पुतिन के भारत दौरे पर कितना पैसा होगा खर्च? होटल-डिनर-सुरक्षा से लेकर भारत और रूस मिलकर करेंगे इतना खर्चा!
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत के दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पीएम मोदी और पुतिन की पहली बार मुलाकात हो रही है. दोनों देशों की बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. वहीं पुतिन के भारत दौरे पर करोड़ों का खर्चा होने वाला है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर भारत आने वाले हैं और इस बार उनकी यात्रा को लेकर न सिर्फ कूटनीतिक हलचल तेज है, बल्कि इससे जुड़े विशाल खर्चों को लेकर भी कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. 4 दिसंबर से शुरू होने वाली उनकी दो दिवसीय भारत यात्रा को लेकर दिल्ली से लेकर वैश्विक रणनीतिक गलियारों में बहस तेज है.
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यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन आमने-सामने मिलेंगे. इसलिए दुनिया भर की निगाहें इस बैठक से निकलने वाले संदेश, समझौतों और भारत-रूस संबंधों की दिशा पर टिक गई हैं.
SU-57, S-400 और परमाणु ऊर्जा सहयोग की चर्चा
इस यात्रा के दौरान कई बड़े रक्षा और रणनीतिक समझौते होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार, मुलाकात में SU-57 स्टील्थ फाइटर जेट, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के नए बैच और परमाणु ऊर्जा सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं.
पुतिन के दौरे पर कितना खर्च?
राष्ट्राध्यक्षों की विदेश यात्राओं पर आमतौर पर भारी खर्च आता है, लेकिन पुतिन की सुरक्षा दुनिया की सबसे महंगी सुरक्षा में शामिल मानी जाती है. यही कारण है कि इस दौरे पर कुल खर्च और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है. राज्य भोज, द्विपक्षीय बैठकें और प्रोटोकॉल, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भूमि सुरक्षा, होटल, परिवहन और आयोजन में आम तौर पर 5 से 15 करोड़ रुपये तक का खर्च आता है.
अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार किसी राष्ट्राध्यक्ष की यात्रा पर कुल 50 से 150 करोड़ रुपये तक का खर्च अनुमानित होता है. पुतिन की विशेष सुरक्षा को देखते हुए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है.
भारत-रूस कर सकते हैं इतना खर्च
पुतिन की यात्रा में खर्च दो बड़े भागों में बंटा होता है. जिसमें रूस की जिम्मेदारी उनकी निजी सुरक्षा, एयरक्राफ्ट और तकनीकी टीम, यात्रा संबंधी व्यवस्थाएं की होती हैं. वहीं भारत की जिम्मेदारी जमीनी सुरक्षा, होटल और परिवहन, भोज, कार्यक्रम और सरकारी आयोजन की होती है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और रूस मिलकर पुतिन के इस दौरे में 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर सकते हैं. इन खर्चों का पूरा विवरण आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया जाता क्योंकि यह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है.
यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
मोदी-पुतिन मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दुनियाभर के देश अपनी-अपनी ताकत और शक्ति बढ़ाने में लगे हैं. दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक समीकरण बदले हैं ऐसे में भारत और रूस दोनों ऊर्जा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को नई दिशा देना चाहते हैं. इसलिए यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.





