की ऐतिहासिक गरिमा को सामने रखते हुए कहा कि यह ढाई से तीन हजार साल पुरानी भाषा है, जबकि हिंदी महज 200 साल पुरानी एक मिश्रित भाषा है. उन्होंने कहा, "हिंदी अब तक 250 से ज्यादा भाषाओं को निगल चुकी है." ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि अगर हिंदी बोलने से किसी की भलाई हो रही है तो वे लोग महाराष्ट्र में आकर काम क्यों ढूंढते हैं? इस सवाल के जरिए उन्होंने भाषा की राजनीति को सीधे रोजगार और पहचान से जोड़ दिया.

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