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Putin India Visit: 8 मेगा डील्स से बदलेगा एशिया का खेल! Su-57 जेट, S-400, ब्रह्मोस अपग्रेड और सस्ते तेल से बदलेगी जियोपॉलिटिक्स

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 8 ऐतिहासिक डील्स पर साइन करेंगे. इनमें Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट, S-400 की नई खेप, ब्रह्मोस मिसाइल का अपग्रेड, सस्ते रूसी तेल, न्यूक्लियर मॉड्यूलर रिएक्टर, RELOS लॉजिस्टिक सपोर्ट, एग्रीकल्चर पार्टनरशिप और ट्रेड-रोडमैप 2030 जैसे बड़े समझौते शामिल हैं. यह यात्रा भारत-रूस रिश्तों को अगले दशक की सुपर-स्टेज पर ले जाने वाली है.

Putin India Visit: 8 मेगा डील्स से बदलेगा एशिया का खेल! Su-57 जेट, S-400, ब्रह्मोस अपग्रेड और सस्ते तेल से बदलेगी जियोपॉलिटिक्स
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Updated on: 4 Dec 2025 11:54 AM IST

भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी अपनी सिल्वर जुबली पर है, और इसी ऐतिहासिक मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंच रहे हैं. यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि उस नए अध्याय की शुरुआत है जिसमें भारत-रूस संबंध न सिर्फ मजबूत होंगे, बल्कि रक्षा, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाएंगे. यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का भारत आना बताता है कि दुनिया चाहे जितनी बदल जाए, लेकिन नई दिल्ली और मॉस्को की साझेदारी अभी भी सबसे स्थिर और विश्वसनीय कूटनीतिक रिश्तों में गिनी जाती है.

पुतिन की यह यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद उनका पहला भारत दौरा है. दिल्ली में उनकी वन-टू-वन बैठकें, सुरक्षा समझौते और आर्थिक मोर्चे पर बड़े ऐलान दुनिया भर के रणनीतिक विशेषज्ञों को आकर्षित कर रहे हैं. रूस द्वारा भेजे जा रहे 7 मंत्रियों का स्पेशल डेलीगेशन साफ संकेत देता है कि इस बार डील्स छोटी-मोटी नहीं, बल्कि मेगा लेवल की होंगी जो आने वाले दशक की भू-राजनीति और व्यापार समीकरणों को बदल देंगी.

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रक्षा क्षेत्र की मेगा डील

भारत और रूस की बातचीत में सबसे चर्चित मसला है Su-57E स्टेल्थ फाइटर जेट का ट्रांसफर. यह रूस का सबसे एडवांस 5th जनरेशन लड़ाकू विमान है, जिसे भारत खरीदने की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा करेगा. इसके साथ ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बची हुई खेप और कई नए बैटरी सिस्टम पर भी बात हो सकती है. यह रक्षा पैकेज भारत के एयर-डिफेंस को नए स्तर पर ले जाएगा और चीन-पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर भारत की बढ़त और मज़बूत होगी.

RELOS – सैन्य लॉजिस्टिक सपोर्ट डील

रूस की संसद ने भारत के साथ RELOS (Reciprocal Exchange of Logistics Support) को मंजूरी दे दी है. यह डील भारत को रूसी बंदरगाह, एयरफील्ड और सैन्य बेस इस्तेमाल करने की अनुमति देगी, जबकि रूस भारतीय पोर्ट्स का उपयोग करेगा. यह नौसैनिक अभियानों, आपदा राहत, और इमरजेंसी स्थितियों में भारत को निर्णायक बढ़त देगा. विशेषकर आर्कटिक रूट्स और इंडो-पैसिफिक में.

ब्रह्मोस मिसाइल अपग्रेड

भारत-रूस संयुक्त रूप से ब्रह्मोस का नया अपग्रेडेड वर्ज़न तैयार कर रहे हैं. यह वर्ज़न अधिक रेंज, बेहतर स्पीड और एंटी-इंटरसेप्शन क्षमता के साथ आएगा. हाइपरसोनिक ब्रह्मोस-II पर भी बातचीत होने की संभावना है. भारत पहले ही ब्रह्मोस को फिलीपींस को निर्यात कर रहा है, और अपग्रेडेड वर्ज़न भारत की डिफेंस डिप्लोमेसी को और मजबूत करेगा.

सस्ता रूसी तेल और नए पेमेंट मैकेनिज्म

भारत रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है, लेकिन डॉलर-प्रतिबंध और वेस्टर्न प्रतिबंधों के कारण पेमेंट सिस्टम चुनौती बन रहा है. इस बार दोनों देश रूपया-रूबल मॉडल, थर्ड-करेंसी मॉडल और नए SWIFT विकल्प पर चर्चा करेंगे. रूस भारत को लंबी अवधि के लिए सस्ते तेल की सप्लाई भी ऑफर कर सकता है. यह डील भारत के लिए महंगाई कम करने और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने में अहम होगी.

मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) टेक्नोलॉजी

पुतिन अपने साथ SMR यानी Small Modular Reactors की पेशकश भी ला रहे हैं. यह छोटे, सुरक्षित और अधिक कुशल रिएक्टर भारत के बिजली उत्पादन में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. कूडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट के नए चरणों पर भी बातचीत हो सकती है. रूस चाहता है कि भारत आने वाले दशक में न्यूक्लियर सेक्टर में उसका सबसे बड़ा साझेदार बने.

एग्रीकल्चर सेक्टोरल एग्रीमेंट

रूस भारत के लिए गेहूं, खाद, उर्वरक और कृषि उपकरणों का एक स्थिर सप्लाई पार्टनर बन सकता है. नई डील के तहत रूस भारत को सब्सिडाइज्ड उर्वरक देने पर विचार कर रहा है. दोनों देशों के बीच “Green Corridor Agreement” भी फाइनल हो सकता है ताकि कृषि उत्पादों का तेजी से आदान-प्रदान हो सके.

ट्रेड-इकोनॉमिक 2030 का रोडमैप

भारत और रूस वर्तमान $63.6 अरब के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक $100 अरब से ऊपर ले जाने की योजना तैयार कर रहे हैं. इस रोडमैप में

  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
  • कोल्ड सप्लाई चेन
  • मशीनरी
  • फिनटेक
  • स्टार्टअप सहयोग

जैसे नए क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. हेल्थ, मीडिया और शिक्षा पर अलग-अलग सेक्टोरल एग्रीमेंट भी साइन होंगे.

सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन डील

भारत और रूस आतंकवाद, साइबर हमलों और ड्रोन-आधारित खतरों से निपटने के लिए नई सुरक्षा साझेदारी साइन कर सकते हैं. इसमें इंटेलिजेंस-शेयरिंग, जॉइंट ट्रेनिंग और नए साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क शामिल होंगे. यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस के पास उन्नत काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी है, जिसे भारत अपनाना चाहेगा.

व्लादिमीर पुतिन
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