हाथ नहीं लगा भारत का मोस्ट वॉन्टेड अनमोल बिश्नोई इसलिए उसकी जान के पीछे हाथ धोकर पड़ी है पाकिस्तानी एजेंसी ISI…!
भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को अपने हाथ में न कर पाने से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI बेहद बौखलाई हुई है. गिरफ्त में आए आतंकियों के खुलासे के अनुसार ISI किसी भी कीमत पर अनमोल तक पहुंचना चाहती थी, क्योंकि वह भारत के खिलाफ अपने आतंक नेटवर्क के लिए “काम का मोहरा” बन सकता था. लेकिन अमेरिकी प्रत्यर्पण के जरिए भारत ने अनमोल को सुरक्षित देश वापस लाकर ISI की योजना नाकाम कर दी, जिसके बाद उसकी जान को ISI से खतरा माना जा रहा है.
‘जिस लॉरेंस बिश्नोई और हाल ही में अमेरिका से प्रत्यार्पित करके भारत लाए गए उसके छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के नाम से अच्छे अच्छों को पसीना आ जाता है. वही भारतीय अनमोल बिश्नोई और लॉरेंस बिश्नोई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की नजर में उनके लिए भारत के खिलाफ जिहाद-आतंकवाद छेड़ने-फैलाने के लिए बेहद काम के 'लड़के' या तुरुप का पत्ता साबित हो सकते थे. अब चूंकि इतने काम के यह दोनो भारतीय गैंगस्टर किसी भी कीमत पर जब आईएसआई के हाथ नहीं चढ़े, तो मक्कार पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों का बौखलाना स्वाभाविक है.
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हालांकि, जिस प्रकृति और सोच के यह दोनों बिश्नोई बंधु हैं, उसे देखकर मैं दावे से कह सकता हूं कि यह दोनों अपनी हिफाजत में तो कुछ भी ऊंच-नीच और किसी भी हद का खतरनाक कदम उठा सकते हैं. लेकिन दोनों भाई भारत के दुश्मन नंबर-1 मक्कार पाकिस्तान और उसकी घाघ-घिनौनी मानसिकता वाली एजेंसियों के पल्ले पड़कर, उनके हाथों में खेलने की गलती करेंगे. ऐसा मुझे सपने में भी विश्वास नहीं है. चूंकि अनमोल बिश्नोई अमेरिका से रातों-रात सुरक्षित प्रत्यर्पित होकर भारत पहुंच ही चुका है. तो उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में तो हिंदुस्तानी एजेंसियों व पुलिस जांच करेगी ही. मगर आईएसआई के हाथ अनमोल बिश्नोई नहीं लग सका. इसलिए पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी का खिसियाना लाजिमी है.’
'अनमोल बिश्नोई के करीब पहुंचने को बेताब थी ISI'
यह तमाम बातें स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन के साथ विशेष बातचीत में डॉ. ए.पी. सिंह ने कहीं. डॉ. ए.पी. सिंह भारत के मशहूर क्रिमिनल लॉयर और सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ डिफेंस काउंसिल हैं. वे सोमवार देर रात नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी से खास बातचीत कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “सुना तो मैंने भी है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जिन तीन आतंकवादियों विकास प्रजापति, आरिफ और हरगुनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है. उन्होंने ऐसे तमाम सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा किया है, जिनसे पता चला है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई हर हाल में भारतीय गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई के करीब पहुंचने को बेताब थी.”
पाकिस्तान और आईएसआई बौखलाएगी क्यों नहीं?
“इस बात की भनक जैसे ही भारतीय एजेंसियों को लगी. वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर उससे पहले ही, अमेरिका से अनमोल बिश्नोई को सुरक्षित और रातों-रात भारत प्रत्यार्पित कराके ले आई. मतलब साफ है कि भारत के चतुराई भरे कदम ने पाकिस्तान और उसकी मक्कार खुफिया एजेंसी के मुंह पर कालिख पोत दी है. तो फिर पाकिस्तान और आईएसआई बौखलाएगी क्यों नहीं? मुझे लगता है कि आईएसआई इसी बौखलाहट में भारत को मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई के पीछे हाथ धोकर पड़ गई.
दिल्ली में गिरफ्तार आतंकियों ने भी कबूला अनमोल की जान को आईएसआई से खतरा
अब सुन-देख और पढ़ रहा हूं कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जिन तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है उन्होंने कबूला है कि आईएसआई से अनमोल बिश्नोई की जान को खतरा है. इसका हवाला एनआईए और दिल्ली पुलिस ने उस अदालत को भी दिया है जहां अनमोल बिश्नोई को पेश किया जा रहा है. चूंकि अनमोल बिश्नोई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के बेहद काम का होने के बाद भी उसके हाथ में नहीं फंसा. ऐसे में खिसिआई हुई आईएसआई किसी भी हद तक गिर सकती है. मगर मैं इस बात से पूरी तरह मुतमईन नहीं हूं कि, आईएसआई अब जब अनमोल बिश्नोई भारत के पास सुरक्षित है, वह (ISI) अनमोल का कुछ बिगाड़ पाएगी.”
अनमोल बिश्नोई की जान को किससे था खतरा?
अनमोल बिश्नोई तो खुद ही कुख्यात गैंगस्टर है. उसके ऊपर तमाम मुकदमे दर्ज है. उसके नाम से रूह कांप जाती है. ऐसे गैंगस्टर के लिए भला क्या और किससे कैसे क्यों खतरा हो सकता है? पूछने पर देश के मशहूर क्रिमिनल लॉयर और निर्भया हत्याकांड में फांसी चढ़ चुके सजायाफ्ता मुजरिम के डिफेंस काउंसिल रहे डॉ. एपी सिंह बोले, “देखिए खतरा किसी आतंकवादी या अपराधी को नहीं होता है. न ही सुरक्षा का सवाल किसी आतंकवादी या अपराधी को देने न देने का होता है. सवाल है किसी इंसान की जान की रक्षा करने का. ऐसे में भारतीय एजेंसियों के जरिए अगर अनमोल बिश्नोई ने भी अपनी जान को खतरा होने का आगाह करते हुए भारतीय जांच और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया है. तो इसमें किसी अपराधी या गैर-अपराधी की सुरक्षा का सवाल कहां है. यह तो एक इंसान की सुरक्षा या एक इंसान को खतरे का सवाल है. ऐसे में अगर अनमोल बिश्नोई को कोर्ट के आदेश पर सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. तो इसमें गुनाह या गैर-कानूनी तो कुछ भी नहीं है.”
क्या आप मोस्ट वॉन्टेड अपराधी की सुरक्षा की वकालत कर रहे हैं?
आपके इस तर्क से ऐसा लगता है कि आप एक मोस्ट वॉन्टेड अपराधी-गैंगस्टर की सुरक्षा की पैरोकारी-वकालत कर रहे हैं? स्टेट मिरर हिंदी के सवाल के जवाब में डॉ. एपी सिंह बोले, “नहीं, मैं किसी अपराधी की सुरक्षा बढ़ाई जाने की वकालत नहीं कर रहा हूं. मैं एक जरूरतमंद और खतरे के साए में घूम-फिर रहे इंसान की सुरक्षा की बात कर रहा हूं. वह भी तब जब हमारी जांच एजेंसियों से हासिल तथ्यों के आधार पर अगर कोर्ट अनमोल बिश्नोई को सुरक्षा देती है तब. क्योंकि सुरक्षा देना या न देना ऐसे मामले में कोर्ट पर निर्भर करता है. उसमें डॉ. एपी सिंह या कोई भी जांच-एजेंसी अथवा पुलिस कुछ नहीं कर सकती है. एजेंसियां और मुवक्किल के वकील सिर्फ तथ्यों के साथ अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकते हैं.”
बिश्नोई बंधुओं को अपना खिलौना बनाने की मंशा नहीं होने वाली पूरी
डॉ. ए पी सिंह ने विशेष बातचीत के दौरान स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में कहा, “जहां तक सवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पाकिस्तान में मौजूद गुर्गे शहजाद भट्टी की है. तो वह लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. वह आईएसआई का खरीदा हुआ एजेंट है. जबकि भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई अनमोल बिश्नोई अपने बलबूते बदमाशी करते हैं. शहजाद भट्टी या आईएसआई की वह मनोकामना कभी भारत पूरी नहीं होने देगा, जिसमें शहजाद और आईएसआई बिश्नोई बंधुओं को अपने हाथों का खिलौना बनाकर उन्हें भारत के खिलाफ अपने मन-मुताबिक अपने इशारों पर नचाना चाहते हैं.”





