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Pahalgam Attack: कहां थे वो So Called सुरक्षा इंतजाम? सिक्‍योरिटी एजेंसियों को एक्‍स CBI Joint Director ने धो डाला

पहलगाम में हुई आतंकवादी (Pahalgam Terrorist Attack) घटना से बेहद नाराज पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर सीबीआई शांतनु सेन दोहराते हुए जोर देकर कहते हैं, “कश्मीर घाटी में शांति के दावों की पोल खेलने के लिए पहलगाम खूनी कांड काफी है.''

Pahalgam Attack: कहां थे वो So Called सुरक्षा इंतजाम? सिक्‍योरिटी एजेंसियों को एक्‍स CBI Joint Director ने धो डाला
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 24 April 2025 5:00 PM IST

“22 अप्रैल 2025 यानी दो दिन पहले बीते मंगलवार को कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, भारत सरकार की नाकामी और देश के प्रधानमंत्री कार्यालय व गृह-मंत्रालय के अधीन काम करने वाली रॉ, आईबी, सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ, एनआईए जैसी, नामी-गिरामी एजेंसियों की शर्मनाक हार का पुख्ता सबूत है. 26 या 28 निर्दोषों के नरसंहार के पीछे भी भारत की सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर और भारत की जनता से, कश्मीर घाटी के लोगों को दिए गए उनके वहां (जम्मू कश्मीर घाटी में) सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ बेशर्मी के साथ किये गए घोर-विश्वासघात की भी पराकाष्ठा है.”

भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय और इन दोनों के ही अधीन कार्यरत देश की सरकारी खुफिया, सुरक्षा और जांच एजेंसियों की बखिया उधेड़ती यह दो टूक खरी-खरी सुनाई है 86 साल के वयोवृद्ध शांतनु सेन ने. शांतनु सेन भारत (Shantonu Sen Ex Joint Director CBI) की मशहूर जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो के सेवा-निवृत्त संयुक्त निदेशक हैं. शांतनु सेन गुरुवार को नई दिल्ली में ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के एडिटर क्राइम से, बीते मंगलवार को पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना पर एक्सक्लूसिव बात कर रहे थे.

कौन हैं दबंग शांतनु सेन?

1960 के दशक में शांतनु सेन सीबीआई में डिप्टी एसपी के पद पर सीधे भर्ती हुए थे. 1990 के दशक में सीबीआई से संयुक्त निदेशक के पद से रिटायर शांतनु सेन पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के लिए, पाकिस्तान से ज्यादा भारत सरकार और उसकी उन एजेंसियों से खासे नाराज दिखे, जिनकी जिम्मेदारी ही ऐसी घटनाओं की रोकथाम की है. ऑपरेशन ब्लू स्टार, मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन इंटरनेशनल आतंकवादी दाउद इब्राहिम द्वारा, 1993 में कराए गए मुंबई सीरीयल बम-धमाकों की जांच. बॉलीवुड एक्टर और भारत के पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री (अब स्वर्गवासी) कांग्रेसी नेता सुनील दत्त व मशहूर हीरोईन नरगिस दत्त के बेटे बॉलीवुड स्टार संजय दत्त का पीछा, हथियार रखने के आरोप में टाडा मामले से छूट पाने के पीछे, कांग्रेस के राज में 1990 के दशक में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में हुए देश के सबसे बड़े 133 करोड़ के यूरिया घोटाले की पड़ताल, भारत के केंद्रीय उर्जा मंत्री रहते हुए भी कल्पनाथ राय को गिरफ्तार करने (दाउद इब्राहिम के गुर्गों को दिल्ली में शरण देने के आरोप में) की कुव्वत करने वाले भी यही शांतनु राय रहे हैं.

खरबों की खर्चीले भारतीय एजेंसियां कहां थीं?

पहलगाम में बेकसूरों के नरसंहार से बेहद नाराज शांतनु सेन कहते हैं, “पाकिस्तान तो हमारा दुश्मन है. भारत सहित दुनिया को मालूम है. उससे तो हमें हर पल सतर्क रहना ही चाहिए. सवाल यह पैदा होता है कि भारत के प्रधानमंत्री के कार्यालय के अधीन कार्यरत और खुद को दुनिया की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी का ढिंढोरा पीटने वाली कथित इंटरनेशनल खुफिया एजेंसी, भारत के केंद्रीय गृह-मंत्रालय के अधीन कार्यरत अरबों-खरबों का सालाना बजट डकारने वाली, रॉ (RAW) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ Border Security Force BSF) और आईबी (IB) पहलगाम खूनी कांड होने तक किसके इशारे पर और कहां सो रही थीं? जिनकी जिम्मेदारी ही सिर्फ और सिर्फ खुफिया इनपुट लाकर देना और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने की है. जब यही सब सो जाएं तो फिर देश को भला कौन पहलगाम और पुलवामा बनने से बचा सकता है और कैसे?”

370 हटने के बाद क्या यही 'रामराज' आया है?

पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा खेली गई खूनी-लोमहर्षक होली के लिए सीबीआई (CBI) के रिटायर्ड संयुक्त निदेशक सीधे तौर पर, पाकिस्तान से ज्यादा हिंदुस्तानी हुकूमत और उसके सालाना भारी-भरकम बजट पर पल रही खुफिया-सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदार मानते हैं. उनके मुताबिक, “पहलगाम में जो कुछ हुआ उस सबके लिए मैं बेखौफ कह सकता हूं कि, पाकिस्तान से ज्यादा तो हमारे अपने ही ‘सुस्त पड़े लोग और एजेंसियां’ जिम्मेदार हैं. वे सब जिम्मेदार हैं जिन्होंने ढिंढोरा पीटकर दुनिया को बताया कि, कश्मीर घाटी से अनुच्छेद-370 हटने के बाद अब वहां (कश्मीर घाटी) में पूरी तरह से आतंकवाद साफ हो गया है और वहां अब ‘रामराज’ आ चुका है. रामराज तो बेहद न्यायप्रिय और शांत-सुशासनपूर्ण होता है. यह कैसा रामराज है जिसमें निहत्थे निर्दोषों को भरी दोपहरी में चारों ओर से घेरकर स्वचालित हथियारों से भून डाला जाता हो?”

कश्मीरियों के संग हद से परे की बेशर्मी-विश्वासघात

पहलगाम में हुई आतंकवादी (Pahalgam Terrorist Attack) घटना से बेहद नाराज पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर सीबीआई शांतनु सेन दोहराते हुए जोर देकर कहते हैं, “कश्मीर घाटी में शांति के दावों की पोल खेलने के लिए पहलगाम खूनी कांड काफी है. हमारे नेता और एजेंसियां किस तरह से कश्मीर घाटी में शांति-अमन की झूठी बातें गा-बजाकर मासूम जनता को बहलाते-बरगलाते हैं? इसका पुख्ता सबूत ही तो है पहलगाम की खूनी होली. यह घटना साबित करती है कि देश और कश्मीर के लोगों को हमारे नेताओं और, उनके अधीन कार्यरत सरकारी एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में शांति-अमन आ जाने के फर्जी-झूठे वायदे किस कदर की बेशर्मी और विश्वासघात के साथ किए हैं?”

तब तक पाकिस्तान सा भिखमंगा चुनौती बना रहेगा

कई साल तक दिल्ली के उप-राज्यपाल और पूर्व दबंग ब्यूरोक्रेट तेजेंद्र खन्ना के साथ उनके ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) रह चुके शांतनु सेन कहते हैं, “जब तक पॉलिटिकल नेतृत्व दृढ़ इच्छा-शक्ति वाला नहीं होगा. तब तक कोई देश, शहर या राज्य अथवा गांव सुरक्षित हो ही नहीं सकता है. जब तक तेजेंद्र खन्ना के साथ मैंने काम किया, तब तक दिल्ली में एक भी आतंकवादी घटना अंजाम नहीं दी जा सकी. यह कोई मेरी जीत नहीं थी. वह सफल उदाहरण था दृढ़ इच्छा शक्ति वाले नेतृत्व का.

तब भारत में पहलगाम-पुलवामा नहीं होंगे

जब तक रॉ, सीबीआई, बीएसएफ, आईबी, एनआईए को अपने विभागीय पदोन्नत-प्रोन्नति मूल कैडर के अधिकारी, विभाग के मुखिया के रूप में नहीं मिलेंगे. जब तक पांच-पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर आया राम-गया राम वाले अधिकारियों के हाथों में, इन बेहद अहम एजेंसियों-महकमों की बागडोर रहेगी तब तक, पहलगाम जैसी घटनाओं को अंजाम दे या दिलवा कर, पाकिस्तान जैसे ओछे-भिखमंगे देश और उनकी एजेंसियां, भारत की सुरक्षा और संप्रुभता को बौना साबित करने में कारगर साबित होती रहेंगीं. हिंदुस्तानी हुकूमत जिस दिन रॉ, आईबी, सीबीआई, बीएसएफ, एनआईए, सीआरपीएफ आदि को उनके अपने विभागीय परमानेंट विभागीय मुखिया (हेड ऑफ द डिपार्टमेंट) दे देगी, उस दिन देखिए इन्हीं एजेसियों का दुश्मन के दिल-ओ-दिमाग में किस तरह का खौफ पैदा हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि, पहलगाम-पुलवामा अंजाम देने की औकात किसी की हो ही नहीं सकेगी.”

आतंकी हमला
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