Putin in India: 5-लेयर का सुरक्षा कवच, ड्रोन-स्नाइपर्स और AI से निगरानी, रूसी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए दिल्ली में क्या-क्या है तैयारी?
Putin India Visit 2025: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में 5-लेयर सुरक्षा तैनात की जा रही है. इसमें ड्रोन, स्नाइपर्स, AI निगरानी और मिसाइल-कवच सहित रूस की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस के हाईली ट्रेंड लोग भी शामिल होंगे. इस दौरे में भारत और रूस के बीच रक्षा और ऊर्जा समेत बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर की भी संभावना है. जानिए सुरक्षा कवच, संभावित डील्स और भारत-रूस रिश्तों की कैसी होगी दिशा.
Vladimir Putin India Visit Summit 2025: भारत और रूस के बीच अटूट दोस्ती को और मजबूती देने तथा उसमें नया रंग भरने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर 2025 को दिल्ली में होंगे. उनकी सुरक्षा को देखते हुए दिल्ली एक मजबूत किले में बदलने की तैयारी जारी है. ड्रोन, जैमर, फेस-रिकॉग्निशन, स्नाइपर्स और पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था. पुतिन की सुरक्षा इतनी पुख्ता होगी कि दिल्ली का हर कोना निगरानी में होगा. पुतिन की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए रूस से चार दर्जन से ज्यादा टॉप सिक्योरिटी वाले पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. यह सिर्फ सिक्योरिटी स्टोरी नहीं है. इस दौरे के दौरान पुतिन, नरेंद्र मोदी और द्रौपदी मुर्मू के साथ डिनर-मीटिंग करेंगे. साथ ही कई बड़े सैन्य व आर्थिक समझौते, जो भारत-रूस रिश्तों को नई ऊंचाई दे सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से बताया है कि रूस के राष्ट्रपति के एक्शन-पैक्ड दौरे के दौरान टॉप सिक्योरिटी पक्का करने के लिए, रूस से चार दर्जन से ज्यादा टॉप सिक्योरिटी वाले पहले ही दिल्ली पहुंच गए हैं.
सिक्योरिटी टीम लगातार कंट्रोल रूम टच में
दिल्ली पुलिस और NSG के अधिकारियों के साथ ये अधिकारी हर उस रास्ते को सैनिटाइज कर रहे हैं, जिससे रूसी प्रेसिडेंट का काफिला गुजरेगा. खास ड्रोन यह पक्का करेंगे कि प्रेसिडेंट की सिक्योरिटी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम की नजर हर समय उनके काफिले पर रहे. कई स्नाइपर प्रेसिडेंट के आने-जाने के रास्ते को कवर करेंगे. जैमर, AI मॉनिटरिंग और फेशियल रिकग्निशन कैमरे पुतिन की सिक्योरिटी के लिए बड़े पैमाने पर टेक डिप्लॉयमेंट में कुछ इक्विपमेंट हैं. पुतिन का दिल्ली में लैंड करते ही हर लेयर एक्टिव हो जाएगी. सिक्योरिटी टीम में हर कोई कंट्रोल रूम के लगातार टच में रहेगा.
NSG और पुलिस बाहरी सिक्योरिटी के हिस्सा
NSG और दिल्ली पुलिस के ऑफिसर सिक्योरिटी की बाहरी लेयर का हिस्सा होंगे, जबकि रशियन प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी अंदर की लेयर संभालेगी. जब रशियन प्रेसिडेंट प्राइम मिनिस्टर मोदी के साथ होंगे, तो इंडिया के स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो, जो प्राइम मिनिस्टर की सुरक्षा करते हैं, अंदर की सिक्योरिटी रिंग में शामिल हो जाएंगे.
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जिस होटल में रुकेंगे पुतिन, उसे किया जा रहा सैनिटाइज
जिस होटल में पुतिन रुकेंगे, उसे भी अच्छी तरह से सैनिटाइज किया गया है. रशियन सिक्योरिटी ऑफिसर उन जगहों पर चेकिंग कर रहे हैं जहां पुतिन जाने वाले हैं. साथ ही, अचानक जाने वाली संभावित जगहों की एक लिस्ट भी तैयार की गई है, और इन इलाकों को भी स्कैन किया जा रहा है.
पुतिन की सिक्योरिटी टीम की एक बड़ी खासियत ऑरस सीनेट है, जो एक भारी आर्मर्ड लग्जरी लिमोजीन है जिसका इस्तेमाल रशियन प्रेसिडेंट करते हैं. पुतिन की इंडिया ट्रिप के लिए सीनेट को मॉस्को से लाया जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि रशियन प्रेसिडेंट इस साल की शुरुआत में चीन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन समिट के दौरान प्राइम मिनिस्टर मोदी के साथ सीनेट में सवार हुए थे.
'पहियों पर किला' लग्जरी लिमोजीन
अक्सर 'पहियों पर किला' कही जाने वाली सेनेट एक फुल-साइज लग्जरी लिमोजीन है जिसे रूसी ऑटोमेकर ऑरस मोटर्स ने बनाया है. 2018 में पेश की गई सेनेट पुतिन की ऑफिशियल सरकारी कार है और यह "कोर्टेज" प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो सरकार के इस्तेमाल के लिए घरेलू लग्जरी और आर्मर्ड गाड़ियां बनाने का एक रूसी प्रोग्राम है.
राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर भारत-रूस सालाना समिट में शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं. पुतिन के कल शाम दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक, रूस के प्रेसिडेंट प्रधानमंत्री के साथ डिनर करेंगे. अगले दिन राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा. शुक्रवार को बाद में उनका राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर जाने का प्लान है. इसके बाद पुतिन हैदराबाद हाउस में समिट और भारत मंडपम में एक इवेंट में शामिल होंगे. वह राष्ट्रपति भवन में प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू की तरफ से दी गई दावत में भी हिस्सा बनेंगे.
रक्षा और विदेश नीति के लिहाज से नया मोड़
यदि S-400 जैसी डील होती है, तो भारत की वायु रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा. क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन बदल सकता है. ऊर्जा, तेल, व्यापार व तकनीकी सहयोग से भारत-रूस रिश्ता और गहरा होगा. खासकर रूस की आपूर्ति और भारत की ऊर्जा, रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए. ये डील्स और रणनीतिक साझेदारी भारत को भू-राजनीति में सक्रिय खिलाड़ी बनाए रखने में मदद करेगी. चाहे किसी भी दिशा में विश्व राजनीति क्यों न बदले.





